उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने वाराणसी में 60 करोड़ की लागत से बने सत्रम का किया उद्घाटन
उपराष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए काशी (वाराणसी) और तमिलनाडु के बीच प्राचीन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन पर प्रकाश डाला.
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उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वाराणसी में श्री काशी नाटकोट्टाई नगर सत्रम प्रबंध सोसायटी द्वारा निर्मित नए सत्रम (विश्राम स्थल) का उद्घाटन किया.
उपराष्ट्रपति ने वाराणसी में नए सत्रम (विश्राम स्थल) का किया उद्घाटन
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 140 कमरों वाला 10 मंजिला सत्रम, वाराणसी में श्रद्धालुओं के लिए सोसाइटी द्वारा निर्मित दूसरा केंद्र है.
हमारी भाषाएं भले ही अलग हों, किंतु भारत की आत्मा एक ही है ... pic.twitter.com/V7fQp7NRRh
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) October 31, 2025
आधिकारिक बयान में कहा गया कि इसका उद्देश्य श्रद्धालुओं की सेवा करना और युवा पीढ़ी को इस पवित्र शहर की यात्रा के लिए प्रोत्साहित करना है. यह पहल काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन को दर्शाती है, जो 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना में काशी-तमिल के गहरे जुड़ाव का प्रतीक है.
उपराष्ट्रपति ने सभा को संबोधित करते हुए काशी (वाराणसी) और तमिलनाडु के बीच प्राचीन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक बंधन पर प्रकाश डाला.
उपराष्ट्रपति ने पवित्र शहर की प्रगति का श्रेय प्रधानमंत्री और आदित्यनाथ को दिया
उन्होंने इस पवित्र शहर की अपनी पिछली यात्राओं को याद किया और पिछले 25 वर्षों में इसके उल्लेखनीय परिवर्तन का उल्लेख किया. उन्होंने इस प्रगति का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के दूरदर्शी नेतृत्व को दिया.
उपराष्ट्रपति ने नागरथर समुदाय की समर्पित सामाजिक सेवा और जहां भी वे जाते हैं, तमिल संस्कृति को बढ़ावा देने के उनके निरंतर प्रयासों की प्रशंसा की.
60 करोड़ रुपए की लागत से बना विश्राम स्थल
उन्होंने 60 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित सत्रम के निर्माण के लिए समुदाय की सराहना की, जो पूरी तरह से सामुदायिक दान से वित्त पोषित है, और नए भवन को विश्वास, लचीलेपन और विभिन्न क्षेत्रों के बीच सहयोग का प्रतीक बताया.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंततः धर्म की ही जीत होती है और कहा कि जिस भूमि पर अब सतराम स्थित है, उस पर कभी अतिक्रमण किया गया था, लेकिन राज्य सरकार के प्रयासों से उसे सफलतापूर्वक पुनः प्राप्त कर लिया गया. उन्होंने कहा कि सतराम अब भक्तों के लिए एक उत्कृष्ट सुविधा के रूप में स्थापित है.
काशी को माना जाता है दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी
उपराष्ट्रपति ने कहा कि काशी को दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है और कहा कि नवनिर्मित सतराम आने वाले भक्तों को बहुत लाभान्वित करेगा और साथ ही आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने में भी मदद करेगा.
राधाकृष्णन ने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में देवी अन्नपूर्णी अम्मन देवी की मूर्ति की वापसी की भी सराहना की.
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बयान में कहा गया है कि एक सदी से भी पहले वाराणसी के मंदिर से चुराई गई मूर्ति, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के निरंतर प्रयासों के कारण 2021 में कनाडा से भारत वापस आ गई.
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