PM मोदी को मिला त्रिनिदाद का सर्वोच्च सम्मान... कहा– "हमारी मित्रता शाश्वत और मजबूत होती जा रही है"
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला है. त्रिनिदाद और टोबैगो ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो" से सम्मानित किया है. इस सम्मान को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे "140 करोड़ भारतीयों की ओर से एक साझा गौरव" बताया. उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों की "शाश्वत और गहन मित्रता" का प्रतीक है. पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की सरकार और जनता का आभार जताया.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मान मिला है. इस बार, उन्हें कैरेबियाई देश त्रिनिदाद और टोबैगो ने अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान "ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो" से नवाज़ा है. यह सम्मान न सिर्फ प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक भूमिका की स्वीकृति है, बल्कि भारत के प्रति दुनिया में बढ़ते विश्वास और गहरे रिश्तों का प्रतीक भी है.
पीएम मोदी यह सम्मान पाने वाले वे पहले विदेशी नेता बन गए हैं. इससे पहले घाना ने भी उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया था. अब तक पीएम मोदी को 25 अंतरराष्ट्रीय नागरिक सम्मान मिल चुके हैं. जो किसी भी भारतीय नेता के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.
भारत-त्रिनिदाद रिश्तों की गहराई को मिली नई ऊंचाई
इस सम्मान को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इसे "140 करोड़ भारतीयों की ओर से एक साझा गौरव" बताया. उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों की "शाश्वत और गहन मित्रता" का प्रतीक है. पीएम मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की सरकार और जनता का आभार जताया. उन्होंने विशेष रूप से इस बात पर गर्व जताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो में रहने वाला भारतीय समुदाय आज भी भारतीय संस्कृति, परंपरा और रीति-रिवाजों को जिंदा रखे हुए है. यह बात उन्होंने राष्ट्रपति क्रिस्टीन कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर के उदाहरण से बताई, जिन्हें उन्होंने भारतीय विरासत की सबसे बड़ी ब्रांड एंबेसडर बताया.
मजबूत देश के पास होनी चाहिए छह स्तंभ: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने भाषण में तमिल संत तिरुवल्लुवर का ज़िक्र किया, जिनकी धरती से त्रिनिदाद की राष्ट्रपति कंगालू के पूर्वज जुड़े थे. उन्होंने संत के उस कथन की चर्चा कि जिसमें कहा गया था कि एक मजबूत राष्ट्र के पास छह चीजें होनी चाहिए. वीर सेना, देशभक्त नागरिक, पर्याप्त संसाधन, जिम्मेदार जन प्रतिनिधि, मजबूत रक्षा प्रणाली, भरोसेमंद मित्र देश. प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत और त्रिनिदाद के रिश्तों के संदर्भ में एक आदर्श उदाहरण बताया.
भारत और त्रिनिदाद के रिश्तों में क्रिकेट के रोमांच का तड़का
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "त्रिनिदाद और टोबैगो भारत के लिए वैसा ही मित्र देश है जैसा हमारे संबंधों में क्रिकेट का रोमांच है और त्रिनिदाद पीपर का तड़का." यह बात वहां मौजूद सभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ले आई. उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश केवल कैरीकॉम (CARICOM) के सदस्य के तौर पर नहीं, बल्कि ग्लोबल साउथ में मिलकर मानवता की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने आगे कहा, एक करीबी और विश्वसनीय पार्टनर के रूप में हम त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों के कौशल विकास एवं क्षमता निर्माण पर बल देते रहे हैं. पूरे विश्व में भारत के लिए त्रिनिदाद और टोबैगो महत्वपूर्ण पार्टनर है। हमारा सहयोग पूरे ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण है."
I express my heartfelt gratitude to President Christine Carla Kangaloo, Prime Minister Kamla Persad-Bissessar, the Government and wonderful people of Trinidad & Tobago for honouring me with ‘The Order of the Republic of Trinidad and Tobago.’ This honour symbolises the eternal… pic.twitter.com/3wf3tZ9hWt
— Narendra Modi (@narendramodi) July 4, 2025
180 साल पुराने रिश्तों की नींव
प्रधानमंत्री ने याद दिलाया कि करीब 180 साल पहले भारत से जो लोग त्रिनिदाद और टोबैगो आए थे, उन्होंने अपने साथ भारतीय संस्कृति, आदर्श और मूल्यों को लाया. "भले ही उनके हाथ खाली थे, लेकिन उनके मन भारतीय सभ्यता और विविधता से भरे थे." इन प्रवासियों ने जो आपसी सौहार्द्र और सद्भावना बोई थी, आज वही बीज एक मजबूत साझेदारी के वटवृक्ष में बदल चुके हैं.
दुनिया में भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा
हाल के वर्षों में, पीएम मोदी को कई देशों ने अपने राष्ट्रीय सम्मानों से नवाज़ा है, जिनमें संयुक्त अरब अमीरात, रूस, फ्रांस, भूटान, सऊदी अरब, बहरीन और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल हैं. यह इस बात को दर्शाता है कि दुनिया में भारत की भूमिका एक भरोसेमंद, जिम्मेदार और निर्णायक राष्ट्र के रूप में मजबूत हुई है. त्रिनिदाद और टोबैगो द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया यह सर्वोच्च सम्मान सिर्फ एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे भारत और भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति है. यह साबित करता है कि भारत आज सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक विचार बन चुका है. जो पूरी दुनिया में लोकतंत्र, सहयोग और मानवता के मूल्यों को आगे बढ़ा रहा है.