पाकिस्तान का झूठ उजागर... राष्ट्रपति मुर्मू के साथ राफेल उड़ाती दिखीं पायलट शिवांगी सिंह, PAK सेना ने किया था पकड़े जाने का दावा
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. इस बीच पाकिस्तान ने झूठा दावा किया कि उसने भारतीय महिला पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ लिया है. लेकिन अंबाला एयरबेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ राफेल उड़ाती शिवांगी सिंह की तस्वीरों ने पाकिस्तान का झूठ उजागर कर दिया. राष्ट्रपति की 30 मिनट की ऐतिहासिक उड़ान ने साबित कर दिया कि भारत की बेटियां अब आसमान में भी जवाब देना जानती हैं.
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पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को भारत की सेना ने ना सिर्फ ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई करके तगड़ा सबक सिखाया बल्कि अब उसके हर दावों की लगातार पोल भी खोल रहा है. दरअसल, पाकिस्तान ने झूठ का सहारा लेकर दुनिया को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन भारत ने तथ्यों और साहस के साथ उसका जवाब दे दिया. हाल ही में जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की, उसी दौरान पड़ोसी देश ने एक सनसनीखेज दावा किया कि उसने भारत की एक महिला पायलट को पकड़ लिया है. पाकिस्तान ने उस समय जिस पायलट का नाम लिया, वह भारतीय वायुसेना की शूरवीर स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह थीं.
इस बीच बुधवार को पाकिस्तानी सेना के झूठे दावे की पूरी तरह से हवा निकाल दी. हरियाणा के अंबाला एयरफोर्स बेस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी और उनके साथ मौजूद थीं वही शिवांगी सिंह, जिनके बारे में पाकिस्तान ने गलत दावा किया था. राष्ट्रपति के साथ उनकी मुस्कुराती तस्वीरें इस बात का सबूत बन गईं कि पाकिस्तान का प्रचार अभियान सिर्फ झूठ और भ्रम फैलाने की कोशिश थी.
अंबाला एयरबेस से राष्ट्रपति की ऐतिहासिक उड़ान
बुधवार की सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर राष्ट्रपति मुर्मू ने जी-सूट और विशेष पायलट हेलमेट पहनकर राफेल में बैठकर उड़ान भरी. उड़ान से पहले उन्होंने कॉकपिट से हाथ हिलाकर सभी को अभिवादन किया. करीब 30 मिनट तक चली इस उड़ान में राफेल ने 15,000 फीट की ऊंचाई पर लगभग 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी. विमान को 17 स्क्वाड्रन “गोल्डन ऐरो” के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी उड़ा रहे थे. वहीं, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह भी इस दौरान दूसरे विमान में उड़ान पर थे. राष्ट्रपति के साथ ली गई तस्वीरों में स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह पूरे आत्मविश्वास और गर्व के साथ खड़ी दिखाई दीं. इस तस्वीर ने न सिर्फ पाकिस्तान के दावे को पूरी तरह ध्वस्त किया बल्कि भारत की बेटियों की अदम्य शक्ति का प्रमाण भी दे दिया.
President Droupadi Murmu took a sortie in a Rafale aircraft at Air Force Station, Ambala, Haryana. She is the first President of India to take sortie in two fighter aircrafts of the Indian Air Force. Earlier, she took a sortie in Sukhoi 30 MKI in 2023. pic.twitter.com/Rvj1ebaCou
— President of India (@rashtrapatibhvn) October 29, 2025
राष्ट्रपति मुर्मू ने फिर रचा इतिहास
यह पहली बार नहीं था जब सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर ने किसी लड़ाकू विमान में उड़ान भरी हो. राष्ट्रपति मुर्मू इससे पहले अप्रैल 2023 में सुखोई-30 एमकेआई पर भी उड़ान भर चुकी हैं. इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने 2006 में और प्रतिभा पाटिल ने 2009 में ऐसा किया था. मुर्मू देश की तीसरी और पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति हैं जिन्होंने लड़ाकू विमान में उड़ान भरकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है.
कौन हैं स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह?
