Advertisement

'PAK Army के दिल में दहशत, रावलपिंडी तक गूंज', राजनाथ सिंह ने सुना दी भारतीय सेना की धमक

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान सदमें में है. उसका हाल वैसे पागल की है जो अपनी बर्बादी को भी अपनी जीत समझ बैठता है. ऐसे ही पागल पाक की गलतफहमी राजनाथ सिंह ने दूर कर दी है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की ताकत और धमक रावलपिंडी तक सुनाई दी है.

Created By: केशव झा
11 May, 2025
( Updated: 12 May, 2025
07:17 AM )
'PAK Army के दिल में दहशत, रावलपिंडी तक गूंज', राजनाथ सिंह ने सुना दी भारतीय सेना की धमक
पीएम मोदी के मार्गदर्शन में ऑपरेशन सिंदूर का नेतृत्व करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बड़ा बयान सामने आया है. पाक के साथ सीजफायर पर बनी सहमति के बाद पहली बार बालते हुए उन्होंने पाकिस्तान को आडे़ हाथ लिया और भारतीय सेना के शौर्य की तारीफ की. रक्षा मंत्री ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के गुनहगारों को सजा देने के उद्देश्य से शुरू हुए ऑपरेशन और सेना की ताकत की धमक PAK Army के मुख्यालय GHQ रावलपिंडी तक सुनाई दी.  

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के लिए भारतीय सेना की तारीफ करते हुए कहा कि जिन भारत विरोधी और आतंकी संगठनों ने भारत माता के मस्तक पर हमला करके कई परिवारों के सिंदूर मिटाए थे, उन्हें भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से इंसाफ दिलाने का काम किया है. इसके लिए आज सारा देश भारतीय सेनाओं का अभिनंदन कर रहा है. ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई भर नहीं है, बल्कि भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है. यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति और सैन्य शक्ति की क्षमता और संकल्प शक्ति का भी प्रदर्शन है. हमने दिखाया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जब भी कोई कार्रवाई करेगा तो आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सरहद पार की जमीन भी सुरक्षित नहीं रहेगी.
रावलपिंडी तक सुनाई दी भारतीय सेना की धमक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यक्रम को वर्चुअली रूप से संबोधित करते हुए आगे कहा, "भारतीय सेनाओं ने ऑपरेशन सिंदूर को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचा ढहाने के उद्देश्य से लॉन्च किया था. हमने उनके आम नागरिकों को कभी निशाना नहीं बनाया था. मगर पाकिस्तान ने न केवल भारत के नागरिक इलाकों को निशाना बनाया बल्कि मंदिर, गुरुद्वारा और गिरजाघर पर भी हमले करने का प्रयास किया. भारतीय सेना ने शौर्य और पराक्रम के साथ-साथ संयम का भी परिचय देते हुए पाकिस्तान के अनेक सैन्य ठिकानों पर प्रहार करके करारा जवाब दिया है. हमने केवल सीमा से सटे सैन्य ठिकानों पर ही कार्रवाई नहीं की, बल्कि भारत की सेनाओं की धमक उस रावलपिंडी तक सुनी गई, जहां पाकिस्तानी फौज का हेडक्वार्टर मौजूद है."

'सरहद पार भी कार्रवाई करेगा भारत'
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत में आतंकवादी घटनाएं करने और कराने का क्या अंजाम होता है, यह पूरे विश्व ने उरी की घटना के बाद देखा. जब हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की, पुलवामा के बाद देखा जब बालाकोट पर एयर स्ट्राइक की गईं और अब पहलगाम की घटना के बाद दुनिया देख रही है, जब भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर मल्टीपल स्ट्राइक्स की हैं. आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि यह नया भारत है, जो आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार दोनों तरफ प्रभावी कार्रवाई करेगा.

उन्होंने आगे कहा, "आज का दिन हमारे शहर लखनऊ और हमारे राज्य उत्तर प्रदेश और पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. मैं समझता हूं कि आज का दिन उस शक्ति की आराधना का दिन है, जो हमारी सेनाओं को संबल प्रदान करती है, जो हमारी सेनाओं में निहित होकर दुश्मन पर कहर बरपाती है. आज का दिन मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि मैंने अपने शहर लखनऊ के लिए एक सपना देखा था कि मेरा शहर भारत के डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने में एक बड़ा योगदान दे, वह सपना अब पूरा हो रहा है. ब्रह्मोस भारत और रूस की सबसे उन्नत रक्षा तकनीक का एक संगम है. जैसे उत्तर प्रदेश का प्रयागराज अपने संगम के लिए मशहूर है, वैसे ही भविष्य में लखनऊ भी इस तकनीकी संगम के लिए जाना जाएगा. यह सुविधा कई खास विशेषताओं को समेटे हुए है. यह आगे चलकर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर पैदा करेगी. मुझे यकीन है कि यह क्षेत्र भविष्य में एक विकास केंद्र के रूप में उभरेगा."

लखनऊ में शुरू हुई ब्रह्मोस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग सुविधा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'नेशनल टेक्नोलॉजी डे' का जिक्र करते हुए कहा, "ब्रह्मोस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग सुविधा का उद्घाटन इसलिए खास है, क्योंकि आज नेशनल टेक्नोलॉजी डे है. 11 मई 1998 को, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर भारत की ताकत दुनिया को दिखाई थी. यह उपलब्धि वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, रक्षा कर्मियों और अन्य लोगों के अथक प्रयासों का नतीजा थी. आज का दिन हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के योगदान को सम्मान देने का दिन है. जब मैंने इसका शिलान्यास किया था, उस दौरान मैंने यह इच्छा जाहिर की थी कि जितनी जल्दी हो सके, इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाए. मुझे यह देखकर बड़ी खुशी हुई कि आप लोगों ने मेरी भावनाओं का मान रखा और महज 40 महीनों में ही इस प्रोजेक्ट को पूरा करके दिखाया. आज हमारे आसपास जैसी परिस्थितियां हैं, उसे देखते हुए यह बेहद जरूरी हो जाता है कि हम अपने लक्ष्यों को ऐसे ही, समयबद्ध तरीके से पूरा करते रहें. इस मौके पर मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान के लिए विशेष आभार प्रकट करता हूं."

'कहां-कहां से गुजरेगा यूपी डिफेंस कॉरिडोर'
राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर डीआरडीओ, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और इस प्रोजेक्ट से जुड़े हर व्यक्ति व संस्था को बधाई दी. उन्होंने कहा, "हमारी सरकार जब उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर के विजन को लेकर आगे बढ़ी थी, तो उस समय हमारे सामने अनेक बड़े लक्ष्य थे. उन तमाम लक्ष्यों में से हमारा एक उद्देश्य यह भी था कि हम उत्तर प्रदेश को एक बार फिर देश के प्रोडक्शन सेंटर के रूप में विकसित करें. यूपी डिफेंस कॉरिडोर लखनऊ सहित, कानपुर, झांसी, चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ से होकर गुजरता है और ये सभी नोड्स आने वाले समय में विकास के नए केंद्र बनकर उभरेंगे."

Tags

Advertisement
LIVE
Advertisement
इस्लामिक आतंकवाद से पीड़ित 92% लोग मुसलमान है, अब कट्टरपंथ खत्म हो रहा है!
Advertisement
Advertisement