‘मैं दखल नहीं देता, लेकिन…’, मणिपुर में क्यों है जरूरी है स्थायी सरकार? RSS प्रमुख मोहन भागवत ने बताया
संघ प्रमुख मोहन भागवत तीन दिन के दौरे पर मणिपुर पहुंचे जहां उन्होंने सामाजिक सद्भाव और एकता पर जोर दिया. संवाद कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मणिपुर में नई सरकार का गठन जरूरी है और इसके प्रयास जारी हैं.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत गुरुवार को मणिपुर के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने इम्फाल में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक सद्भाव और सभ्यतागत एकता पर खास जोर दिया. कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने राज्य में नई सरकार के गठन पर भी स्पष्ट रूप से कहा कि मणिपुर में सरकार बननी चाहिए और मेरी जानकारी के अनुसार इसके लिए प्रयास लगातार जारी हैं. बता दें कि लगभग दो साल पहले भड़की जातीय हिंसा के बाद यह उनका पहला मणिपुर दौरा है, जो अपने आप में काफी अहम माना जा रहा है.
आंतरिक शांति आने में समय लगेगा: मोहन भागवत
इम्फाल में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मणिपुर की राजनीतिक स्थिति पर एक व्यक्ति के सवाल का जवाब देते हुए महत्वपूर्ण बात कहीं. उन्होंने कहा कि वह आम तौर पर सरकार या राजनीतिक दलों के मामलों में दखल नहीं देते, लेकिन मणिपुर में सरकार का गठन होना बेहद आवश्यक है और उनकी जानकारी में इस दिशा में कोशिशें जारी हैं. भागवत ने कहा कि विनाश कुछ ही मिनटों में हो जाता है, जबकि निर्माण में वर्षों लग जाते हैं. उन्होंने बताया कि कठिन हालात के बावजूद मणिपुर के समाज को विभाजन से बचाने के लिए लगातार प्रयास चलते रहे हैं. भागवत ने भरोसा जताया कि किसी की पहचान को क्षति पहुंचाए बिना, राज्य में भौतिक शांति जल्द लौट आएगी, हालांकि आंतरिक शांति स्थापित होने में थोड़ा समय लग सकता है.
मणिपुर के लिए सामाजिक स्तर पर भी हो रहा प्रयास
इम्फाल में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि आजकल संघ पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना हुआ है, लेकिन उसके बारे में कई बार भ्रामक बातें भी फैलाई जाती हैं. उन्होंने दावा किया कि संघ का कार्य व्यापक और अनोखा है, जिसकी तुलना किसी अन्य संगठन से नहीं की जा सकती. भागवत ने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे समुद्र, आकाश और महासागर की कोई तुलना नहीं होती, ठीक उसी तरह संघ के कार्य और उसके प्रभाव का भी कोई समकक्ष नहीं है. मणिपुर के सांस्कृतिक मूल्यों की प्रशंसा करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि राज्य की परंपराएं चाहे विशेष अवसरों पर पारंपरिक वेशभूषा धारण करना हो या स्थानीय भाषाओं का सम्मानपूर्वक उपयोग अपनी विशिष्ट पहचान को मजबूत करती हैं. उन्होंने लोगों से इन सांस्कृतिक धरोहरों को और सुदृढ़ करने की अपील की. मौजूदा हालात पर बात करते हुए भागवत ने बताया कि राज्य में स्थिरता लौटाने के लिए सामाजिक और सामुदायिक स्तर पर लगातार प्रयास जारी हैं.
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गौरतलब है कि मई 2023 से मणिपुर कुकी-जो और मेइती समुदायों के बीच जारी जातीय हिंसा की हुई, जिसमें अब तक करीब 260 लोगों की जान जा चुकी है और बड़ी संख्या में परिवार विस्थापित हुए हैं. हालात तब और बदल गए जब मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने फरवरी में पद छोड़ दिया, जिसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.
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