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जम्मू-कश्मीर में डल गेट के आसपास फैल रही अफवाहों पर लगे रोक, सीएम उमर अब्दुल्ला ने स्थिति स्पष्ट कर लोगों से की अपील

डल गेट जम्मू-कश्मीर में फैली अफवाहों ने इलाके में तनाव बढ़ा दिया. क्या जनता अफवाहों से सावधान रहेगी और प्रशासन की अपील से स्थिति नियंत्रण में रहेगी?

04 Sep, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
09:06 PM )
जम्मू-कश्मीर में डल गेट के आसपास फैल रही अफवाहों पर लगे रोक, सीएम उमर अब्दुल्ला ने स्थिति स्पष्ट कर लोगों से की अपील

जम्मू-कश्मीर के डल गेट क्षेत्र में हाल ही में सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से कई भ्रामक सूचनाएं फैल गईं. इन अफवाहों में सुरक्षा स्थिति, आंदोलन और प्रशासनिक कदमों को लेकर गलत जानकारी दी जा रही थी. इससे इलाके में डर, असमंजस और शांति में बाधा उत्पन्न हुई.

स्थानीय लोग भी इन अफवाहों के कारण चिंतित हो गए और कई ने अपने घरों में रहकर इंतजार करना शुरू कर दिया. अफवाहें इतनी तेज़ी से फैलीं कि प्रशासन को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तुरंत कदम उठाने पड़े.

उमर अब्दुल्ला का स्पष्ट बयान

पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से स्थिति स्पष्ट की. उन्होंने कहा कि दल गेट में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और जनता को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए. उमर ने अपील की कि लोग केवल अधिकारिक स्रोतों और प्रशासन की जानकारी पर भरोसा करें. उन्होंने कहा कि अफवाहें समाज में भ्रम और डर पैदा करती हैं, इसलिए संयम और धैर्य बनाए रखना जरूरी है.

इस बीच कश्मीर यूनिवर्सिटी ने 4 सितंबर को होने वाले सभी एग्जाम स्थगित कर दिए हैं. केयू के एग्जाम कंट्रोलर ने यह जानकारी दी है. प्रतिकूल मौसम की स्थिति को देखते हुए एहतियात के तौर पर कश्मीर में सभी शैक्षणिक संस्थान कल यानी 4 सितंबर को बंद रखे जाएंगे. 

प्रशासन ने स्थिति संभाली

स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने डल गेट इलाके में सुरक्षा और निगरानी बढ़ा दी. पुलिस ने जनता को समझाया कि अफवाहों पर ध्यान देने की बजाय केवल सरकारी घोषणाओं और आधिकारिक अपडेट्स पर भरोसा करें. साथ ही, प्रशासन ने सोशल मीडिया पर फैल रही गलत सूचनाओं पर नजर रखी और उनके प्रसार को रोकने के उपाय किए. पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाना कानून के तहत सख्त कार्रवाई का कारण बन सकता है.

सोशल मीडिया का प्रभाव

आज के समय में सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम है, लेकिन यह गलत जानकारी फैलाने का सबसे तेज़ जरिया भी बन गया है. इस घटना ने दिखाया कि अफवाहें किस तरह तुरंत तनाव और डर फैलाती हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों से सामाजिक स्थिरता और सार्वजनिक सुरक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ता है. इसीलिए अधिकारियों ने लोगों से अपील की कि वे सूचनाओं की सत्यता जांचें और अफवाहों के झांसे में न आएं.

जनता से अपील और संयम की आवश्यकता

उमर अब्दुल्ला और प्रशासन ने जनता से सावधानी और संयम बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि अफवाहें केवल भ्रम पैदा करती हैं और समाज में अशांति फैला सकती हैं. जनता को केवल अधिकारिक घोषणाओं, पुलिस और प्रशासन के बयान पर भरोसा करना चाहिए.

इसके अलावा, नागरिकों से अपील की गई कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी संदिग्ध जानकारी को बिना पुष्टि के शेयर न करें. इस तरह का व्यवहार न केवल अफवाहों को रोकता है, बल्कि सामाजिक विश्वास और शांति बनाए रखने में मदद करता है.

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