भारत के इस कदम से PAK की उड़ गई नींद, 40000 करोड़ रुपये से ये खतरनाक हथियार खरीदने जा रही भारतीय सेना!
भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर जिस तरह कार्रवाई की है, उसके बाद सेना की ताकत को और भी ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए सरकार ने सेना को हथियार ख़रीदने की ऐसी छूट दी है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान की चिंता और बढ़ने वाली है.

ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई अभी भी जारी है. इस बात को खुले तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहकर दुनिया के तमाम देशों के लिए एक मैसेज दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी. इसके साथ ही सरकार लगातार सेना का मनोबल बढ़ा रही है. इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. जो भारत की सेना को नई ताकत देगी जबकि आतंकवाद के मददगार पाकिस्तान के माथे पर पसीना ला देगी.
सेना को 40,000 करोड़ की मंजूरी
पाकिस्तान पर कार्रवाई के दौरान भारतीय वायु सेना ने ब्रह्मोस क्रिस्टल, स्पाइस 2000, स्कैल्प जैसे हथियारों का जिस तरीके से व्यापक उपयोग किया. अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से साफ कर दिया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है और उसको जारी रखने के लिए जिन-जिन हथियारों की जरूरत आगे पड़ेगी, सेना को वह भी खरीदने की छूट दे दी गई है. सरकार ने भारतीय सेना को एक ऐसी ताकत दे दी है, जो पाकिस्तान के लिए अब चिंता का विषय बन गया है. आपको बताते चले कि रक्षा मंत्रालय ने तीनों सेना यानी थल सेना, नौसेना और वायु सेना को लगभग 40,000 करोड रुपए की इमरजेंसी रक्षा खरीदी मंजूरी दी है. ये फैसला ऐसे वक्त में लिया गया जब भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीधे तौर पर कह रहे हैं कि अब आतंकवाद के खिलाफ प्रहार होगा और पीओके पर पाकिस्तान से बात होगी और कोई बात नहीं होगी. इसके अलावा अगर फिर से पाकिस्तान ने कोई हिमाकत की तो उसे घुसकर मारा जाएगा.
सेना की बढ़ेगी ताकत
इन सब के बीच तीनों सेनाओं को 40,000 करोड रुपए की आपातकालीन रक्षा खरीद की मंजूरी रक्षा मंत्रालय की तरफ से दिया जाना एक बड़ा कदम साबित हो सकता है. आपको बताते चलें यह फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उस वक्त लिया जब उनकी अध्यक्षता में डीएससी यानी डिफेंस एक्वीजीशन काउंसिल की बैठक हुई. यह फैसला ऐसे वक्त में आया है जब भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि पाकिस्तान ने सीमा पर आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं किया तो वर्तमान युद्धविराम केवल एक रणनीतिक विराम होगा. यह भी भारत की तरफ से साफ कह दिया गया है यानी ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ अस्थायी रूप से स्थगित है. अब सरकार ने सेना को जो छूट दी है, उसके क्या फायदे होंगे इसका अंदाजा इससे लगाइए कि अपनी जरूरत के हिसाब से भारतीय सेनाएं हथियार खरीदारी कर सकती है, हर एक अनुबंध की अधिकतम सीमा 300 करोड़ रखी गई है. इनमें फिर चाहे मिसाइल हो, लंबी दूरी वाले हथियार हो ,स्पाइस-2000 हो, स्कैल्प हो या इसी तरीके से गाइडेड बम हो, लॉयटरिंग म्यूनिशन हो, कामिकाजे ड्रोन हो, एंटी ड्रोन सिस्टम हो, बैराक-8 हो या फिर स्वदेशी आकाश मिसाइल सिस्टम हो, मतलब आप यह देखकर चलिए कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट जिस तरीके से काम आया. हमारे अग्नि 5, हैमर, एस-400, ब्रह्मोस ने जिस तरह पाकिस्तान को जवाब दिए उसके बाद यह कहा जा रहा था कि सरकार को सेना के लिए बजट प्रावधान करना चाहिए ताकि वह अपनी पसंद और जरूरत के हिसाब से हथियारों को खरीद सके.