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यूपी BJP अध्यक्ष चुनाव पर सस्पेंस खत्म, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे; आज लखनऊ में होगा नामांकन

शनिवार को लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय में 18वें प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन होगा, जबकि रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल नाम का औपचारिक ऐलान करेंगे. सूत्रों के मुताबिक शीर्ष नेतृत्व ने पंकज सिंह के नाम पर सहमति जताई है.

यूपी BJP अध्यक्ष चुनाव पर सस्पेंस खत्म, केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे; आज लखनऊ में होगा नामांकन
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उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के लिए आज का दिन बेहद अहम माना जा रहा है. बीते कई महीनों से प्रदेश अध्यक्ष के नए चेहरे को लेकर चल रही सियासी अटकलों पर अब विराम लगने की उम्मीद है. शनिवार को लखनऊ स्थित यूपी बीजेपी मुख्यालय में पार्टी के 18वें प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया होगी. इसके बाद रविवार को आयोजित एक बड़े कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल प्रदेश अध्यक्ष के नाम का औपचारिक ऐलान करेंगे.

दरअसल, इस पूरी प्रक्रिया के दौरान सबसे अहम बात यह है कि प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर कई नामों की चर्चा चल रही थी, लेकिन सूत्रों के अनुसार बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री पंकज सिंह के नाम पर अपनी मुहर लगा दी है. पंकज सिंह शनिवार को दिल्ली से लखनऊ पहुंचेंगे और चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे प्रदेश बीजेपी कार्यालय जाएंगे. सूत्रों के मुताबिक, नामांकन के पूर्व निर्धारित समय में भी बदलाव किया गया है. पहले दोपहर दो से तीन बजे के बीच नामांकन प्रक्रिया पूरी होनी थी, जिसे अब आगे बढ़ा दिया गया है.

डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने बताया कैसे होगा चुनाव

प्रदेश बीजेपी के चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने बताया कि शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के चयन से जुड़ी पूरी प्रक्रिया संपन्न की जाएगी. इस दौरान नामांकन दाखिल करने, नामांकन पत्रों की जांच और नाम वापस लेने की औपचारिकताएं पूरी होंगी. वहीं, रविवार को आवश्यकता पड़ने पर मतदान कराया जाएगा, अन्यथा दोपहर तक नए प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के नामों की आधिकारिक घोषणा कर दी जाएगी.

विपक्ष के PDA पर BJP की नजर 

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का कार्यक्रम गुरुवार को सामने आने के बाद से ही पार्टी के भीतर संभावित दावेदारों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. विपक्ष के पीडीए फार्मूले को संतुलित करने के लिए पार्टी इस बार ओबीसी वर्ग से आने वाले चेहरे पर भरोसा जता सकती है. ऐसे में गुरुवार से कई नामों पर मंथन शुरू हो गया है, जिनमें केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और राज्यसभा सांसद बाबू राम निषाद शामिल बताए जा रहे हैं. शुक्रवार को भी इन नामों को लेकर पार्टी के भीतर अलग-अलग स्तर पर चर्चाएं होती रहीं और नेताओं की अपनी-अपनी पसंद सामने आती रही. हालांकि, देर रात तक की हलचल में पंकज चौधरी का नाम अन्य दावेदारों की तुलना में ज्यादा मजबूती से उभरता नजर आया.

कितने मतदाताओं ने तय किए नाम 

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में दिनभर चली बैठकों के बाद कुल 464 मतदाताओं की सूची को अंतिम रूप दिया गया है. इस सूची में प्रदेश परिषद के सदस्यों के साथ-साथ पांच सांसद और 34 विधायक शामिल किए गए हैं. पार्टी की निर्धारित चुनावी व्यवस्था के अनुसार, भाजपा के विधानमंडल सदस्यों की कुल संख्या का 10 प्रतिशत मतदाता होते हैं, वहीं उत्तर प्रदेश कोटे से लोकसभा और राज्यसभा के कुल दस सांसदों को भी मतदान का अधिकार दिया जाता है. प्रदेश में इस समय भाजपा के 258 विधायक और 79 विधान परिषद सदस्य हैं. इसके अलावा पार्टी के 33 लोकसभा सांसद और 24 राज्यसभा सांसद भी हैं. पार्टी द्वारा जारी कार्यक्रम के मुताबिक, प्रदेश अध्यक्ष के नाम की औपचारिक घोषणा केंद्रीय चुनाव अधिकारी की भूमिका निभा रहे केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा की जाएगी.

पार्टी ने कितनी बार ओबीसी चेहरे को दी प्रदेश कि कमान 

वर्तमान में भूपेंद्र चौधरी बीजेपी के 17वें प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. हालांकि, अगर व्यक्तियों के क्रम के हिसाब से देखा जाए तो वह पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में 15वां चेहरा हैं. साल 1980 में स्थापित भाजपा में उत्तर प्रदेश के पहले प्रदेश अध्यक्ष माधो प्रसाद त्रिपाठी रहे थे. इसके बाद वर्ष 2017 तक के दौर को देखें तो कल्याण सिंह और विनय कटियार को छोड़कर अधिकतर समय प्रदेश संगठन की कमान ब्राह्मण और क्षत्रिय समाज से आने वाले नेताओं के हाथ में रही. बीते करीब दस वर्षों में पार्टी की रणनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला है और संगठनात्मक राजनीति का झुकाव ओबीसी वर्ग की ओर बढ़ा है. वर्ष 2016 के बाद से अब तक चार प्रदेश अध्यक्ष चुने जा चुके हैं, जिनमें से तीन ओबीसी समुदाय से रहे हैं, इस दौरान 2016 से 2017 तक केशव प्रसाद मौर्य, 2019 से 2022 तक स्वतंत्र देव सिंह और 2022 से अब तक चौधरी भूपेंद्र सिंह प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं, वहीं, 2017 से 2019 के बीच डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई.

पंकज चौधरी का राजनीतिक सफर 

केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी सात बार लोकसभा का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और वो कुर्मी समुदाय से आते हैं. उन्होंने वर्ष 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद पद का चुनाव जीतकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था. इसके बाद संगठन और सरकार, दोनों स्तरों पर उन्होंने विभिन्न अहम भूमिकाएं निभाईं. वर्तमान में वह केंद्र की मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

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बताते चलें कि यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सियासी हलचल अपने चरम पर है. नामांकन से लेकर औपचारिक घोषणा तक की प्रक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं. ऐसे में पार्टी किस चेहरे पर भरोसा जताती है, यह फैसला न सिर्फ संगठन बल्कि आगामी राजनीतिक रणनीति की दिशा भी तय करेगा.

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