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पहलगाम आतंकी हमले पर भारत के साथ खड़ी नजर आई पूरी दुनिया, लेकिन पाकिस्तान ने फिर से दिखा दी अपनी नीच हरकत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर पाकिस्तान ने फिर वही नीच हरकत दोहराई है, जिसके लिए वो दुनियाभर में जाना जाता है. पहलगाम आतंकी हमलो को लेकर वो इधर-उधर की बातें कर रहा है इसे आतंकवादी कृत्य बताने या इसकी निंदा करने से बच रहा है.

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की और कई अन्य घायलों की जानकारी मिलते ही विश्व के कई बड़े देश के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर आतंक के ख़िलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बात कही, तो कई देशों ने सोशल मीडिया के ज़रिए इस हमले पर अपनी चिंता व्यक्त की लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान की सरकार ने पहलगाम हमले में हुई जानमाल की हानि पर चिंता व्यक्त की, लेकिन इसे 'आतंकवादी कृत्य' बताने या इसकी निंदा करने से परहेज किया.  

हमले पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

मंगलवार की दोपहर क़रीब 3 बजे यह क्रूर हमला पहलगाम के पास मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुआ. भारी हथियारों से लैस आतंकवादी आसपास के घने जंगलों से निकले और पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर कहा, "हम अनंतनाग जिले में हुए हमले में पर्यटकों की जान जाने से चिंतित हैं. हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं." हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में, सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और घाटी में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बुधवार को श्रीनगर पुलिस नियंत्रण कक्ष में आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे. मृतक पर्यटकों के पार्थिव शरीर को बुधवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच पुलिस नियंत्रण कक्ष लाया गया, जहां शीर्ष नेतृत्व द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित की गई.पहलगाम आतंकी हमला ऐसे समय में हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब के दौरे पर थे. इस दुखद समाचार के वह अपना दौरा बीच रद्द कर भारत लौट आए. दिल्ली पहुंचते ही एयरपोर्ट पर उन्होंने आपात बैठक बुलाई. इस अति महत्वपूर्ण बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव मौजूद थे.प्रधानमंत्री की विदेश यात्रा से वापसी के तुरंत बाद इस उच्च स्तरीय बैठक में हमले की गंभीरता, अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सुरक्षा रणनीतियों पर विस्तार से मंथन किया गया.

आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत  के साथ अमेरिका 

मंगलवार को पहलगाम में निहत्थे टूरिस्ट्स पर हुए कायराना हमले की चौतरफा निंदा हो रही है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कॉल कर हर संभव समर्थन की पेशकश की, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने आभार जताते हुए कहा कि भारत कायराना हरकत करने वालों को नहीं बख्शेगा और उन्हें न्याय के कठघरे में खड़ा करने को प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री मोदी को बुधवार सुबह राष्ट्रपति ट्रंप ने कॉल किया और पहलगाम में आतंकवादी हमले के शिकारों के प्रति संवेदना व्यक्त की. राष्ट्रपति ट्रंप ने हमले की निंदा की और कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है और हर संभव समर्थन की पेशकश की.

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संवेदना संदेश भेजा। उन्होंने इसे एक "निर्दोष नागरिकों के खिलाफ अपराध" बताया और भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भी संवेदना व्यक्त की.उन्होंने कहा- आज भारत में हुए आतंकवादी हमले में अनेक लोग हताहत हुए, ये जानकर बहुत कष्ट हुआ। इटली प्रभावित परिवारों, घायलों, सरकार और सभी भारतीय लोगों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करता है. इजरायली दूतावास और फिर इजरायल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने इस घटना को बर्बर बताते हुए दुख व्यक्त किया. सार ने हमले में मारे गए लोगों के प्रति दुख व्यक्त करते हुए कहा, "इजरायल आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ है." वहीं, यूक्रेन के दूतावास ने कहा कि वे पहलगाम आतंकी हमले से बेहद दुखी हैं. हम रोजाना आतंकी हमले का शिकार होते हैं और किसी भी तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं.

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