'पाकिस्तान गया तो वहां घर जैसा फील हुआ...', राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा का फिर दिखा PAK प्रेम
बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए नया विवाद खड़ा हो गया है. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस प्रमुख और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और नेपाल में उन्हें घर जैसा महसूस हुआ. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से विदेश नीति को पड़ोसी देशों पर केंद्रित करने की अपील की.
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी पर नया सियासी संकट खड़ा हो गया है. इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा ने पाकिस्तान की तारीफ कर ऐसी टिप्पणी कर दी है, जिसे भाजपा ने हाथों-हाथ लपक लिया है.
पाकिस्तान में घर जैसा लगा: सैम पित्रोदा
दरअसल, न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में पित्रोदा ने कहा कि' जब वह पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में गए, तो उन्हें कभी ऐसा महसूस ही नहीं हुआ कि वह किसी विदेशी देश में हैं. बल्कि, ये तीनों पड़ोसी देश उन्हें हमेशा एकदम 'घर जैसा' लगे. सैम पित्रोदा ने कहा, 'मेरे अनुसार, हमारी विदेश नीति को सबसे पहले अपने पड़ोस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. क्या हम सचमुच अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में पर्याप्त सुधार ला सकते हैं? मैं पाकिस्तान गया हूं. मैं आपको बता दूं कि मुझे वहां (पाकिस्तान में) घर जैसा महसूस हुआ. मैं बांग्लादेश गया हूं, मैं नेपाल गया हूं, और मुझे वहां घर जैसा महसूस हुआ. मुझे ऐसा कभी नहीं लगा कि मैं किसी विदेशी देश में हूं.'
राहुल गांधी के समर्थन में पित्रोदा
सिर्फ विदेश नीति ही नहीं, पित्रोदा ने ईवीएम और लोकतंत्र के मुद्दे पर भी केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका कई बार जताई गई है और अब राहुल गांधी ने इस पर आवाज बुलंद की है. उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे राहुल गांधी की आवाज में अपनी आवाज मिलाएं क्योंकि लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी आने वाली पीढ़ियों की है.
राहुल गांधी की तारीफ
सैम पित्रोदा ने राहुल गांधी को 'चमकदार और ऊर्जावान युवा' बताया. उनका कहना था कि भाजपा और अन्य दल राहुल गांधी की छवि को तोड़-मरोड़कर पेश करते हैं, जबकि हकीकत यह है कि राहुल गांधी पढ़े-लिखे हैं और युवाओं के भविष्य में विश्वास करते हैं. पित्रोदा के मुताबिक देश को ऐसे वैश्विक नेता की ज़रूरत है जिसका नैतिक आधार मजबूत हो और राहुल गांधी इस कसौटी पर खरे उतरते हैं. वहीं हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मामले पर पूछे गए सवाल पर पित्रोदा ने आरोप लगाया कि भारत की संस्थाएं और न्यायपालिका अब स्वतंत्र नहीं रहीं. उनका कहना था कि सत्ता ने संस्थानों पर कब्जा कर लिया है और इससे लोकतंत्र खतरे में है.
जॉर्ज सोरोस विवाद से दूरी
भाजपा कई बार कांग्रेस को जॉर्ज सोरोस से जोड़ चुकी है. इस पर पित्रोदा ने साफ कहा कि उन्होंने कभी सोरोस से मुलाकात तक नहीं की. उनका कहना था कि यह सिर्फ झूठ फैलाने की राजनीति है. सोरोस अपने हित के लिए काम करते हैं और कांग्रेस अपने लिए. इसमें कोई संबंध नहीं है.
गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं सैम पित्रोदा
सैम पित्रोदा को गांधी परिवार का भरोसेमंद सलाहकार माना जाता है. 1980 के दशक में वह राजीव गांधी के करीबी टेक्नोक्रेट के रूप में उभरे थे. तब से लेकर अब तक वह कांग्रेस नेतृत्व के करीबी रहे हैं. फरवरी में भी उन्होंने बयान देकर विवाद खड़ा किया था जब उन्होंने कहा था कि भारत चीन से खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है.
बीजेपी ने दी तीखी प्रतिक्रिया
सैम पित्रोदा का जैसे ही यह बयान सामने आया, भाजपा ने कांग्रेस को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा. पार्टी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा कि पित्रोदा का पाकिस्तान में घर जैसा महसूस होना कोई हैरानी की बात नहीं है. यही वजह है कि यूपीए सरकार ने 26/11 हमले के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम नहीं उठाया था. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में पित्रोदा के इंटरव्यू का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'राहुल गांधी के चहेते और कांग्रेस ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में 'घर जैसा' महसूस हुआ। कोई आश्चर्य नहीं कि यूपीए ने 26/11 के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं की. पाकिस्तान का चहेता, कांग्रेस का चुना हुआ!।'
बता दें कि पाकिस्तान की तारीफ पर दिया गया यह बयान कांग्रेस के लिए चुनावी मौसम में बड़ी मुसीबत बन सकता है. भाजपा इसे देशभक्ति के मुद्दे से जोड़कर लगातार हमले कर रही है. वहीं कांग्रेस इसे राहुल गांधी के समर्थन और विदेश नीति पर अपनी राय के रूप में पेश कर रही है. आने वाले दिनों में यह मुद्दा बिहार चुनावी मैदान में कितना असर डालेगा, यह देखना दिलचस्प होगा.
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