रेलवे के नए रूल से तत्काल टिकट मिलना हुआ आसान, पहले दिन से दिखने लगा असर... खचाखच भरी रहने वाली ट्रेनों में खाली दिखीं सीटें
भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव किया है. अब टिकटें पहले जैसी तेजी से नहीं भर रहीं और दिल्ली से लखनऊ, वाराणसी व बिहार जाने वाली ट्रेनों में सीटें आसानी से मिल रही हैं. नई व्यवस्था से दलाली पर लगाम और आम यात्रियों को राहत मिली है.

ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को अक्सर तत्काल टिकट बुकिंग को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब भारतीय रेलवे की नई व्यवस्था से राहत मिलने लगी है. रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में बड़ा और ऐतिहासिक बदलाव किया है, जिसका असर पहले ही दिन साफ नजर आया. पहले जिन ट्रेनों में तत्काल कोटे की सीटें चंद मिनटों में भर जाती थीं, अब उनमें बुकिंग समय के काफी देर बाद तक टिकटें उपलब्ध दिख रही हैं. राजधानी दिल्ली से लखनऊ, वाराणसी और बिहार के विभिन्न रूट्स पर चलने वाली ट्रेनों में यह बदलाव सबसे अधिक दिखाई दिया.
रेलवे के इस फैसले से न केवल आम यात्रियों को फायदा हुआ है, बल्कि तत्काल टिकट को लेकर दलाली और अवैध बुकिंग की शिकायतों पर भी अंकुश लगने की उम्मीद है. अधिकारियों के मुताबिक, यह बदलाव तकनीकी प्रणाली को अधिक पारदर्शी और कुशल बनाने की दिशा में किया गया है. दरअसल, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में घोषणा की थी कि तत्काल टिकट अब केवल आधार आधारित OTP ऑथेंटिकेशन के ज़रिए ही बुक किए जा सकेंगे. यह नया नियम 1 जुलाई 2025 से देशभर में लागू कर दिया गया है. इस फैसले का सीधा असर बुकिंग प्रक्रिया पर दिखाई देने लगा है. रेलवे का कहना है कि इस नई व्यवस्था का मकसद बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और जरूरतमंद यात्रियों को प्राथमिकता देना है. इसके तहत अब टिकट बुकिंग विंडो खुलने के शुरुआती 30 मिनट तक रेलवे एजेंट तत्काल टिकट बुक नहीं कर सकेंगे.
नए नियम में रेलवे ने किए अहम बदलाव
भारतीय रेलवे के नए नियमों के तहत तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में कई अहम बदलाव किए गए हैं. अब IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप के ज़रिए तत्काल टिकट केवल वही यात्री बुक कर सकेंगे, जिनका आधार से सत्यापन हुआ हो. यानी टिकट बुकिंग के लिए आधार आधारित OTP (वन टाइम पासवर्ड) वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है. यह नियम केवल ऑनलाइन बुकिंग तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि 15 जुलाई 2025 से काउंटर या अधिकृत रेलवे एजेंट के माध्यम से होने वाली तत्काल टिकट बुकिंग पर भी लागू हो जाएगा. इसका मतलब है कि सभी माध्यमों से होने वाली तत्काल बुकिंग में आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य होगा. इसके अलावा, एजेंटों को तत्काल टिकट बुकिंग के पहले 30 मिनट तक प्रतिबंधित कर दिया गया है, ताकि आम यात्रियों को प्राथमिकता मिल सके. AC क्लास की तत्काल टिकट बुकिंग अब आम यात्री सुबह 10:00 बजे से कर सकेंगे, जबकि एजेंट इसके लिए 10:30 बजे के बाद ही बुकिंग कर पाएंगे. इसी तरह, Non-AC क्लास की टिकटों के लिए आम यात्रियों को सुबह 11:00 बजे से और एजेंटों को 11:30 बजे के बाद बुकिंग की अनुमति होगी.
नई व्यवस्था का दिखा असर, दलालों की पकड़ कमजोर
रेलवे के नए बदलाव का सीधा प्रभाव दलालों और फर्जी बुकिंग नेटवर्क पर पड़ा है. कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपने अनुभव साझा करते हुए नई व्यवस्था की सराहना की है. उनका कहना है कि कई वर्षों बाद ट्रेनों में तत्काल कोटे की सीटें खाली दिख रही हैं. पहले जिन स्टेशनों से औसतन 10 तत्काल टिकट ही बन पाते थे, वहां अब यह संख्या दोगुनी हो गई है. खास बात यह रही कि जिन ट्रेनों के तत्काल टिकट चंद मिनटों में खत्म हो जाते थे. जैसे कि पुरुषोत्तम एक्सप्रेस उनमें भी अब टिकटें उपलब्ध हैं. हालांकि शुरुआती दिनों में ऑनलाइन टिकट बुकिंग की संख्या थोड़ी कम देखी गई है, लेकिन यात्रियों को इससे राहत मिल रही है. वहीं, इस नई व्यवस्था से अधिकृत रेलवे एजेंट प्रभावित हुए हैं और वे इसका विरोध भी कर रहे हैं. बावजूद इसके, आम यात्रियों को लाभ मिलने से रेलवे का यह कदम काफी सराहा जा रहा है और इसे टिकट बुकिंग में पारदर्शिता लाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
एजेंटों को झटका
नई व्यवस्था के तहत रेलवे ने अधिकृत एजेंटों के लिए तत्काल टिकट बुकिंग की समय सीमा में बड़ा बदलाव किया है. अब एजेंट तत्काल बुकिंग शुरू होने के 30 मिनट बाद ही टिकट बुक कर सकते हैं. इस देरी के कारण अधिकांश सीटें तब तक भर जाने की संभावना रहती है, जिससे एजेंटों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. सिर्फ इतना ही नहीं, रेलवे ने तत्काल कोटे में सीटों की संख्या में भी कटौती की है और इन सीटों को प्रीमियम तत्काल कोटे में शिफ्ट कर दिया है. इसका सीधा असर टिकट की कीमतों पर पड़ा है. जो सीट पहले तत्काल कोटे में लगभग ₹1000 में मिल रही थी, वही अब प्रीमियम तत्काल में तीन गुना तक महंगी हो गई है. यानी यात्रियों को ऐसे टिकट के लिए ₹3000 तक चुकाने पड़ सकते हैं.
रेल मंत्रालय का बयान
रेल मंत्रालय ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली में किए गए बदलावों को लेकर स्पष्ट किया है कि यह कदम आम यात्रियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से उठाया गया है. मंत्रालय के अनुसार, पहले तत्काल टिकटों का एक बड़ा हिस्सा कुछ ही मिनटों में एजेंटों और दलालों द्वारा बुक कर लिया जाता था, जिससे वास्तव में जरूरतमंद यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाता था. अब आधार आधारित OTP वेरिफिकेशन और एजेंट बुकिंग पर लगाए गए समयबद्ध प्रतिबंधों के चलते यह प्रणाली पहले से कहीं अधिक निष्पक्ष और पारदर्शी बन गई है.
IRCTC पर कैसे करें आधार सत्यापन?
तत्काल टिकट बुकिंग के लिए अब IRCTC पर आधार आधारित OTP वेरिफिकेशन अनिवार्य हो गया है. अगर आप भी आधार सत्यापन करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आसान स्टेप्स को फॉलो करें.
*IRCTC की वेबसाइट या मोबाइल ऐप खोलें.
*अपने रजिस्टर्ड यूजर आईडी और पासवर्ड से लॉग इन करें.
*‘प्रोफाइल’ टैब पर जाएं और वहां ‘Link Aadhaar’ विकल्प चुनें.
*अपना आधार नंबर और नाम बिल्कुल वैसे दर्ज करें जैसा आपके आधार कार्ड पर लिखा है.
*नीचे दिए गए सहमति वाले चेकबॉक्स पर टिक करें और ‘Send OTP’ पर क्लिक करें.
*आपके आधार से लिंक मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा.
*उस ओटीपी को दर्ज करें और ‘Verify OTP’ बटन पर क्लिक करें.
*सत्यापन पूरा होने के बाद आपका आधार IRCTC प्रोफाइल से लिंक हो जाएगा और आप तत्काल टिकट बुक कर सकेंगे.
क्या है तत्काल टिकट की सुविधा?
भारतीय रेलवे द्वारा तत्काल टिकट उन यात्रियों के लिए प्रदान की जाती है, जिन्हें आपात स्थिति में यात्रा करनी होती है. इसमें अचानक यात्रा की योजना बनना, मेडिकल इमरजेंसी, परीक्षा या अन्य जरूरी कारण शामिल होते हैं. तत्काल टिकट बुकिंग की प्रक्रिया यात्रा से एक दिन पहले शुरू होती है. AC क्लास के लिए बुकिंग सुबह 10:00 बजे और Non-AC क्लास के लिए सुबह 11:00 बजे से शुरू होती है. तत्काल टिकट में यात्रियों को बेस किराए के अलावा अतिरिक्त शुल्क देना होता है। यह ₹100 से ₹500 तक हो सकता है, जो कि यात्रा वर्ग और दूरी पर निर्भर करता है. ध्यान देने वाली बात यह है कि यदि तत्काल टिकट कन्फर्म हो गया हो, तो उसके रद्द होने पर कोई रिफंड नहीं दिया जाता. यह सुविधा पूरी तरह से आपात यात्राओं के लिए है, इसलिए नियम भी सख्त हैं.