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धामी सरकार का कीर्तिमान… खनन सुधार में उत्तराखंड ने जम्मू और नागालैंड को भी पछाड़ा, मिली 200 करोड़ की सौगात

केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने ताजा मूल्यांकन किया था. जिसमें तकनीकी सुधार से लेकर निगरानी और तुरंत एक्शन तक में उत्तराखंड ने खनन सुधार में कई मजबूत बदलाव किए हैं.

21 Nov, 2025
( Updated: 03 Dec, 2025
08:43 AM )
धामी सरकार का कीर्तिमान… खनन सुधार में उत्तराखंड ने जम्मू और नागालैंड को भी पछाड़ा, मिली 200 करोड़ की सौगात

खनन सुधारों के मामले में उत्तराखंड (Uttarakhand) की धामी सरकार ने नया कीर्तिमान रच दिया है. केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को खनन सुधार में सबसे बेहतर प्रदर्शन वाले राज्य घोषित किया है. यानी अब देवभूमि इस क्षेत्र में जम्मू कश्मीर और नागालैंड जैसे राज्यों को पछाड़ते हुए नंबर वन का खिताब हासिल कर लिया है. 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) खनन सुधार के लिए प्रदेश में लगातार पारदर्शिता और बेहतर नीतियों पर काम कर रहे हैं. खनन सुधार की दिशा में केंद्र सरकार से मिला ये दर्जा बड़ी सफलता मानी जा रही है. केंद्र सरकार के खान मंत्रालय ने ताजा मूल्यांकन किया था. जिसमें तकनीकी सुधार से लेकर निगरानी और तुरंत एक्शन तक में उत्तराखंड ने खनन सुधार में कई मजबूत बदलाव किए हैं. 

केंद्र सरकार से उत्तराखंड को मिला 200 करोड़ का ईनाम 

खनन सुधार में राज्य की अग्रणी भूमिका के बाद केंद्र सरकार ने प्रदेश को विशेष सहायता राशि के तौर पर 200 करोड़ रुपए दिए हैं. खान मंत्रालय ने देवभूमि को 100 करोड़ रुपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी. इससे पहले भी अक्टूबर 2025 में मंत्रालय ने राज्य खनन तत्परता सूचकांक (SMRI) उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिलने के बाद 100 करोड़ की प्रोत्साहन राशि जारी की थी. अब तक कुल 200 करोड़ रुपए उत्तराखंड को उसके उल्लेखनीय प्रदर्शन के चलते मिल चुके हैं.

उत्तराखंड को यह बड़ी राशि स्पेशल असिस्टेंस फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट (SASCI) योजना के तहत मिली है. जो राज्यों को सुधारों के आधार पर अतिरिक्त धन के रूप में दी जाती है और यह पूरी तरह ब्याज मुक्त और निवेश के रूप में होती है. 

उत्तराखंड ने खनन सुधार के लिए क्या किया? 

उत्तराखंड ने निगरानी और टेक्निकल सुधार के लिए कई कदम उठाए. जिसमें माइनिंग डिजिटल ट्रासफॉर्मेशन एंड सर्विलांस सिस्टम (MDTSS) भी शामिल है. इसके तहत खनन वाहनों की डिजिटली निगरानी संभव हो सकी. इसमें GPS ट्रैकिंग, ई-ट्रांजिट पास और रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसे कदम शामिल हैं. ताकि अवैध खनन गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा सके. इसके साथ ही फिजिकल सर्वे को भी तवज्जो दी गई. अवैध खनन रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया गया. नदी किनारे माइनिंग को रोकने के लिए निगरानी तेज की गई. अवैध सामग्री वाले वाहनों चालान, ई चालान और ई परमिट जैसे एक्शन लिए गए. जिससे ओवरलोडिंग कम हुई. क्योंकि अवैध सामग्री भरने से पहले और भरते समय ही मामला पकड़ में आने लगा और माफियाओं में खौफ पैदा हुआ. 

पुलिस के साथ सतर्क हुआ खनन विभाग 

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उत्तराखंड में खनन सुधार के लिए सरकार की तीनों कड़ियों पुलिस, प्रशासन और खनन विभाग ने सयुंक्त रूप से कार्रवाई की. लगातार अभियान चलाए गए, रात में भी चौकसी बढ़ाई गई और टारगेट पर एक्शन लिया गया. जैसे तुरंत भारी जुर्माना, वाहन सीज और जब्त जैसे कदम अवैध खनन को रोकने में कारगर रहे. यानी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोर्चे पर धामी सरकार ने अवैध खनन के खिलाफ जमीन पर काम किया. केंद्र से मदद मिलने के बाद खनन सुधारों को और भी मजबूत किया जाएगा. ताकि राज्य लगातार इस क्षेत्र में प्रगति करता रहे.  

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