Advertisement

'ये सरकार का नहीं कांग्रेस आलाकमान का फैसला', जाति जनगणना पर CM सिद्धारमैया के बयान से कर्नाटक का राजनीतिक पारा हाई

कर्नाटक सरकार अपने राज्य में जातिगत जनगणना कराने का ऐलान कर चुकी है. सीएम सिद्धारमैया ने साफ तौर पर कहा कि यह निर्णय राज्य सरकार का नहीं बल्कि कांग्रेस आलाकमान का है. हम हाईकमान के निर्देशों का पालन कर रहे हैं.

12 Jun, 2025
( Updated: 13 Jun, 2025
12:18 AM )
'ये सरकार का नहीं कांग्रेस आलाकमान का फैसला', जाति जनगणना पर CM सिद्धारमैया के बयान से कर्नाटक का राजनीतिक पारा हाई

कर्नाटक में जातिगत जनगणना को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. सीएम सिद्धारमैया और डीसीएम डीके शिवकुमार के बयानों के बाद ये साफ हो गया है कि राज्य में जातिगत आधार पर नई जनगणना कराई जाएगी. सीएम ने कह दिया है कि यह निर्णय राज्य सरकार का नहीं बल्कि कांग्रेस आलाकमान का है. आपको बता दें कि सीएम सिद्धारमैया और डीसीएम डीके शिवकुमार को मंगलवार को दिल्ली बुलाया गया था, जहां उन्होंने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की. यह बैठक 4 जून को बेंगलुरु में हुई भगदड़ को लेकर राज्य सरकार की आलोचना के बीच हुई है. 

सीएम सिद्धारमैया का बयान
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि जातिगत जनगणना को लेकर पहले की रिपोर्ट को खारिज नहीं किया गया है, लेकिन बदलते सामाजिक परिदृश्य और विभिन्न समुदायों की शिकायतों को देखते हुए दोबारा सर्वे कराना जरूरी हो गया है.

उन्होंने कहा, यह सर्वे लगभग 10 साल पहले कराया गया था. अब यह रिपोर्ट पुरानी हो गई है और कुछ समुदायों ने इससे जुड़ी शिकायतें भी की हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने सुझाव दिया है कि एक नई और अद्यतन जनगणना कराई जाए. हम हाईकमान के निर्देशों का पालन कर रहे हैं. यह राज्य सरकार का नहीं, पार्टी का निर्णय है.

दोबारा सर्वे कराने का निर्णय: शिवकुमार 
उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि कुछ लोगों के असंतोष, उनकी मांगों और संदेहों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने दोबारा सर्वे कराने का निर्णय लिया है. डीके शिवकुमार ने कहा, कुछ समुदायों ने शिकायत की है कि उन्हें ठीक से प्रतिनिधित्व नहीं मिला और आंकड़े सटीक नहीं हैं. इसलिए अब डोर-टू-डोर और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से डेटा एकत्र किया जाएगा. यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी.
उन्होंने बताया कि इस फैसले पर दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला के साथ चर्चा की गई है. 12 जून को होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक में इस योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.

बाहर रहने वालों के लिए ऑनलाइन विकल्प
डीके शिवकुमार ने कहा कि इस बार राज्य के बाहर रह रहे कर्नाटकवासियों को भी जातिगत जनगणना में शामिल किया जाएगा. इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वे भी अपनी जानकारी दे सकें.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, हमारी सरकार का उद्देश्य है कि कोई भी परिवार इस सर्वे से वंचित न रहे. हम सभी समुदायों और धार्मिक संगठनों से अपील करते हैं कि वे इसमें सक्रिय सहयोग करें. उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो महीनों से एससी और एसटी समुदायों की उपजातियों पर विशेष डेटा संग्रह अभियान चलाया जा रहा है. सरकार का मानना है कि यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है, लेकिन इसे सभी पक्षों को विश्वास में लेकर ही पूरा किया जाएगा.

यह भी पढ़ें

जातिगत गणना पर सियासी संग्राम 
2015 में तत्कालीन सिद्दारमैया सरकार ने कांताराज आयोग के माध्यम से एक जातिगत जनगणना कराई थी, जिसकी रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की गई. हाल ही में इसके कुछ हिस्से लीक हुए, जिसमें पिछड़े और दलित वर्गों की जनसंख्या अनुमानों से कहीं अधिक बताई गई है. इससे राज्य की सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों में बड़ा बदलाव आने की संभावना बन गई है.

टिप्पणियाँ 0

Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें