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कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में राजीव प्रताप रूडी का जलवा बरकरार, 100 से अधिक वोटों से संजीव बालियान को दी मात

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने भाजपा के ही डॉ. संजीव बालियान को हराकर सचिव पद पर लगातार ढाई दशक से अपना दबदबा बरकरार रखा. मंगलवार को हुए चुनाव में 1295 में से 690 सांसदों ने वोट डाला, जो अब तक की सबसे ज्यादा उपस्थिति रही. 26 राउंड की गिनती के बाद रूडी ने जीत दर्ज की.

Image: File Photo

भारतीय राजनीति के प्रतिष्ठित और चर्चित मंच कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एक बार फिर भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने अपना वर्चस्व कायम रखा है. मंगलवार को हुए सचिव पद के चुनाव में उन्होंने अपने ही दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. संजीव बालियान को मात दे दी. इस जीत के साथ रूडी ने लगभग ढाई दशक से चले आ रहे अपने एकछत्र राज को और मजबूती दी है.

690 सांसदों ने डाला वोट

चुनाव प्रक्रिया मंगलवार सुबह 11 बजे से शुरू हुई और शाम 4 बजे तक चली. मतगणना का काम शाम 5 बजे से शुरू हुआ और कुल 26 राउंड में वोटों की गिनती पूरी की गई. इस चुनाव में सांसदों की मौजूदगी उल्लेखनीय रही. कुल 1295 वर्तमान और पूर्व सांसदों में से करीब 690 सांसदों ने मतदान किया. यह संख्या अब तक के चुनावों में सबसे ज्यादा मानी जा रही है. वोट डालने वालों में भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ कांग्रेस के बड़े चेहरे भी शामिल थे. केंद्रीय मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जैसे दिग्गजों ने भी अपना वोट डाला. शुरुआती रुझानों में ही रूडी ने बालियान पर बढ़त बना ली थी, जो अंत तक बरकरार रही.

ढाई दशक से अडिग है रूडी का किला

भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी को कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में एक प्रभावशाली और मजबूत प्रशासक के रूप में जाना जाता है. वे कई बार बिना किसी मुकाबले के चुनाव जीत चुके हैं. सत्ता दल में उनकी सक्रियता और लंबे समय से बने रिश्तों ने इस चुनाव में भी उन्हें मजबूत आधार दिया. वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले डॉ. संजीव बालियान ग्रामीण पृष्ठभूमि के लोकप्रिय नेता हैं, जिनकी अपने क्षेत्र में मजबूत पकड़ है, लेकिन इस चुनाव में वह रूडी की सियासी मजबूती को चुनौती नहीं दे सके.

पूरे पैनल की हुई जीत: रूडी 

चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में राजीव प्रताप रूडी ने बताया कि उन्होंने 100 से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है और उनकी पैनल के सभी सदस्य भी विजयी रहे हैं. रूडी ने इसे सभी सांसदों और उन समर्थकों की बड़ी सफलता बताया, जो पिछले दो दशकों से उनकी टीम के लगातार प्रयासों के साथ खड़े रहे. उन्होंने कहा कि यह उनके लिए एक बेहद सुखद और यादगार अनुभव है.

निशिकांत दुबे का खुला समर्थन भी नहीं दिला पाया जीत

चुनाव के दौरान भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने खुलकर डॉ. संजीव बालियान का समर्थन किया था. उन्होंने यहां तक कहा था कि क्लब को अफसरशाही के प्रभाव से बाहर निकालना जरूरी है और यह काम डॉ. बालियान ही कर सकते हैं. लेकिन दुबे का कैंपेन और उनकी भविष्यवाणी दोनों ही नतीजों में असर नहीं डाल पाए.

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कॉन्स्टिट्यूशन क्लब का महत्व

दिल्ली में स्थित कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया संसद के वर्तमान और पूर्व सांसदों के लिए न केवल एक सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र है, बल्कि यह राजनीतिक चर्चाओं, मुलाकातों और रणनीतियों का भी अहम स्थान है. यहां लोकसभा अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होते हैं, लेकिन सचिव क्लब के संचालन और कार्यपालिका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यही कारण है कि सचिव पद को लेकर हमेशा राजनीतिक दिलचस्पी बनी रहती है.

कार्यकारिणी पद के भी हुए हैं चुनाव

इस बार सचिव पद के साथ 11 कार्यकारी सदस्यों के चुनाव भी हुए। इन सीटों पर 14 उम्मीदवार मैदान में थे. कार्यकारिणी क्लब के प्रशासनिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के संचालन में अहम जिम्मेदारी निभाती है.

बताते चलें कि ढाई दशक से लगातार सचिव पद पर बने रहना उनके नेतृत्व कौशल और संगठन में पकड़ का प्रमाण है. डॉ. संजीव बालियान जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी के बावजूद रूडी ने फिर साबित कर दिया कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में उनकी पकड़ अभी अटूट है.

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