बिल्डरों के लिए चेतावनी…पंजाब में अवैध कब्जेधारियों पर सरकार ने कसी नकेल, भारी जुर्माने के साथ बड़ी सजा
पंजाब सरकार की कैबिनेट ने 'पंजाब ग्राम सांझी भूमि नियम, 1964' में जरूरी बदलाव को मंजूरी दी है. नियमों में बदलाव के बाद अब कोई भी अवैध तरीके और जबरन सांझी जमीन पर कब्जा नहीं कर पाएगा.
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पंजाब में जमीनों पर अवैध कब्जा अब किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बाहुबल और दबंगई के दम पर जमीन हथियाने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी. पंजाब सरकार की कैबिनेट ने 'पंजाब ग्राम सांझी भूमि नियम, 1964' में जरूरी बदलाव को मंजूरी दी है.
नियमों में बदलाव के बाद अब कोई भी अवैध तरीके और जबरन सांझी जमीन पर कब्जा नहीं कर पाएगा. दरअसल, नए नियमों के तहत अगर कोई बिल्डर गांव की सांझी जमीन, पुराने रास्तों या नहरों पर कब्ज़ा करता है, तो उसे उस जमीन की सरकारी कीमत से चार गुना ज्यादा रेट देनी होगी.
पंचायत को मिलेगा सीधा फायदा
मान सरकार के इस कदम का सीधा फायदा पंचायतों को होगा. अवैध कब्जेधारियों पर ये भारी जुर्माना का आधा हिस्सा सीधे पंचायत के खाते में जाएगा और पंचायतों की बुनियाद को मजबूत करेगा. वहीं, बाकी आधा हिस्सा राज्य सरकार के खाते में जमा होगा. इस राशि का इस्तेमाल पंचायतों और गांव के विकास में किया जाएगा.
जुर्माने के साथ नहर और रास्ते का भी इंतजाम
'पंजाब ग्राम सांझी भूमि नियम 1964' में नियमों में बदलावों के बारे में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने जानकारी दी. उन्होंने बताया, कॉलोनाइजर को जुर्माना भरने के साथ-साथ गांववालों के लिए दूसरा रास्ता और नहर बनाना भी अनिवार्य है. उनका कहना है कि, पहले इस तरह की जमीन बेचने से जो पैसा मिलता था, वह पंचायत के पास सिर्फ फिक्स्ड डिपॉज़िट में रहता था और उसका इस्तेमाल सीमित था. अब नए नियमों से गांव को सिर्फ पैसे का फायदा ही नहीं होगा, बल्कि उन्हें नए रास्ते और नहरें जैसे जरूरी सुविधाएं भी मिलेंगी. सरकार की कोशिश है कि, ये सभी चीजें पूरी तरह से गांव के लोगों के लिए सुरक्षित रहें.
क्या होती है सांझी जमीन?
सांझी से मतलब साझेगदारी से है. यह जमीन गांव के सब लोगों की साझा संपत्ति होती है और पीढ़ी दर पीढ़ी उनके अधिकार में रहती है, लेकिन पिछले कुछ सालों में बिल्डरों ने जमीन पर कब्जा कर कॉलोनियां बसा ली. जिससे गांव के कच्चे रास्ते और नहरों पर बड़ा असर पड़ा है.
सांझी जमीन पर कब्जे के मामले बढ़े
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साल 2022 के पंचायत विभाग के सर्वे के मुताबिक, पंजाब में पंजाब में 100 एकड़ से भी ज्यादा सांझी जमीन पर कॉलोनाइज़रों ने गलत तरीके से कब्जा कर रखा था. इतना ही नहीं कॉलोनियों के निर्माण ने नहरों और पानी के रास्तों को भी बदल दिया था. ऐसे में नियमों में बदलाव अवैध कब्जे को रोकने की ओर बड़ा कदम है.
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