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मिल गया ख़ज़ाना ! बलिया इतिहास रचने को तैयार, पाकिस्तान में हड़कंप !

भारत के उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के सागरपाली क्षेत्र में गंगाबेसीन के पास कच्चे तेल के बड़े भंडार मिलने की उम्मीद की गई है…महीनों की रिसर्च और सर्वे के बाद भारत में तेल और नेचुरल गैस की खोज करने वाली कंपनी ONGC यानी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन ने ये दावा कर यहां खुदाई का काम भी तेज़ कर दिया है

01 Apr, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
08:14 PM )
मिल गया ख़ज़ाना ! बलिया इतिहास रचने को तैयार, पाकिस्तान में हड़कंप !
कच्चे तेल के लिए खाड़ी देशों पर निर्भर रहने वाला भारत अब किसी के सामने तेल के लिए मोहताज नहीं होगा। 80 फ़ीसदी से ज़्यादा तेल अरब देशों से लेने वाले भारत को एक ऐसा जैकपॉट लगा है जिसके बारे में सुनकर पाकिस्तान के भी कान खड़े हो गए हैं। पाकिस्तानी हुकूमत की सांसे फूल रही हैं। यूपी की धरती सोना उगलने वाली है। ये जानकर पूरे पाकिस्तान में हड़कंप हैं। पाकिस्तान सोच में है कि अगर ऐसा होता है तो वो कैसे अरब देशों को अपना आका मानकर भारत को आंख दिखा पाएगा। दरअसल, भारत के उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद के सागरपाली क्षेत्र में गंगाबेसीन के पास कच्चे तेल के बड़े भंडार मिलने की उम्मीद की गई है। महीनों की रिसर्च और सर्वे के बाद भारत में तेल और नेचुरल गैस की खोज करने वाली कंपनी ONGC यानी ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन ने ये दावा कर यहां खुदाई का काम भी तेज़ कर दिया है। अगर इस जगह पर कच्चा तेल मिलता है तो बागी बलिया के नाम से जाना जाने वाला शहर एक बार फिर से इतिहास रच देगा। कहा ये जा रहा है कि इस जगह पर इतने तेल के भंडार हो सकते हैं कि दशकों तक वो भारत की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं। इस तेल भंडार को खोजने के लिए ज़मीन में 3000 मीटर नीचे तक खुदाई की जा रही है। और अगर यहां तेल मिलता है तो आस पास के इलाक़ों में खुदाई का काम शुरू कर दिया जाएगा। क्योंकि फिर 300 किमी तक तेल मिलने की संभावना होगी।


अब जहां ये खुदाई ONGC कर रही है वो ज़मीन किसी आम शख़्स के पास नहीं इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि तेल मिलने की संभावना महान स्वतंत्रता सेनानी ‘शेर-ए-बलिया’ चित्तू पांडेय के वंशजों के पास ही है चित्तू पांडेय को शेर जिन्होंने भारत की आज़ादी के पहले 1942 में ही बलिया को अग्रजों के चंगुल से मुक्त करा लिया था। हालांकि बाद में अंग्रेज़ों ने फिर से उसपर क़ब्ज़ा किया लेकिन चित्तू पांडेय के साहस को देखते हुए पंडित जवाहर लाल नेहरू और सुभाषचंद्र बोस ने ‘शेर-ए-बलिया’ की उपाधि उन्हें दी। चित्तू पांडेय के दृढ़ को देखते हुए अंग्रेज़ों में ख़ौफ़ भर चुका था। और इसके बाद स्वतंत्रता संग्राम में एक नई तेज़ी दिखाई दी।अब इन्हीं चित्तू पांडेय की ज़मीन सोना उगलने को तैयार है। एक बहुत बड़ा ख़ज़ाना उनकी ज़मीन के नीचे खोज जा रहा है। ONGC ने उनकी ज़मीन को 3 साल के लिए अधिकृत किया है और इसके लिए सालाना 10 लाख रुपये किराया उनके परिवार को मिलेगा। चित्तू पांडेय का परिवार इस बहुत खुश है कि उनके परिवार के साथ उनकी ज़मीन पर देश के काम आ रही है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चित्तू पांडेय के परपोते विनय पांडेय ने कहा, "मेरे परदादा ने जिस तरह आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी, अब उनकी जमीन पर एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज होने जा रही है। ONGC ने तीन साल के लिए उनकी जमीन को किराए पर लिया है और लगातार आधुनिक मशीनों से खुदाई कर रही है "

एक्सपर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में 3,000 से 5,000 मीटर तक खुदाई करनी होगी, जिसके बाद तेल मिलने की संभावना और बढ़ जाएगी। हालांकि शुरुआती दौर में ही खुदाई के बाद कच्चे तेल मिलने के संकेत मिलने लगे हैं. फिलहाल इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है

अब इन संभावनाओं से ना केवल चित्तू पांडेय का परिवार खुश है बल्कि पूरे क्षेत्र का किसान गदगद है उन्हें भी यक़ीन है कि तेल का बड़ा भंडार जल्द यहां मिलेगा। जिससे पूरे क्षेत्र की क़िस्मत बदलने वाली है। बागी बलिया को लोग देश के बड़े आर्थिक शहर के तौर पर देखेंगे। युवाओं को काम की कमी नहीं होगी..यहां तेल मिलने से भारत की निर्भरता खाड़ी देशों के साथ साथ अमेरिका और रूस पर भी काफ़ी हद तक कम होगी। पाकिस्तान में तो ये चर्चा है कि बलिया में इतना तेल मिला है कि वो अरब देशों को पीछे छोड़ने वाला है। अब बलिया में ज़ोरों शोरों से तेल की खोज को जारी है हर तरफ़ ज़बरदस्त उत्साह का माहौल है लेकिन अगर यहां तेल नहीं मिलता है तो ONGC ने ये भी आश्वासन दिया है कि जमीन को किसानी के लिए वापस वैसे ही कर दिया जाएगा।

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