'बंगाली में ज्यादा बोलो, डरो मत... 'ममता बनर्जी का बड़ा बयान
ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि जो प्रवासी मजदूर बंगाल लौटेंगे, उन्हें राज्य सरकार की ओर से 5,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. साथ ही उनके बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिला दिलाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को जनता से अपील की कि वे बंगाली भाषा को ज्यादा से ज्यादा बोलें और किसी भी तरह के डर में न रहें. उनका यह बयान हाल ही में प्रवासी मजदूरों पर हुए कथित हमलों के बाद आया है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “बंगाली में ज्यादा बोलो, डरो मत. हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम अपनी मातृभाषा यानी बंगाली ही बोलेंगे. लेकिन हम दूसरी भाषाओं का भी सम्मान करते हैं.”
प्रवासी मजदूरों के लिए राहत पैकेज
ममता बनर्जी ने ऐलान किया कि जो प्रवासी मजदूर बंगाल लौटेंगे, उन्हें राज्य सरकार की ओर से 5,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. साथ ही उनके बच्चों को नजदीकी स्कूलों में दाखिला दिलाने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
जलपाईगुड़ी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “मैं रोज अपमान झेलती हूं क्योंकि मैं बंगाल का विकास चाहती हूं.”
नेपाल संकट पर ममता का बयान
नेपाल में फंसे भारतीय पर्यटकों की स्थिति पर भी मुख्यमंत्री ने चिंता जताई. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हालात पर नजर रखे हुए है. “मैं उनसे कहना चाहती हूं कि जब तक हालात सामान्य न हो जाएं, वे थोड़ा इंतजार करें. जल्द ही आप सभी को सुरक्षित वापस लाया जाएगा.”
नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल
इसी बीच नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है. मंगलवार को प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने इस्तीफा दे दिया. उनका इस्तीफा युवाओं के उस हिंसक आंदोलन के दबाव में आया, जिसने पूरे देश को हिला कर रख दिया.
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प्रदर्शनकारियों ने कई बड़े नेताओं के घरों में आगजनी की, राजनीतिक दलों के दफ्तरों पर हमला किया और संसद में तोड़फोड़ की. बताया जा रहा है कि ओली सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद यह आंदोलन शुरू हुआ. पहले ही दिन हुए हिंसक प्रदर्शनों में 19 लोगों की मौत हो गई थी.
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