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तकनीकी जांच में बोइंग 787 विमानों में नहीं मिली कोई खामी... एअर इंडिया ने DGCA को दी जानकारी

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एअर इंडिया के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में DGCA ने एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन से सीधे बातचीत की और कंपनी के संचालन से जुड़े कई अहम मुद्दों पर फोकस करने के निर्देश दिए. इस दौरान एअर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की हाल ही में की गई निगरानी में कोई गंभीर सुरक्षा चूक नहीं पाई गई है. विमान के रखरखाव से जुड़ी प्रणालियों को भी मौजूदा सुरक्षा मानकों के अनुरूप बताया गया है.

अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद एयरलाइन के लिए संकट गहराता जा रहा है. इस हादसे के बाद एअर इंडिया की कई उड़ानों में तकनीकी खराबियों की खबरें सामने आई हैं, जिससे एयरलाइन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं. इसी सिलसिले में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने एअर इंडिया के शीर्ष प्रबंधन के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की. बैठक में डीजीसीए ने एअर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन से सीधे बातचीत की और कंपनी के संचालन से जुड़े कई अहम मुद्दों पर फोकस करने के निर्देश दिए.

बोइंग 787 बेड़े में नहीं पाई गई खामी
एअर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक के दौरान बताया कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों की हाल ही में की गई निगरानी में कोई गंभीर सुरक्षा चूक नहीं पाई गई है. विमान के रखरखाव से जुड़ी प्रणालियों को भी मौजूदा सुरक्षा मानकों के अनुरूप बताया गया है. बता दें कि डीजीसीए ने एअर इंडिया को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वह विमान सुरक्षा और मेंटेनेंस को प्राथमिकता में रखे. नियामक संस्था ने कहा कि किसी भी तकनीकी खामी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, और प्रत्येक विमान को उड़ान से पहले कड़े निरीक्षण से गुजरना चाहिए. डीजीसीए ने एअर इंडिया को यह भी कहा कि उड़ानों के संचालन में और अधिक अनुशासन लाया जाए ताकि यात्रियों के भरोसे को बनाए रखा जा सके. संस्था ने इस बात को दोहराया कि समय पर और सुरक्षित उड़ान संचालन न केवल एयरलाइन की साख बल्कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए भी बेहद जरूरी है.

DGCA ने एअर इंडिया को दिए निर्देश
डीजीसीए ने एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया को संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में एअर इंडिया पर निगरानी और तेज की जा सकती है. यदि तकनीकी खामियों की पुनरावृत्ति होती है, तो नियामक कड़े कदम उठा सकता है. एअर इंडिया की उड़ानों में लगातार देरी और अचानक रद्द होने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने यात्रियों को हो रही असुविधा को गंभीरता से लिया है. संस्था ने एयरलाइन को स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसी स्थिति में यात्रियों को समुचित जानकारी और सहायता उपलब्ध कराई जाए. डीजीसीए ने एअर इंडिया से क्राइसिस कम्युनिकेशन सिस्टम यानी संकट संवाद प्रणाली को और अधिक प्रभावी और सक्रिय बनाने पर ज़ोर दिया है. संस्था का कहना है कि किसी भी आपातकालीन परिस्थिति, उड़ान में देरी या रद्दीकरण की स्थिति में यात्रियों को तुरंत सूचना और आवश्यक सहयोग प्रदान करना अनिवार्य है.


DGCA की विशेष बैठक में किन मुद्दों पर हुई चर्चा 
अहमदाबाद विमान हादसे के बाद नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने एक विशेष बैठक बुलाई. इस उच्चस्तरीय बैठक में एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस के वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया गया. डीजीसीए ने स्पष्ट किया कि अब यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए कोई समझौता नहीं किया जाएगा. डीजीसीए ने निर्देश दिया कि किसी भी उड़ान से पहले सभी जरूरी तकनीकी परीक्षण समयबद्ध और प्रमाणिक रूप से किए जाएं ताकि किसी भी संभावित खामी को पहले ही दूर किया जा सके.

गौरतलब है कि बीते गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट AI 171 भीषण हादसे का शिकार हो गई. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान ने जैसे ही रनवे नंबर 23 से उड़ान भरी, कुछ ही मिनट बाद वह हादसे का शिकार हो गया. विमान एक इमारत से टकरा गया, जिससे विमान में सवार 241 यात्रियों समेत कुल 270 लोगों की जान चली गई. मृतकों में कुछ लोग उस इमारत के भी शामिल थे, जिससे विमान टकराया था. इस दुखद दुर्घटना के बाद डीजीसीए ने तत्काल कार्रवाई करते हुए एक विशेष आदेश जारी किया. आदेश के तहत एअर इंडिया के सभी बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमानों को उड़ान से पहले एन्हांस्ड सेफ्टी इंस्पेक्शन (उन्नत सुरक्षा जांच) से गुजरना अनिवार्य कर दिया गया है. इस सुरक्षा जांच के तहत हर विमान को उड़ान से पहले छह चरणों में गहन निरीक्षण

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