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कर्पूरीग्राम स्टेशन पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, VIP व्यवस्था ठुकराकर दिया सादगी का संदेश

बिहार के कर्पूरीग्राम स्टेशन पर निरीक्षण के दौरान केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों द्वारा लगाई गई लकड़ी की खास सीढ़ी हटवा दी और आम यात्रियों की तरह ट्रेन में चढ़े. उनका यह सादगीभरा कदम विकास में जमीन से जुड़ाव और विनम्रता का संदेश देता है.

07 Jul, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
04:20 AM )
कर्पूरीग्राम स्टेशन पहुंचे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, VIP व्यवस्था ठुकराकर दिया सादगी का संदेश

बिहार के समस्तीपुर जिले के कर्पूरीग्राम स्टेशन पर सोमवार को एक अलग ही नजारा देखने को मिला. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव जब स्टेशन पर निरीक्षण के लिए पहुंचे, तो स्थानीय प्रशासन और रेलवे अधिकारियों ने उनके स्वागत में खास व्यवस्था की थी. ट्रेन में चढ़ने के लिए लकड़ी की सीढ़ियां लगाई गई थीं. लेकिन मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस विशेष सुविधा को अस्वीकार करते हुए आम यात्रियों की तरह सीढ़ियों का प्रयोग कर ट्रेन में प्रवेश किया. रेल मंत्री यह केवल एक सादगीपूर्ण कदम नहीं था, बल्कि एक साफ संदेश भी था कि विकास कार्य जमीन से जुड़ाव और विनम्रता के साथ भी हो सकते हैं.

कर्पूरी ठाकुर के नाम पर बना स्टेशन
यह कार्यक्रम बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और सामाजिक न्याय के प्रतीक स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की स्मृति को सम्मान देने का एक बड़ा प्रयास भी था. जिस स्टेशन का नाम अब 'कर्पूरीग्राम' रखा गया है, रेल मंत्री ने यहां यात्री सुविधा को लेकर निरीक्षण किया और अधिकारियों को उचित दीश-निर्देश भी दिया. बता दें कर्पूरी ठाकुर को सामाजिक न्याय, पिछड़ों की आवाज और साधारण जीवनशैली के लिए आज भी जाना जाता है. ऐसे में रेल मंत्री द्वारा विशेष सुविधा ठुकराकर आमजन की तरह निरीक्षण करना, कहीं न कहीं कर्पूरी बाबू के आदर्शों को ही जीवंत करने जैसा प्रतीत हुआ.

दीघा घाट स्टेशन का भी किया निरीक्षण
अश्विनी वैष्णव ने कर्पूरीग्राम स्टेशन पहुंचने से पहले दीघा घाट रेलवे स्टेशन का भी निरीक्षण किया. वहाँ भी उन्होंने स्टेशन की मौजूदा स्थिति, यात्री सुविधाओं और बुनियादी ढांचे का जायज़ा लिया. निरीक्षण के दौरान उन्होंने सादगी का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बिना किसी तामझाम के यात्रा की. अधिकारियों द्वारा बनाई गई वीवीआईपी व्यवस्था को नकार कर उन्होंने यह स्पष्ट किया कि आम जनता की तरह जीना और सोचना ही असली नेतृत्व है. इस दौरान वे एक महत्वपूर्ण परियोजना-RUB (Road Under Bridge) के शिलान्यास के लिए भी पहुंचे. यह RUB की लागत 15.08 करोड़ रुपये है, वही इसकी चौड़ाई की बात करें तो यह 12.35 मीटर और ट्विन बॉक्स टाइप एलएचएस है. 

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