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'ये वही शख्स हैं जिन्होंने वामपंथी और उग्रवाद की मदद की...', अमित शाह ने विपक्ष के VP उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर बोला हमला, कहा - कांग्रेस ने डर की वजह से इन्हें चुना

गृहमंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर निशाना साधा है.

गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया एलायंस के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर निशाना साधा है. उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए रेड्डी को लेकर एक कार्यक्रम में कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जज रहते हुए उन्होंने उग्रवाद और वामपंथी के पक्ष में कई फैसले सुनाए. ऐसे में कांग्रेस ने रेड्डी का चयन वामपंथियों के दबाव में आकर किया है. कांग्रेस तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में जीत के जो सपने देख रही है, अब वह भी खत्म हो गई है. बता दें कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद 9 सितंबर को देश का अगला उपराष्ट्रपति चुना जाएगा. इसके लिए एनडीए ने अपनी तरफ से सीपी राधाकृष्णन और इंडिया अलायंस ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन चड्डी को अपना उम्मीदवार बनाया है. 

'उग्रवाद की मदद के लिए सलवा जुडूम जैसा फैसला दिया'

एक कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने इंडिया अलायंस के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी पर निशाना साधते हुए कहा कि 'यह वही शख्स हैं, जिन्होंने वामपंथी उग्रवाद की मदद के लिए सलवा जुडूम जैसा फैसला दिया था. अगर उन्होंने यह फैसला नहीं दिया होता, तो आज भारत में वामपंथी और उग्रवाद 2020 में ही खत्म हो गया होता.

'केरल ने नक्सलवाद और उग्रवाद का दंश झेला है'

अमित शाह ने आगे कहा कि 'केरल ने लंबे समय तक नक्सलवाद और उग्रवाद का दंश झेला है. केरल की जनता यह जरूर देखेगी कि कैसे वामपंथियों के दबाव में आकर कांग्रेस ने ऐसे उम्मीदवार को चुना है, जिसने सर्वोच्च न्यायालय जैसे संस्थान का इस्तेमाल किया. कांग्रेस पार्टी ने वामपंथियों के दबाव में ही आकर ऐसे प्रत्याशी को चुना है.'

क्या है सलमा जुडूम मामला? 

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी ने अपने पद पर रहते हुए कई चर्चित फैसले सुनाए थे, इनमें 'सलमा जुडूम' मामला काफी चर्चाओं में रहा. यह फैसला साल 2011 में आया था, इस मामले पर जस्टिस सुदर्शन रेड्डी और जस्टिस एसएस निज्जर की दो जजों की पीठ ने सलवा जुडूम को भंग कर दिया था, जानकारी के लिए बता दें कि सलवा जुडूम एक ऐसा संगठन था, जिसमें छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुछ आदिवासी युवाओं को उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए बतौर विशेष पुलिस अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाता था, लेकिन इस पीठ ने अपने फैसले में संगठन को अवैध और असंवैधानिक घोषित कर दिया था. 

9 सितंबर को 15वें उपराष्ट्रपति का होगा चयन

बता दें कि भारत के 14वें उपराष्ट्रपति रहे जगदीप धनखड़ ने पिछले महीने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद अगले उपराष्ट्रपति के चयन को लेकर 9 सितंबर को वोटिंग होनी है. उसी दिन कुछ ही देर बाद मतगणना होगी. इसके नतीजे देर शाम तक सामने आ जाएंगे. 

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