उपराष्ट्रपति चुनाव: ओवैसी और YSRCP ने खोले पत्ते.... BJD और BRS ने भी साफ किया रूख, जानें सीपी राधाकृष्णन या सुदर्शन रेड्डी, किसे देंगे वोट?
उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले गैर-NDA और गैर-इंडिया गठबंधन दलों ने रुख साफ करना शुरू कर दिया है. ओडिशा की BJD और तेलंगाना की BRS मतदान से दूर रह सकती हैं, क्योंकि दोनों दल गठबंधनों से दूरी बनाए रखना चाहते हैं. वहीं आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP ने विपक्ष को झटका देते हुए NDA उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है. जबकि AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में वोट करने का ऐलान किया है.
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देश की राजनीति इस वक्त उपराष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी बढ़ी हुई है. मंगलवार 9 सितंबर को होने वाले मतदान से पहले हर बड़ा और छोटा दल अपनी रणनीति तय कर रहा है. यह चुनाव सिर्फ औपचारिकता नहीं, बल्कि सत्ता और विपक्ष के बीच ताकत की एक बड़ी परीक्षा माना जा रहा है. इस बार मुकाबला बेहद दिलचस्प है, क्योंकि दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से आते हैं. एक तरफ हैं एनडीए (NDA) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन. दूसरी तरफ विपक्ष यानी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी.
YSRCP ने खोले पत्ते, NDA को मिला समर्थन
इस चुनाव में सबसे बड़ा सरप्राइज आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर ने दिया है. पार्टी ने साफ ऐलान किया कि वह विपक्ष के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी की बजाय एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन का समर्थन करेगी. पार्टी सांसद अयोध्या रामी रेड्डी ने इस बात की पुष्टि भी की. गौर करने वाली बात यह है कि वाईएसआर फिलहाल किसी भी राष्ट्रीय गठबंधन का हिस्सा नहीं है. फिर भी उसने अपने ही राज्य के दिग्गज और विपक्ष के उम्मीदवार को न चुनते हुए भाजपा खेमे को मजबूत किया. इसे इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
BJD और BRS का रुख अभी अनिश्चित
इसी बीच सबकी नजर दो बड़े तटस्थ दलों पर टिकी है. पहल बीजू जनता दल (BJD) और दूसरा भारत राष्ट्र समिति (BRS). सूत्रों का कहना है कि दोनों ही दल संभवतः मतदान से दूरी बना सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो यह विपक्ष की स्थिति और कमजोर कर देगा. फिलहाल, अंतिम फैसला इन दलों का शीर्ष नेतृत्व मतदान से कुछ घंटे पहले ही करेगा.
ओवैसी ने किया सुदर्शन रेड्डी का समर्थन
वहीं हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में समर्थन का ऐलान कर दिया. ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उनकी पार्टी एक सम्माननीय न्यायविद और हैदराबाद के बेटे सुदर्शन रेड्डी को समर्थन देती है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "आज तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने मुझसे बात कि और इंडिया ब्लॉक के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी का समर्थन करने का अनुरोध किया. हमारी पार्टी हमारे साधी हैदराबादी और एक सम्माननीय न्यायमूर्ति रह चुके जस्टिस रेड्डी को देती है. मैंने जस्टिस रेड्डी से भी बात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं."
.@TelanganaCMO spoke to me today and requested that we support Justice Sudershan Reddy as Vice President. @aimim_national will extend its support to Justice Reddy, a fellow Hyderabadi and a respected jurist. I also spoke to Justice Reddy and expressed our best wishes to him.
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) September 6, 2025
संख्याबल में NDA की बढ़त
अगर संख्याबल की बात करें तो फिलहाल तस्वीर एनडीए के पक्ष में साफ दिखाई देती है. एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 439 सांसदों का समर्थन हासिल है. वहीं विपक्षी उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को 324 सांसदों का समर्थन प्राप्त है. यानी आंकड़ों के हिसाब से एनडीए की स्थिति मजबूत है.
कब और कहां होगा मतदान
राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव का मतदान संसद भवन के कमरा संख्या एफ-101 (वसुधा कक्ष) में होगा. मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगा. इसके बाद उसी दिन शाम 6 बजे मतगणना शुरू हो जाएगी और परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे. महत्वपूर्ण बात यह है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों के सदस्य शामिल होते हैं. राज्यसभा के मनोनीत सदस्य भी इस प्रक्रिया का हिस्सा होते हैं. कुल मिलाकर निर्वाचक मंडल में 788 सदस्य शामिल हैं, हालांकि फिलहाल यह संख्या 781 है.
दोनों उम्मीदवारों का परिचय
सीपी राधाकृष्णन: तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले राधाकृष्णन भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं. उन्हें संगठन में कड़ा और अनुशासित नेता माना जाता है. वहीं इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रह चुके रेड्डी 2011 में सेवानिवृत्त हुए. वे कई ऐतिहासिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं. इनमें छत्तीसगढ़ सरकार की सलवा जुडूम योजना को असंवैधानिक ठहराना और विदेशों में जमा काले धन पर एसआईटी के गठन का आदेश देना शामिल है.
उपराष्ट्रपति चुनाव की अहमियत
उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है और वह राज्यसभा का सभापति भी होता है. ऐसे में यह पद सिर्फ औपचारिक नहीं बल्कि संसदीय लोकतंत्र में बेहद प्रभावशाली माना जाता है. यही कारण है कि इस चुनाव को सत्ता और विपक्ष दोनों ही प्रतिष्ठा की लड़ाई के तौर पर देख रहे हैं.
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बताते चलें कि 9 सितंबर को होने वाला यह चुनाव सिर्फ आंकड़ों की लड़ाई नहीं बल्कि राजनीतिक संदेश देने का भी मंच है. YSRCP के फैसले से विपक्ष की रणनीति पर गहरा असर पड़ा है. वहीं BJD और BRS का रुख आखिरी समय तक उत्सुकता बनाए रखेगा. हालांकि, संख्याबल को देखें तो एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन की राह ज्यादा आसान लग रही है. अब सबकी नजर मतदान और शाम तक आने वाले नतीजों पर टिकी है.
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