कानपुर जाएंगे पीएम मोदी, पहलगाम आतंकी हमले में शहीद शुभम द्विवेदी के परिवार से करेंगे मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को कानपुर जा रहे हैं और वहां पहलगाम हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात करेंगे. यह कदम प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और शहीदों के प्रति सम्मान को दर्शाता है.

पीएम मोदी पहलगाम आतंकी हमले में शहीद शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलने कानपुर जाएंगे. उनका यह कदम दर्शाता है कि देश के सैनिकों और आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों के प्रति देश की सरकार और खुद पीएम मोदी कितने संवेदनशील है.
30 मई को शुभम द्विवेदी के परिवार से मिलेंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को कानपुर पहुंचेंगे, जहां वे पहलगाम हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात करेंगे. यह मुलाकात प्रधानमंत्री की संवेदनशीलता और देश के वीर सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति सम्मान का प्रतीक मानी जा रही है. पहलगाम हमले में शुभम द्विवेदी की मौत हो गई थी. प्रधानमंत्री का यह कदम शहीदों की कुर्बानी को याद करने और उनके परिवारों के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है. हालांकि वह कानपुर दौरे पर पहले ही आने वाले थे लेकिन पहलगाम अटैक के चलते इसे रद्द कर दिया गया था.
शुभम द्विवेदी की शहादत का मामला पूरे देश में गहरा असर डाल चुका है, और उनके परिवार से मिलने का यह मौका प्रधानमंत्री के लिए एक भावुक और महत्वपूर्ण आयोजन होगा. इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री शुभम के परिवार को सांत्वना देंगे और उनकी बहादुरी को याद करते हुए देश के युवाओं को प्रेरित करने का संदेश देंगे.
कानपुर में किए जा रहे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कानपुर में होने वाली यह मुलाकात स्थानीय लोगों और शहीद परिवार के लिए भी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार शहीदों और उनके परिजनों की भलाई और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. साथ ही, यह मुलाकात प्रधानमंत्री की जनसेवा और सैनिकों के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है.
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों को भी रेखांकित करेगा और देश की एकजुटता और सुरक्षा के संदेश को मजबूत करेगा. इस मौके पर सुरक्षा प्रबंध भी कड़े किए गए हैं ताकि यह कार्यक्रम शांति और सम्मान के साथ संपन्न हो सके. 30 मई को कानपुर में प्रधानमंत्री मोदी की शुभम द्विवेदी के परिवार से मुलाकात न केवल एक संवेदनशील कदम है, बल्कि यह देश की वीरता और सम्मान की एक बड़ी मिसाल भी होगी.