25 साल में इस्लामिक राष्ट्र का सपना, करोड़ों की विदेशी फंडिंग... छांगुर गिरोह के थे धर्मांतरण के खतरनाक हथकंडे, UP ATS की चार्जशीट में बड़ा खुलासा
यूपी सहित पूरे देश को हिला कर रख देने वाले छांगुर गिरोह के धर्मांतरण के नेटवर्क के बारे में UP ATS की चार्जशीट में बड़ा खुलासा हुआ है. विदेशी फंडिंग, कमजोर हिंदुओं को टार्गेट करने सहित भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने को लेकर पर्दाफाश हुआ है.
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उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण गिरोह के सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं. यूपी एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने बलरामपुर में दर्ज अवैध धर्मांतरण के मामले में मुख्य आरोपी छांगुर और उसके बेटे महबूब के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है. जांच के दौरान एटीएस को चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी है कि छांगुर वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र में बदलने की साजिश रच रहा था. चार्जशीट में कुल 29 गवाहों के बयान शामिल हैं, जिनमें 10 प्रताड़ित पीड़ित हैं.
इन गवाहों में एक महिला भी है, जिसने महबूब और उसके साथी नवीन रोहरा पर दुष्कर्म और अश्लील काम जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. अन्य गवाहों में अधिकतर पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हैं. चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि छांगुर और उसके साथियों ने आर्थिक रूप से कमजोर और अशिक्षित वर्ग को लालच, डर और मानसिक दबाव में लेकर उनका धर्म परिवर्तन करवाया.
2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का सपना
एक महिला गवाह ने अदालत में बताया कि छांगुर उन्हें बार-बार कहता था कि 2047 तक भारत को इस्लामी राष्ट्र बना देंगे. वहीं, एक अन्य पीड़िता ने बताया कि उसे साड़ी लौटाने के बहाने कमरे में बुलाकर उसका यौन शोषण किया गया और फिर धर्म बदलने का दबाव बनाया गया.
ATS की जांच में हुआ विदेश से फंडिंग का खुलासा
विदेश से करोड़ों की फंडिंग का भी खुलासा हुआ है. एटीएस की पड़ताल में सामने आया कि नवीन रोहरा, जो पहले दुबई में व्यवसाय करता था, भारत लौटकर इस धर्मांतरण अभियान में सक्रिय हो गया. उसके बैंक खातों में विदेशों से कुल 16.50 करोड़ रुपये आए, जिनमें से 1.30 करोड़ छांगुर और उसके बेटे महबूब को दिए गए. इन पैसों का उपयोग बलरामपुर, बहराइच समेत आसपास के क्षेत्रों में जमीन, लग्जरी गाड़ियाँ, आलीशान बंगले और बड़े शोरूम खरीदने में किया गया. गिरोह की योजना इस्लामिक दावा केंद्र और मदरसों की स्थापना की भी थी.
पूरे देश में फैला था धर्मांतरण नेटवर्क
जांच में यह भी पता चला है कि 40 से ज्यादा बैंक खातों के जरिए 100 करोड़ से अधिक की वित्तीय गतिविधियां की गई हैं. गिरोह का नेटवर्क न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल तक फैला था. छांगुर और उसके सहयोगी आपसी संवाद में कोडवर्ड का प्रयोग करते थे—जैसे लड़कियों को ‘प्रोजेक्ट’, ब्रेनवॉश को ‘काजल करना’ और धर्मांतरण की प्रक्रिया को ‘दीदार कराना’ कहा जाता था. छांगुर ने ‘शिजर-ए-तैय्यबा’ नामक किताब के जरिए इस्लाम के प्रचार का माध्यम तैयार किया और खुद को ‘पीर बाबा’ के रूप में पेश करता था.
ED की भी जांच तेज
अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी इस मामले में सक्रियता बढ़ा दी है. ईडी ने छांगुर, नवीन और उनकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच तेज कर दी है. बलरामपुर में नीतू के नाम पर दर्ज 13 संपत्तियों को जब्त किया गया है, जिनकी कुल कीमत 13.02 करोड़ रुपये है. जांच में यह भी पता चला कि दुबई स्थित यूनाइटेड मरीन कंपनी के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग की गई. ईडी जल्द ही इस मामले में भी चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी में है.
यह मामला 25 मई 2023 को आजमगढ़ के देवगांव थाने में दर्ज हुआ था. इसके बाद यूपी पुलिस ने छांगुर की गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया था. 5 जुलाई 2025 को एटीएस ने छांगुर और नीतू को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया, जबकि महबूब और नवीन को 8 अप्रैल 2025 को पकड़ा गया.
आपको बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में छांगुर बाबा पर गैरकानूनी धर्मांतरण, विदेशी धन के उपयोग और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों से संबंधित षड्यंत्र रचने का आरोप है. पिछले दिनों इस मामले में ईडी की लखनऊ शाखा ने पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत बलरामपुर, लखनऊ और मुंबई स्थित छांगुर बाबा और उनके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापा मारा था.
इस से पहले बलरामपुर जिला प्रशासन ने जुलाई में छांगुर बाबा के भतीजे सबरोज के भी अवैध ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था. गैडास बुजुर्ग थाना क्षेत्र के रेहरा माफी गांव में सबरोज का घर सरकारी (ग्राम समाज) जमीन पर अवैध रूप से बना था.
जिला प्रशासन ने पहले नोटिस दिया था, लेकिन अतिक्रमण नहीं हटाया गया. प्रशासन की टीम ने वहां पहुंचकर बुलडोजर कार्रवाई की. सीओ राघवेंद्र प्रताप ने बताया कि पुलिस की निगरानी में अवैध निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई.
क्या है पूरा मामला?
ज्ञात हो कि छांगुर का गिरोह देश-विरोधी गतिविधियों में शामिल था और देश भर में अवैध काम कर रहा था. इसमें कई लोग उसके साथ थे. छांगुर के कई राज सामने आ चुके हैं, लेकिन उसके संदिग्ध या प्रतिबंधित संगठनों से संबंध की जांच चल रही है. बताया जा रहा है कि उसने दुबई, सऊदी, और तुर्की जैसे देशों में अपने संपर्क बनाए थे.
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छांगुर मुख्य रूप से धर्मांतरण के काम में लगा था. हाल ही में राज्य पुलिस ने बड़े धर्मांतरण गिरोहों का पर्दाफाश किया था. आगरा में दो लापता बहनों के मामले की जांच के दौरान पुलिस ने एक ऐसे नेटवर्क का खुलासा किया, जो छह राज्यों तक फैला था. बलरामपुर में छांगुर बाबा के बहुराष्ट्रीय धर्मांतरण गिरोह की कहानी ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है.
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