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'शतरंज की तरह लड़ा गया युद्ध...', जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने बताया ऑपरेशन सिंदूर का मास्टरप्लान, जानें PAK के हार्टलैंड में हमले की पूरी कहानी

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहली बार ऑपरेशन सिंदूर पर खुलकर बयान देते हुए इसे “शतरंज जैसी सटीक रणनीति” वाला अभियान बताया. उन्होंने कहा, यह पूर्ण युद्ध से थोड़ा कम था, लेकिन अनिश्चित हालात में दुश्मन की हर चाल का अप्रत्याशित तरीके से जवाब दिया गया.

Image: File Photo By Social Media

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर खुलकर बात की है. उनका बयान न केवल इस ऑपरेशन की रणनीति को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि यह मिशन किस तरह एक सोची-समझी, साहसिक और गहरी योजना के तहत अंजाम दिया गया. जनरल द्विवेदी के मुताबिक यह ऑपरेशन किसी पूर्ण युद्ध से बस थोड़ा ही कम था, लेकिन इसके परिणाम इतने प्रभावशाली थे कि दुश्मन को लंबे समय तक इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी.

अप्रत्याशित परिस्थितियों में हुआ ऑपरेशन

आईआईटी मद्रास में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति बिल्कुल शतरंज खेलने जैसी थी. फर्क सिर्फ इतना था कि यहां खेल के मोहरे असली सैनिक और हथियार थे, और सामने कोई दोस्ताना प्रतिद्वंदी नहीं, बल्कि ऐसा दुश्मन था जिसका अगला कदम अज्ञात था. जनरल द्विवेदी ने बताया, “हमें नहीं पता था कि दुश्मन क्या करने वाला है और हम किस तरह जवाब देंगे. यह एक अनिश्चित क्षेत्र था, जिसमें हमें पारंपरिक युद्ध के दायरे से बाहर जाकर कदम उठाने पड़े.”

पहलगाम हमले के अगले दिन बनी योजना

इस ऑपरेशन की शुरुआत 23 अप्रैल को हुई, ठीक पहलगाम हमले के अगले दिन. तीनों सेना प्रमुखों और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक कर इस नतीजे पर सहमति जताई कि निर्णायक कार्रवाई जरूरी है. रक्षा मंत्री ने साफ शब्दों में कहा, “अब बहुत हो गया.” इसके बाद सेनाओं को पूरी स्वतंत्रता दी गई कि क्या करना है, कैसे करना है और कब करना है.

उरी और बालाकोट से अलग थी रणनीति

जनरल द्विवेदी ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर, 2016 के उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक से अलग था.

  • उरी ऑपरेशन का मकसद था लॉन्च पैड्स को निशाना बनाकर साफ संदेश देना.
  • बालाकोट हमलों का उद्देश्य था पाकिस्तान के भीतर जाकर आतंकी प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट करना.

ऑपरेशन सिंदूर इससे भी गहरा था, इसमें दुश्मन के ‘हार्टलैंड’ तक जाकर वार किया गया. इस दौरान ‘नर्सरी’ और ‘मास्टर्स’ जैसे कोडनेम वाले अहम ठिकानों को निशाना बनाया गया, जो पाकिस्तान के लिए बेहद संवेदनशील थे.

दुश्मन के दिल में पहुंचा हमला

सेना प्रमुख के अनुसार इस ऑपरेशन में कुल नौ बड़े लक्ष्य तय किए गए थे. इनमें पांच पाक अधिकृत कश्मीर में और चार पाकिस्तानी पंजाब में थे. दो मिशन भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर पूरे किए गए. जनरल द्विवेदी ने बताया, “यह पाकिस्तान के साथ हमारा टेस्ट मैच था. यह चार दिन चला, लेकिन यह 14 दिन, 40 दिन या यहां तक कि 1400 दिन भी चल सकता था... हम पूरी तरह तैयार थे.”

पाकिस्तानी वायुसेना को बड़ा झटका

गौर करने वाली बात यह है कि हाल ही में वायुसेना प्रमुख ने भी खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पांच पाकिस्तानी जेट्स को मार गिराया गया. इस कार्रवाई ने पाकिस्तान को हिला दिया. जवाब में पाकिस्तान ने हमारे सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस ने उसे पूरी तरह नाकाम कर दिया. इतना ही नहीं, हमारे मिसाइल हमलों से उन्हें इतना नुकसान हुआ कि उनके कुछ एयरबेस आज तक पूरी तरह ऑपरेशनल नहीं हो पाए हैं.

क्यों खास है ऑपरेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य अभियान नहीं था, यह भारत की सामरिक सोच, सटीक योजना और अदम्य साहस का प्रतीक है. यह बताता है कि भारतीय सेना सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं करती, बल्कि परिस्थिति चाहे जितनी अनिश्चित हो, वह दुश्मन को उसके घर में घुसकर जवाब देने की क्षमता रखती है. इस पूरे अभियान ने साफ कर दिया कि भारत किसी भी नापाक मंशा को बर्दाश्त नहीं करेगा. दुश्मन के दिल तक पहुंचा यह वार आने वाले समय में सैन्य इतिहास का एक अहम अध्याय बनकर याद किया जाएगा.

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