OPS को लेकर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में राजस्थान सरकार, लाखों कर्मचारियों पर होगा असर
राजस्थान सरकार OPS को लेकर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है, जिससे राज्य के लाखों सरकारी कर्मचारियों को असर पड़ सकता है. इस मामले ने कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ा दी है और आगामी घोषणाओं को लेकर चर्चा तेज हो गई है.
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राजस्थान के लाखों सरकारी कर्मचारियों को झटका! OPS पर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में सरकारजयपुर, 21 अक्टूबर 2025 – राजस्थान सरकार लाखों सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा झटका देने की तैयारी में है. पुरानी पेंशन योजना (OPS) को खत्म करने का फैसला लिया जा रहा है. भजन लाल शर्मा सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को फिर से लागू करने पर विचार कर रही है. इससे 5 लाख से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित होंगे. कर्मचारी संगठन इसे कुठाराघात बता रहे हैं. वित्त विभाग ने कुछ संस्थाओं में OPS बंद करने का प्रस्ताव भेजा है, जहां वित्तीय कमजोरी का हवाला दिया गया है. कर्मचारी नेता चेतावनी दे रहे हैं कि अगर ऐसा हुआ तो बड़ा आंदोलन होगा.
OPS खत्म करने का प्रस्ताव
राजस्थान सरकार ने OPS को समाप्त करने का फैसला लिया है. कुछ सरकारी संस्थाओं में NPS, CPF और EPF जैसी योजनाएं लागू होंगी. वित्त विभाग का कहना है कि कुछ संस्थाएं वित्तीय रूप से कमजोर हैं और पेंशन का बोझ नहीं उठा सकतीं. यह फैसला हाल ही में आया है, जिससे कर्मचारियों में गुस्सा फैल गया है. पहले गहलोत सरकार ने OPS बहाल किया था, लेकिन अब बीजेपी सरकार इसे उलटने की कोशिश में है.
कर्मचारियों में गुस्सा, आंदोलन की धमकी
कर्मचारी संगठनों ने सरकार के फैसले की कड़ी निंदा की है. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ ने कहा कि OPS से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं होगी. वे 2004 से 2022 तक NPS में कटे 51 हजार करोड़ रुपये वापस मांग रहे हैं. हाल ही में जयपुर में धरना दिया गया, जहां उपचुनाव से पहले चेतावनी दी गई. कर्मचारी नेता कहते हैं कि सांसद-विधायक अपनी पेंशन नहीं बदलते, तो कर्मचारियों को क्यों सताया जा रहा है.
वित्तीय कारणों का हवाला
सरकार का तर्क है कि OPS से राज्य का खजाना खाली हो रहा है. NPS में कर्मचारी और सरकार दोनों योगदान देते हैं, जो बाजार पर निर्भर होता है. OPS में पूरी पेंशन सरकार देती है. लेकिन कर्मचारी कहते हैं कि लंबी सेवा के बाद सम्मानजनक पेंशन उनका हक है. यह फैसला अगर लागू हुआ तो रिटायरमेंट के समय पेंशन कम हो जाएगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए है, लेकिन कर्मचारियों का भरोसा तोड़ सकता है.
कर्मचारी संगठन अलर्ट पर
कर्मचारी महासंघ ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई लड़ेंगे. अगर OPS खत्म हुआ तो हड़ताल और विरोध प्रदर्शन होंगे. सरकार से मांग है कि फैसला वापस लें. फिलहाल वित्त विभाग प्रस्ताव पर विचार कर रहा है. यह मामला राजनीतिक रूप से भी गरमा सकता है, क्योंकि उपचुनाव नजदीक हैं. कर्मचारी उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार उनकी सुन लेगी.
सरकारी कर्मचारियों से करेंगे बात
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दूसरी तरफ बैकफुट पर आई राजस्थान सरकार का कहना है कि वह जरूरत पड़ने पर कर्मचारियों से बातचीत करने को तैयार है. राज्य के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के मुताबिक सरकार कर्मचारियों से बातचीत करके ही कोई कदम उठाएगी.
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