महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 120 गर्भवती महिलाओं में बांटी पोषण किट, बोले- देश का नाम भी गर्व से ऊंचा होगा
पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी हमेशा से यह कोशिश रही है कि हमारी बहनों और बेटियों को अच्छे अवसर और उज्ज्वल भविष्य मिले. इसी कड़ी में रविवार को चारकोप में 120 प्रेग्नेंट महिलाओं का मेडिकल चेकअप किया गया, जिनमें से कई का वजन सामान्य से कम था और ये ज्यादातर गरीब या लोअर-मिडिल क्लास परिवारों से थीं. चेकअप के बाद इन महिलाओं को सात महीने के लिए न्यूट्रिशन किट दी गई.
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उत्तर मुंबई के चारकोप में रविवार को आयोजित खासदार मातृशक्ति पोषण अभियान में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भाग लिया, जिसका मकसद महिलाओं और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य और पोषण सुनिश्चित करना था. इस मौके पर 120 गर्भवती महिलाओं को आवश्यक पोषण सामग्री वितरित की गई.
‘इन महिलाओं को सात महीने के लिए न्यूट्रिशन किट दी गई’
पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी हमेशा से यह कोशिश रही है कि हमारी बहनों और बेटियों को अच्छे अवसर और उज्ज्वल भविष्य मिले. इसी कड़ी में रविवार को चारकोप में 120 प्रेग्नेंट महिलाओं का मेडिकल चेकअप किया गया, जिनमें से कई का वजन सामान्य से कम था और ये ज्यादातर गरीब या लोअर-मिडिल क्लास परिवारों से थीं. चेकअप के बाद इन महिलाओं को सात महीने के लिए न्यूट्रिशन किट दी गई. इसमें चार महीने प्रेग्नेंसी के दौरान और बच्चे के जन्म के तीन महीने बाद तक उन्हें ये किट मिलेगी.
इस किट में क्या-क्या है?
पीयूष गोयल ने बताया कि इस किट में पोषण संबंधी जरूरी चीजें हैं, जैसे खजूर, आंवला, गुड़ और सोया बड़ी, ताकि मां और बच्चा दोनों हेल्दी रहें और कुपोषण से बचा जा सके. उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से न सिर्फ माताओं का स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि उनके बच्चे भी स्वस्थ और मजबूत होंगे, जो आगे चलकर देश के लिए गर्व का कारण बनेंगे.
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ये भी बताया कि इस कार्यक्रम में बीएमसी के डॉक्टरों ने मदद की और उन्होंने सभी महिलाओं का पूरा चेकअप किया. मंत्री ने कहा कि 120 महिलाओं को यह किट वितरण के बाद बड़ी संतुष्टि महसूस हुई. यह पहल सिर्फ आज के लिए नहीं है, बल्कि आने वाले समय में भी महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करेगी.
‘देश का नाम भी गर्व से ऊंचा होगा’
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पीयूष गोयल ने कहा कि हमेशा समाज में महिलाओं को बराबरी के अवसर मिलने चाहिए. इस तरह के कार्यक्रम उन्हें सशक्त बनाते हैं और उनके बच्चों का भविष्य भी उज्ज्वल होता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह की पहलों से न सिर्फ स्थानीय स्तर पर महिलाओं और बच्चों को फायदा होगा, बल्कि देश का नाम भी गर्व से ऊंचा होगा.
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