दिल्ली BJP के रहे मजबूत स्तंभ, मनमोहन सिंह को दी थी मात, अटल-अडवाणी युग के प्रखर नेता विजय कुमार मल्होत्रा की कहानी
दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार को एम्स में निधन हो गया. उनके निधन पर पीएम नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने शोक जताया है. दिल्ली में भाजपा को मजबूत करने में उनकी भूमिका ऐतिहासिक रही है.
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भाजपा के वरिष्ठ नेता और दिल्ली इकाई के पहले अध्यक्ष प्रोफेसर विजय कुमार मल्होत्रा का मंगलवार सुबह एम्स में निधन हो गया. वह 93 वर्ष के थे. मल्होत्रा लंबे समय से बीमार थे और कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थे. उनके निधन की खबर ने भाजपा समेत पूरे राजनीतिक हलक में शोक की लहर दौड़ा दी है.
पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया
दिल्ली भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई प्रमुख नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है. मल्होत्रा का पार्थिव शरीर सुबह करीब 8:45 बजे उनके आधिकारिक निवास 21, गुरुद्वारा रकाबगंज रोड पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया.
जीवनपर्यंत जनसेवा में समर्पित रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार मल्होत्रा जी के निधन से गहरा दुख हुआ है. वे जमीन से जुड़े ऐसे नेता थे, जिन्हें जनता के मुद्दों की गहरी समझ थी. दिल्ली में पार्टी को सशक्त बनाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई. संसद में अपनी सक्रियता और योगदान के लिए… pic.twitter.com/aULfroSFEJ
— Narendra Modi (@narendramodi) September 30, 2025
विजय कुमार मल्होत्रा का जन्म 3 दिसंबर 1931 को ब्रिटिश काल में लाहौर (अब पाकिस्तान) में एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ था. वे कविराज खजान चंद के सात बच्चों में चौथे थे. विभाजन के समय उनका परिवार भारत आ गया और दिल्ली में बस गया. बचपन से ही मेधावी मल्होत्रा ने गणित में असाधारण प्रतिभा दिखाई. मात्र 18 वर्ष की आयु में उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल कर ली. उन्होंने लाहौर के डीएवी कॉलेज (पंजाब यूनिवर्सिटी) और दिल्ली के हंसराज कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से शिक्षा प्राप्त की. हिंदी साहित्य में पीएचडी करने वाले मल्होत्रा एक प्रख्यात शिक्षा शास्त्री भी थे. राजनीति में प्रवेश से पहले वे शिक्षण पेशे से जुड़े रहे और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से प्रेरणा लेकर सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए.
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi pays last respects to senior BJP leader Vijay Kumar Malhotra, at his residence.
— ANI (@ANI) September 30, 2025
Vijay Kumar Malhotra passed away at AIIMS, New Delhi, today at the age of 93.
(Video: DD) pic.twitter.com/mrgGNt8cqp
विजय मल्होत्रा का राजनीतिक सफर
विजय मल्होत्रा का राजनीतिक सफर 1950 के दशक में भारतीय जनसंघ से शुरू हुआ. वे जनसंघ के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष (1972-75) बने और संगठन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 1977 में जनता पार्टी के दिल्ली अध्यक्ष के रूप में उन्होंने इमरजेंसी के बाद भाजपा के निर्माण में योगदान दिया. 1980-84 में वे भाजपा दिल्ली के पहले अध्यक्ष बने, जो उनके करियर का स्वर्णिम अध्याय था. केदारनाथ साहनी और मदनलाल खुराना जैसे नेताओं के साथ मिलकर उन्होंने दिल्ली में जनसंघ-भाजपा को जमीनी स्तर पर मजबूत किया.
1967 में दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउंसिल के चीफ एग्जीक्यूटिव काउंसिलर (दिल्ली के मुख्यमंत्री के समकक्ष) के रूप में उन्होंने शहरी विकास और बुनियादी ढांचे पर काम किया. मल्होत्रा पांच बार सांसद और दो बार विधायक चुने गए. 1990 के दशक में उन्होंने दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में राज्य मंत्री का दायित्व संभाला. उनका सबसे यादगार राजनीतिक करतब 1999 का लोकसभा चुनाव था, जब उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारी मतों से पराजित किया. यह जीत भाजपा के लिए ऐतिहासिक थी, क्योंकि इससे दिल्ली में पार्टी का आधार मजबूत हुआ. उन्होंने
दिल्ली में सीएम फेस के उम्मीदवार रहे
2004 में वे दिल्ली की सात सीटों में से एकमात्र भाजपा सांसद बने. उस वक्त कांग्रेस ने बाकी छह सीटें जीतीं. विधानसभा में वे ग्रेटर कैलाश से दो बार विधायक बने और विपक्ष के नेता के रूप में शीला दीक्षित सरकार की कड़ी आलोचना की. 2008 में भाजपा ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया, हालांकि पार्टी सरकार बनाने में सफल नहीं हुई.
अटल-अडवाणी युग में मल्होत्रा भाजपा के शिखर पुरुषों में शुमार थे. वे वाजपेयी सरकार में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री रहे और शिक्षा, खेल व संस्कृति क्षेत्रों में योगदान दिया. भारतीय संविधान के गहन ज्ञाता के रूप में प्रसिद्ध मल्होत्रा संसद में बहसों के लिए मशहूर थे. हालांकि 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी सरकार में वह शामिल नहीं हुए. उम्र के अंतिम दौर में 82 वर्ष की आयु में उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव में दिल्ली भाजपा के अभियान प्रमुख का दायित्व संभाला और पार्टी को दिल्ली की सातों सीटों पर शानदार जीत दिलाई. उनकी सादगी और निस्वार्थ सेवा ने युवा कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया.
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मल्होत्रा केवल राजनीतिज्ञ ही नहीं, खेल प्रशासक भी थे. वे दिल्ली में शतरंज और धनुर्विद्या क्लबों के संचालन से जुड़े रहे. 2015 में उन्हें ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ स्पोर्ट्स (AICS) का चेयरमैन बनाया गया, जहां उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला. सामाजिक कार्यों में सक्रिय मल्होत्रा ने आरएसएस की विचारधारा को दिल्ली के हर कोने तक पहुंचाया. उनकी छवि साफ-सुथरी और निष्कलंक रही, जो भाजपा के लिए प्रेरणा स्रोत बनी.
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