सीजफायर को लेकर सर्वदलीय बैठक की मांग पर शरद पवार का अलग स्टैंड, राहुल-खड़गे को लगा झटका
देश के दिग्गज नेताओं में शुमार और देश के रक्षा मंत्री का दायित्व संभाल चुके NCP(शरद चंद्र पवार) अध्यक्ष शरद पवार ने संसद सत्र बुलाने की मांग पर बड़ा बयान दिया है. पवार ने मुंबई में कहा कि संसद सत्र बुलाना एक गंभीर मुद्दा है. इस तरह के गंभीर मुद्दे पर चर्चा संभव नहीं है.
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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर को लेकर देश की राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस ने सरकार से संसद का एक विशेष सत्र बुलाने की मांग की है. कांग्रेस की इस मांग को अलग अलग पार्टी के नेताओं ने कांग्रेस का सपोर्ट किया है. पर इन सब के बीच NCP(शरद चंद्र पवार) अध्यक्ष और देश के रक्षा मंत्री का दायित्व संभाल चुके शरद पवार ने अपना अलग स्टैंड रखा है. उन्होंने इस मुद्दे पर सत्र बुलाने को एक गंभीर मुद्दा बताया है. सोमवार को मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शरद चंद्र पवार के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मैं संसद का विशेष सत्र बुलाने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन यह एक संवेदनशील और गंभीर मुद्दा है. पवार ने कहा कि संसद में इस तरह के गंभीर मुद्दे पर चर्चा संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय हित के लिए जानकारी को गोपनीय रखना जरूरी है. विशेष सत्र बुलाने के बजाय बेहतर होगा कि हम सब एक साथ (सर्वदलीय बैठक) बैठें.
#WATCH | Mumbai, Maharashtra | On opposition demanding for a special session of the Parliament, NCP(SCP) chief Sharad Pawar says, "...I am not against calling a special session of Parliament...but this is a sensitive and serious issue and discussing such a serious issue is not… pic.twitter.com/eKe23AeC0y
— ANI (@ANI) May 12, 2025
केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने की थी मांग
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने लंबे पोस्ट में लिखा था कि 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए, ताकि इन सभी मुद्दों पर व्यापक चर्चा हो सके.
उन्होंने आगे लिखा कि ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के लिए "तटस्थ मंच" का उल्लेख अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो द्वारा किया जाना कई सवाल खड़े करता है - क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?’ उन्होंने सवाल पूछते हुए लिखा कि ‘भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल दोबारा खोले जा रहे हैं? हमने पाकिस्तान से कौन से प्रतिबद्धताएं मांगे हैं और हमें क्या मिला है?’
जयराम रमेश ने लिखा कि 'भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश के दो पूर्व सेनाध्यक्षों द्वारा इस पूरी स्थिति को लेकर कल शाम को किए टिप्पणियों की ओर ध्यान दिलाना चाहती है. इन टिप्पणियों के मद्देनज़र प्रधानमंत्री को स्वयं जवाब देना चाहिए. अंत में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस मानती है कि इस समय देश का इंदिरा गांधी जी की असाधारण साहसिक और नेतृत्व क्षमता को याद करना स्वाभाविक है, जैसा कि उन्होंने 1971 में प्रदर्शित किया था.'
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए,…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 11, 2025
11 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर का ऐलान हुआ. इसके बाद राहुल गांधी और कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने एक पत्र लिखकर मांग की. दोनों ही दिग्गज नेता ने सरकार जल्द से जल्द संसद का एक सत्र बुलाए जाने की मांग की थी. इस बैठक के दौरान तमाम मुद्दों पर चर्चा होने की माँग की गई जिससे सभी राष्ट्र प्रथम को लेकर अपना संकल्प व्यक्त कर सकें. कांग्रेस पहलगाम टेरर अटैक और फिर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सरकार के साथ खड़ी थी, लेकिन पाकिस्तान के साथ सीजफायर के ऐलान पर कांग्रेस ने आक्रामक मोड़ अपना लिया है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने अमेरिका की मदद से सीजफायर के ऐलान करके तीसरे की मध्यस्थता रास्ता खोल दिया है.
LoP Lok Sabha and LoP Rajya Sabha have just written to the PM requesting for a special session of Parliament to be convened immediately. Here are the letters pic.twitter.com/exL6H5aAQy
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 11, 2025
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