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Army Chief Upendra Dwivedi के संस्कारों ने जीत लिया देश का दिल

New Army Chief Upendra Dwivedi के बारे में कहा जाता है कि वो दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन की रग रग से वाकिफ हैं, इसी बात से समझ सकते हैं कि उपेंद्र द्विवेदी के कमान संभालते ही दुश्मन देशों में क्यों खलबली मची हुई है।ऐसे तेज तर्रार अफसर उपेंद्र द्विवेदी ने जब सेना की कमान संभाली तो उनके संस्कारों ने देश का दिल जीत लिया

बात जब भी दुनिया की सबसे ताकतवर सेना की आती है, तो उन देशों में एक नाम हिंदुस्तान का भी आता है।जो इस वक्त दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर सेना है, ऐसी ताकतवर सेना की कमान मोदी सरकार ने तेज तर्रार आर्मी अफसर उपेंद्र द्विवेदी को सौंप दी है। जिनके बारे में कहा जाता है कि वो दुश्मन देश पाकिस्तान और चीन की रग रग से वाकिफ हैं। इसी बात से समझ सकते हैं कि उपेंद्र द्विवेदी के कमान संभालते ही दुश्मन देशों में क्यों खलबली मची हुई है।ऐसे तेज तर्रार अफसर उपेंद्र द्विवेदी ने जब सेना की कमान संभाली तो उनके संस्कारों ने देश का दिल जीत लिया।

उपेंद्र द्विवेदी ने संभाली भारतीय सेना की कमान

भारतीय सेना की कमान संभालने वाले उपेंद्र द्विवेदी के बारे में ये बात तो पूरा देश जानता है कि वो कितने काबिल अफसर हैं। बात चाहे जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ रणनीति बनाने की हो या फिर भारतीय सेना के आधुनिकीकरण करने की। दुश्मन देश पाकिस्तान को सबक सिखाने की हो या फिर चालाक चीन के साथ सीमा समझौते में बड़ी भूमिका निभाने की, हर मोर्चे पर फ्रंट से लीड करने वाले आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी में एक और खास बात ये है कि वो भले ही बड़े से बड़े पदों पर रहे हों। देश विदेश से उच्च शिक्षा हासिल की हो लेकिन कभी भारतीय संस्कार नहीं भूले।जिसकी एक झलक उस वक्त देखने को मिली जब वो दुनिया की चौथी सबसे ताकतवर भारतीय सेना की कमान संभालने जा रहे थे।

देश के तीसवें आर्मी चीफ के तौर पर सेना की कमान संभालने के बाद साठ साल के उपेंद्र द्विवेदी ने सबसे पहले अपने बड़े भाई और रिश्तेदारों के पैर छू कर आशीर्वाद लिया। जो तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ने वाली पीढ़ी के लिए किसी मिसाल से कम नहीं हैं, ऐसे समय में जब बड़ों के पैर छूने के संस्कार धीरे धीरे कम होते जा रहे हों। तो वहीं साठ साल से भी ज्यादा की उम्र होने के बावजूद उपेंद्र द्विवेदी ने जिस तरह से अपने बड़ों के पैर छू कर आशीर्वाद लिया।उनके इस संस्कार ने लोगों का दिल जीत लिया।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक शख्स ने लिखा - सैनिक स्कूल रीवा से आये लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी जी देश के आर्मी चीफ बन रहे हैं, इन्होंने जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ रणनीति बनाने, सेना का आधुनिकीकरण करने और चीन के साथ कॉम्प्लेक्स बॉर्डर मसले पर समझौते में शामिल होकर मुख्य भूमिका निभायी है, पर अति विशिष्टता, भारतीय संस्कार, गार्ड ऑफ ऑनर से पहले अपने बड़े भाई, भाभी और माता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया ।

पत्रकार शुभम शर्मा ने आर्मी चीफ के संस्कार पर लिखा - सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने नए सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद अपने भाई और अन्य रिश्तेदारों के पैर छुए, आप अपनी प्रोफेशनल लाइफ में चाहे जितनी भी तरक्की कर लें, हमेशा अपनी परंपराओं का पालन करें, यह देखकर अच्छा लगा कि हमें उपेंद्र द्विवेदी जैसे जनरल मिल रहा हैं।

भारतीय सेना की कमान संभालने के बाद उपेंद्र द्विवेदी ने जिस तरह से अपने बड़े भाई और रिश्तेदारों के पैर छू कर आशीर्वाद लिये। उनके इस संस्कार की लोग इसी तरह से तारीफ कर रहे हैं।

कौन हैं आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ?

  • उपेंद्र द्विवेदी का जन्म 1 जुलाई 1964 में मध्य प्रदेश में हुआ
  • अपने जन्मदिन 1 जुलाई को ही आर्मी चीफ की कमान संभाली
  • मध्य प्रदेश के सैनिक स्कूल रीवा में उपेंद्र द्विवेदी ने पढ़ाई की
  • मध्य प्रदेश के महू में स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में भी पढ़ाई की
  • रक्षा और प्रबंधन अध्ययन में उपेंद्र द्विवेदी ने एमफिल किया है
  • सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान दो स्नातकोत्तर डिग्री है 
  • आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी US आर्मी वॉर कॉलेज में पढ़ाई की है
  • USAWC कार्लिस्ले में NDC समकक्ष विशिष्ट फेलो मिला है  
  • 15 दिसंबर 1984 जम्मू-कश्मीर राइफल्स में कमीशन मिला
  • 15 फरवरी 2024 को उप सेना प्रमुख बनाए गये थे उपेंद्र द्विवेदी
  • उपेंद्र द्विवेदी में चीन, पाकिस्तान की चुनौतियों की गहरी समझ है
  • दो साल तक उत्तरी कमान के जनरल कमांडिंग-इन-चीफ भी रहे
  • उपेंद्र द्विवेदी परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किये जा चुके हैं
  • अति विशिष्ट सेवा पदक समेत कई और पदक भी मिल चुके हैं

देश विदेश से उच्च शिक्षा हासिल करने वाले आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना में कई उच्च पदों पर भी रहे हैं और सेना में बेहतरीन सेवा के लिए उन्हें परम विशिष्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। ऐसे तेज तर्रार आर्मी अफसर को मोदी सरकार ने अब भारतीय सेना की कमान सौंपी है। जिन्होंने पद संभालते ही सबसे पहले अपने बड़े भाई और रिश्तेदारों के पैर छूकर आशीर्वाद लिये।

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