'यह चिंताजनक स्थिति है…', खड़गे ने पीएम मोदी को अचानक लिखी चिट्ठी, कर दी बड़ी मांग
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे पत्र में कहा, "प्रिय प्रधानमंत्री, मैं आपका ध्यान एक गंभीर मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं. यह मुद्दा लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद के खाली रहने से संबंधित है.” उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार पिछले दो लोकसभा सत्रों में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा है. यह चिंता की बात है."

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. खड़गे ने लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के खाली पद को लेकर अपनी बात पहुंचाई. उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार पिछले दो लोकसभा सत्रों में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा है और यह चिंता की बात है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखे पत्र में कहा, "प्रिय प्रधानमंत्री, मैं आपका ध्यान एक गंभीर मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं. यह मुद्दा लोकसभा में डिप्टी स्पीकर के पद के खाली रहने से संबंधित है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोकसभा के दो सदस्यों को क्रमशः स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के रूप में चुना जाता है. संवैधानिक रूप से उपसभापति, अध्यक्ष के बाद सदन का दूसरा सर्वोच्च पीठासीन अधिकारी होता है."
My letter to PM Shri @narendramodi on the urgency to initiate the process of electing a Deputy Speaker of Lok Sabha without any further delay.
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 10, 2025
From the First to the Sixteenth Lok Sabha, every House has had a Deputy Speaker. By and large, it has been a well-established… pic.twitter.com/WUyIPlTVqx
'यह चिंता की बात है'
खड़गे ने कहा, "संविधान कहता है कि जैसे ही कोई पद खाली हो, लोकसभा को जल्द से जल्द एक नया स्पीकर या डिप्टी स्पीकर चुनना चाहिए. पारंपरिक रूप से डिप्टी स्पीकर का चुनाव तीसरे सत्र में होता है और इसकी तारीख स्पीकर तय करता है. पहले से लेकर सोलहवीं लोकसभा तक हर बार डिप्टी स्पीकर रहा है और आमतौर पर इसे विपक्षी पार्टी के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है. लेकिन, स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार पिछले दो लोकसभा सत्रों में डिप्टी स्पीकर का पद खाली रहा है. यह चिंता की बात है."
मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र में यह भी लिखा, "सत्रहवीं लोकसभा में डिप्टी स्पीकर का चुनाव नहीं हुआ और यह चिंताजनक स्थिति अब अठारहवीं लोकसभा में भी जारी है. इसे भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए अच्छा संकेत नहीं माना जा सकता और यह संविधान के नियमों का उल्लंघन भी है. इसलिए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप लोकसभा की सम्मानित परंपराओं और हमारे संसद के लोकतांत्रिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए बिना किसी और देरी के डिप्टी स्पीकर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू करें."