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हरिद्वार में सांसद त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ प्रदर्शन, जानिए क्या है वजह ?

हरिद्वार के सिंहद्वार पर रविवार को एक बड़े विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जिसमें युवाओं और ग्रामीणों ने उत्तराखंड के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की, विस्तार से जानिए पूरा मामला

31 Mar, 2025
( Updated: 04 Dec, 2025
04:54 AM )
हरिद्वार में सांसद त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ प्रदर्शन, जानिए क्या है वजह ?

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खनन को लेकर अपनी ही सरकार पर तीखा हमला बोला है और संसद में अवैध खनन का मुद्दा तो बवाल मच गया।हरिद्वार के बीजेपी सांसद त्रिवेंद्र रावत ने राज्य सरकार पर सवाल उठाए और खनन को लेकर आरोप लगाए। तो उनके ही संसदीय क्षेत्र में उनके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गया। हरिद्वार के सिंहद्वार पर रविवार को विरोध प्रदर्शन हुआ, जिसमें युवाओं और ग्रामीणों ने उत्तराखंड के सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मुर्दाबाद के नारे लगाए और त्रिवेंद्र रावत पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अपने चार साल के कार्यकाल में अवैध खनन को बढ़ावा दिया और ग्रामीणों के रोजगार के अवसरों को समाप्त करने का कार्य किया।

राज्य सरकार पर खनन का आरोप लगा रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत की पोल पट्टी उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों ने ही खोलकर रख दी। ऐसे में सवाल उठता है कि:

क्या त्रिवेंद्र रावत हरिद्वार के ग्रामीणों के रोजगार को छीनकर अपनी सफलता मानते हैं?क्या अपनी राजनीति को चमकाने के लिए लाखों लोगों की रोज़ी-रोटी छीनना चाहते हैं त्रिवेंद्र रावत?

इन्हीं सवालों के बीच सांसद त्रिवेंद्र रावत पर लोगों का ग़ुस्सा फूटा और उनके चार साल के कार्यकाल की पोल पट्टी खुल गई। लोगों ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत ने महत्वपूर्ण विकास कार्यों को धरातल पर नहीं उतारा। सिर्फ देवस्थानम बोर्ड का गठन और मंगलौर में स्लॉटर हाउस की अनुमति देना ही उन्होंने प्रदेश का विकास समझ लिया। फिलहाल तो सांसद के तौर पर भी वे अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभा रहे हैं, न ही वे अपने क्षेत्र के लोगों की समस्याओं को समझ रहे हैं। यही वजह है कि लोगों ने त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ गुमनाम संसद के बोर्ड और पोस्टर लगाए।

वैसे भी त्रिवेंद्र रावत को उत्तराखंड का सबसे असफल मुख्यमंत्री का तगमा कई सर्वे में मिल चुका है। इसी से समझ सकते हैं कि उन्होंने अपने कार्यकाल में कितना ही काम किया होगा। फिलहाल वे अवैध खनन की बात उच्च सदन में उठाकर कांग्रेस के सामने मुद्दा परोस रहे हैं और मोदी सरकार को मुसीबत में डाल रहे हैं, जबकि विभागीय सचिव ने अवैध खनन से रिकॉर्ड राजस्व अर्जित करने और खनन माफियाओं से भी बड़ी वसूली का ब्योरा दिया है।

इस बयान से साफ़ पता चलता है कि त्रिवेंद्र रावत के दावे सिर्फ खुद की राजनीति चमकाने और अपने संसदीय क्षेत्र हरिद्वार में विकास न करने के मुद्दे से सबका ध्यान भटकाना चाहते हैं। बाकी उनके खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ चुका है। युवा और ग्रामीण उन्हें उनकी विफलताओं के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और अब उनकी मांग है कि त्रिवेंद्र रावत सांसद पद से तुरंत इस्तीफा दें।

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