'तिरंगा हमारी पहचान...', जम्मू-कश्मीर में निकाली गई भव्य तिरंगा यात्रा, CM उमर अब्दुल्ला ने की झंडे की आन-बान-शान बनाए रखने की अपील
जम्मू-कश्मीर के बारामूला में आयोजित भव्य तिरंगा यात्रा में 12,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मौके पर तिरंगे को सिर्फ समारोहों तक सीमित न रखने और उसकी गरिमा को हर दिन बनाए रखने की अपील की. इस यात्रा का उद्देश्य राज्य में राष्ट्रीय एकता, शांति और भाईचारे का संदेश देना था.
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हाल ही में जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में एक भव्य तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया, जिसमें करीब 12,000 से अधिक नागरिकों ने भाग लिया. यह यात्रा न सिर्फ एक राष्ट्रीय उत्सव थी, बल्कि जम्मू-कश्मीर में शांति, एकता और सद्भाव के संदेश को फैलाने का भी एक मजबूत माध्यम बनी. इस कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे, जिन्होंने इस ऐतिहासिक अवसर को सराहा.
इस भव्य तिरंगा यात्रा का उद्देश्य लोगों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना और यह दिखाना था कि जम्मू-कश्मीर के नागरिक भारत के प्रतीक, तिरंगे के प्रति अपने गहरे सम्मान और लगाव को बनाए रख रहे हैं.
सीएम उमर अब्दुल्ला का बयान
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मौके पर कहा, " जिन्होंने तिरंगे के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी, जिन्होंने अपने भविष्य की चिंता न करते हुए अपना आज तिरंगे के लिए कुर्बान कर दिया, उन्होंने कभी यह नहीं सोचा कि वे अकेले क्या कर सकते हैं, उन्होंने यह सोचा कि तिरंगे की रक्षा के लिए वे अकेले ही काफी हैं...हमारा ध्वज हमारी पहचान है और हमें इसकी गरिमा बनाए रखनी है..." उन्होंने आगे जोर देते हुए कहा कि तिरंगे का सम्मान केवल तिथियों और समारोहों तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि इसे हमारे रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए.
उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे तिरंगे की गरिमा बनाए रखें, उसका सम्मान करें और इसे हर स्थान पर, चाहे घर हो या सार्वजनिक जगह, आदर के साथ रखें. उमर अब्दुल्ला का यह संदेश जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
#WATCH | Srinagar: J&K CM Omar Abdullah says, "... Those who sacrificed their lives for the tirangaa, those who did not worry about their future and gave their today for the tirangaa, they thought that they alone were enough to take care of the tirangaa. For the welfare of the… https://t.co/x6TDfbMXpO pic.twitter.com/0k6AMCl6ZY
— ANI (@ANI) August 12, 2025
यात्रा का महत्व और संदेश
इस तिरंगा यात्रा का आयोजन एकता, भाईचारे और शांति के संदेश को प्रसारित करने के उद्देश्य से किया गया था. उमर अब्दुल्ला ने कहा, “यह यात्रा साबित करती है कि जम्मू-कश्मीर के लोग एकजुट हैं और तिरंगे के नीचे एक साथ खड़े हैं.” यह पहल राज्य में सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करती है, खासकर तब जब क्षेत्र में अतीत में राजनीतिक अस्थिरता रही हो. इस प्रकार के कार्यक्रमों से न केवल लोगों में देशभक्ति की भावना मजबूत होती है, बल्कि वे एक दूसरे के प्रति सम्मान और सहयोग की भावना भी विकसित करते हैं.
बारामूला में आयोजित यह भव्य तिरंगा यात्रा जम्मू-कश्मीर के नागरिकों की तिरंगे के प्रति गहरी निष्ठा और सम्मान को दर्शाती है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अपील ने इस भावना को और प्रबल किया है, जो राज्य में एकता, शांति और विकास की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है.
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इस यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान करते हैं और तिरंगे की गरिमा को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे. ऐसे आयोजनों से न केवल राष्ट्रीय एकता को बल मिलता है, बल्कि जम्मू-कश्मीर में सामाजिक और सांस्कृतिक सद्भाव को भी बढ़ावा मिलता है.
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