उत्तराखंड की धामी सरकार का बड़ा फैसला, पेपर लीक के बाद रद्द की UKSSSC परीक्षा
उत्तराखंड सरकार ने UKSSSC (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है. परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक होने के कई हफ्ते बाद राज्य सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.
Follow Us:
उत्तराखंड सरकार ने UKSSSC (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा को रद्द कर दिया है. परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक होने के कई हफ्ते बाद राज्य सरकार ने यह बड़ा कदम उठाया है.
पिछले दिन भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. सचिवालय में मुख्यमंत्री से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में खजान दास, दिलीप सिंह रावत, विनोद कंडारी, बृजभूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट और रेनू बिष्ट शामिल थे. पार्टी की ओर से सौंपे गए ज्ञापन में उन्होंने अनुरोध किया कि छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए हाल ही में आयोजित UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा को रद्द किया जाए. इस मुलाकात के अगले दिन शनिवार को राज्य सरकार ने 21 सितंबर को हुई UKSSSC परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया.
पेपर लीक मामले में CM धामी सख्त
बता दें कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने UKSSSC परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक मामले में शुरू से ही सख्त रवैया अपनाया है. उन्होंने एक बयान में कहा था कि मामले में लिप्त किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री धामी ने पेपर लीक के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने वाले छात्रों से मुलाकात के दौरान मामले की सीबीआई जांच कराने की भी घोषणा की थी.
UKSSSC की स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्नपत्र हुआ था लीक
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा का प्रश्नपत्र कथित रूप से लीक होने का मामला 21 सितंबर को हरिद्वार के आदर्श बाल इंटर कॉलेज से सामने आया था. मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया गया.
मामले पर पुलिस ने दी जानकारी
पुलिस के अनुसार, खालिद ने हरिद्वार के बहादुरपुर जट गांव में स्थित परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो लेकर अपनी बहन साबिया को भेजी. साबिया ने इन प्रश्नों को टिहरी की एक सहायक प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाया, जिन्होंने इन उत्तरों को हल कर अभ्यर्थियों के लिए उपलब्ध कराए. सुमन ने इन स्क्रीनशॉट्स की जानकारी एक अन्य व्यक्ति से साझा की. उस व्यक्ति ने इसे सीधे पुलिस या किसी सक्षम अधिकारी को नहीं दिया, बल्कि सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया. इसके चलते प्रश्नपत्र तेजी से फैल गया.
उस समय सुमन टिहरी के अगरोड़ा कॉलेज की असिस्टेंट प्रोफेसर थीं. जांच के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. उत्तराखंड प्रशासन ने हरिद्वार में तैनात सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया. इससे पहले, बहादुरपुर जट स्थित एग्जाम सेंटर पर ड्यूटी में तैनात एक दारोगा और एक कांस्टेबल को सस्पेंड किया जा चुका था.
यह भी पढ़ें
टिप्पणियाँ 0
कृपया Google से लॉग इन करें टिप्पणी पोस्ट करने के लिए
Google से लॉग इन करें