वाराणसी की मिट्टी में पली-बढ़ी शिवांगी सिंह देश की उन बेटियों में से हैं जिन्होंने अपने साहस से सीमाएं तोड़ दीं. उनके पिता कुमारेश्वर सिंह और माता सीमा सिंह ने उन्हें हमेशा ऊंचे सपने देखने की प्रेरणा दी. उनके नाना कर्नल बी.एन. सिंह भारतीय सेना में रहे, जिन्होंने बचपन से ही उनमें देशसेवा की भावना बोई. शिवांगी ने वाराणसी के सेंट मेरीज स्कूल और सेंट जोजर्स कॉन्वेंट से पढ़ाई की. 12वीं में उन्होंने 89 प्रतिशत अंक हासिल किए. इसके बाद उन्होंने सनबीम विमेंस कॉलेज से बीएससी की डिग्री ली. यहीं से उन्होंने एनसीसी (NCC) जॉइन किया और अपने सैन्य सपनों को दिशा दी. पढ़ाई के साथ-साथ वे खेलों में भी अव्वल रहीं. उन्होंने जैकलिन थ्रो में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीता और 2013 की गणतंत्र दिवस परेड में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया.
वायुसेना तक पहुंचने का सफर
शिवांगी सिंह का एयरफोर्स में आने का सपना तब और मजबूत हुआ जब वे अपने नाना के साथ वायुसेना संग्रहालय गईं. वहां फाइटर जेट्स देखकर उन्होंने तय कर लिया कि वे भी एक दिन आसमान में उड़ान भरेंगी. 2015 में उन्होंने वायुसेना की परीक्षा पास की और डेढ़ साल तक कठोर प्रशिक्षण लिया. 2017 में वे भारत की पहली पांच महिला फाइटर पायलटों की ऐतिहासिक टीम का हिस्सा बनीं. प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने मिग-21 बाइसन जैसे सुपरसोनिक जेट पर उड़ान भरी. उस समय उनकी पोस्टिंग राजस्थान के उस एयरबेस पर हुई जो पाकिस्तान की सीमा के पास है. वहीं उनकी मुलाकात और प्रशिक्षण विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ भी हुआ था.
राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट
साल 2020 में जब भारत ने फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान हासिल किए, तब फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह को “गोल्डन ऐरो स्क्वाड्रन” में शामिल किया गया. इस तरह वे राफेल उड़ाने वाली भारत की पहली महिला पायलट बनीं. यह उपलब्धि न सिर्फ भारतीय वायुसेना के लिए गौरव की बात थी, बल्कि यह हर भारतीय बेटी के लिए प्रेरणा बन गई.
पाकिस्तान के झूठ को मिला सच्चाई का जवाब
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने दुष्प्रचार करते हुए दावा किया था कि उसने शिवांगी सिंह को पकड़ लिया है. लेकिन अंबाला एयरबेस से राष्ट्रपति मुर्मू के साथ उनकी तस्वीरें सामने आने के बाद पाकिस्तान का हर दावा झूठ साबित हो गया. यह तस्वीर सिर्फ एक जवाब नहीं थी, बल्कि एक प्रतीक थी. भारत की बेटियां अब आसमान में भी जवाब देना जानती हैं. इस मौक़े पर बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'दो शक्तिशाली महिलाएं- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह दुनिया को यह संदेश दे रही हैं कि भारत की बेटियां अब हर सीमा पार कर रही हैं.' यह बयान सिर्फ एक सोशल मीडिया पोस्ट नहीं, बल्कि उस बदलते भारत की झलक थी जहां महिला शक्ति अब किसी क्षेत्र में पीछे नहीं है.
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बताते चलें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की राफेल उड़ान और स्क्वाड्रन लीडर शिवांगी सिंह की मौजूदगी ने न केवल पाकिस्तान के झूठ को उजागर किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारत की महिलाएं अब हर मोर्चे पर नेतृत्व कर रही हैं. आसमान में गूंजते राफेल के इंजनों की गर्जना के साथ एक नया संदेश उभरा कि भारत की बेटियां अब सीमाएं नहीं, इतिहास लिख रही हैं.
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