युद्धविराम नहीं, युद्ध का करेंगे अंत, बशर्ते...चेहरे पर मुस्कान, दिल में सुकून...अलास्का समिट में पुतिन ने मार ली बाजी, हाथ मलते रह गए ट्रंप
चेहरे पर शांत मुस्कान, चाल में आत्मविश्वास और शब्दों में रणनीति- अलास्का समिट में व्लादिमीर पुतिन ने वो कर दिखाया जो डोनाल्ड ट्रंप ने सिर्फ मंच से कहने की कोशिश की. तीन घंटे की बंद कमरे में चली वार्ता के बाद जब दोनों नेता मीडिया के सामने आए, तो साफ था कि असली बाजी किसके हाथ लगी है. ट्रंप जहां कूटनीतिक जवाबों में उलझे दिखे, वहीं पुतिन 56 इंची सीने के साथ अपनी बात दुनिया को समझा चुके थे. यूक्रेन युद्ध पर कोई ठोस डील न हो पाने के बावजूद पुतिन वैश्विक मंच से अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रहे-और ट्रंप? वो हाथ मलते रह गए.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई बैठक बेनतीजा रही है. एक मुलाकात और महज दो मिनट की बातचीत में युद्ध को खत्म करने का दावा करने वाले ट्रंप को झुनझुना हाथ लगा है. करीब 3 सालों से आलोचना, ताना, विरोध और सालों से सेंशन झेल रहे पुतिन 56 इंच की झाती के साथ अपने कट्टर विरोधी के घर पहुंचे और झोली भरकर चीजें लेकर गए. इनमें कूटनीति, अपनी दबंग छवि, ट्रंप की हेकड़ी निकालना और यूक्रेन के साथ युद्ध की जड़ जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाने जैसी बातें शामिल हैं.
पुतिन ने जीता मंच, ट्रंप को मिली 'खाली झोली'
करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक से पहले ट्रंप ने जो उम्मीदें जगाई थीं — जैसे दो मिनट में युद्ध खत्म करने के दावे — वे पूरी तरह से धराशायी हो गईं. पुतिन, जो वर्षों से अमेरिकी प्रतिबंधों, आलोचनाओं और अंतरराष्ट्रीय अलगाव का सामना कर रहे हैं, पूरी तैयारी के साथ आए थे. उन्होंने न सिर्फ अपनी सुरक्षा चिंताओं को जोरदार ढंग से रखा, बल्कि ट्रंप की रणनीति को भी पस्त कर दिया. पुतिन ने यह सुनिश्चित किया कि यूक्रेन युद्ध पर बात हो, लेकिन रूस की 'वैध चिंताओं' को केंद्र में रखा जाए.
#WATCH | Alaska, USA | US President Donald Trump says, "We had a very productive meeting, there were many points that we agreed on. Couple of big ones that we haven't quite gotten there but we made some headway. There's no deal until there's a deal so I will call up NATO in a… pic.twitter.com/mY5t9zkoCT
— ANI (@ANI) August 15, 2025
पुतिन ने कहा, “हम यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर गंभीर हैं, लेकिन युद्ध का समाधान तभी संभव है जब रूस की मूल और जायज़ सुरक्षा चिंताओं को स्वीकार किया जाए.” हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वे "मूल चिंताओं" से वास्तव में क्या आशय रखते हैं, जिसे कीव और उसके पश्चिमी सहयोगी मानने को तैयार नहीं हैं.
तस्वीरें बनीं हेडलाइन, युद्धविराम आखिरी पन्ने पर
ट्रंप और पुतिन के बीच की यह बातचीत ज्यादातर ‘फोटो ऑप’ तक सीमित रही. एक ओर ट्रंप दावा कर रहे थे कि बातचीत "उत्पादक" रही और "महत्वपूर्ण प्रगति" हुई है, वहीं दूसरी ओर युद्धविराम या शांति समझौते जैसी किसी भी ठोस घोषणा से परहेज़ किया गया. ट्रंप ने यह जरूर कहा, “जब तक कोई डील फाइनल नहीं होती, तब तक वह सिर्फ बातचीत है.”
पुतिन ने बैठक को "सकारात्मक और रचनात्मक" बताया और यह भी जोड़ा कि दोनों पक्षों ने गंभीरता से समाधान तलाशने की कोशिश की. उन्होंने ट्रंप का धन्यवाद किया कि यह बातचीत "मैत्रीपूर्ण और भरोसे के माहौल" में हुई. रूसी समाचार एजेंसी TAAS के अनुसार, पुतिन ने संयुक्त प्रेस वार्ता में ट्रंप के व्यवहार की तारीफ की और कहा कि "हमने समाधान के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है."
भारत फिर से केंद्र में, टैरिफ पर ट्रंप ने बदला रुख
#WATCH | Alaska, USA | Russian President Vladimir Putin says, "... We see the strive of the administration and President Trump personally to help facilitate the resolution of the Ukrainian conflict and his strive to get to the crux of the matter to understand this history is… pic.twitter.com/kiOKgw2JBf
— ANI (@ANI) August 15, 2025
इस बैठक के दौरान और उसके बाद भारत का नाम भी प्रमुखता से लिया गया. ट्रंप ने पहले भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर तीखा बयान दिया था और 50% तक के टैरिफ लगाने की घोषणा की थी — जिनमें से कुछ शुल्क लागू हो चुके हैं, और बाकी 27 अगस्त से प्रभाव में आएंगे.
लेकिन अलास्का बैठक के बाद ट्रंप के तेवर थोड़े नरम दिखाई दिए. जब उनसे भारत पर टैरिफ को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि “फिलहाल इसकी जरूरत नहीं है”, लेकिन यह भी जोड़ा कि “अगर ज़रूरत पड़ी तो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर दो से तीन हफ्तों में अतिरिक्त टैरिफ लगाने पर विचार किया जाएगा.” इससे संकेत मिला कि भारत पर आगे भी दबाव डाला जा सकता है.
#WATCH | Alaska, USA | "Next time in Moscow," says Russian President Vladimir Putin as US President Trump thanks his counterpart for today's meeting.
— ANI (@ANI) August 15, 2025
"... I could see it happening," replies President Trump.
Source: The White House/ YouTube pic.twitter.com/N3U6Rygllj
नाटो और जेलेंस्की बैठक से बाहर
इस पूरी वार्ता में एक और उल्लेखनीय बात यह रही कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और नाटो के किसी भी प्रतिनिधि को बैठक का हिस्सा नहीं बनाया गया. ट्रंप ने कहा कि वे इन नेताओं को बाद में बातचीत की जानकारी देंगे. इससे यूक्रेन के सहयोगियों में असंतोष और सवाल दोनों खड़े हुए हैं.
सात साल बाद मिले लेकिन रहे खाली हाथ
यह सात वर्षों में पहली बार था जब व्लादिमीर पुतिन किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ मंच साझा कर रहे थे. पिछली बार वे 2018 में हेलसिंकी में ट्रंप के साथ नजर आए थे. इस बार भी मंच पर हाथ मिलाए गए, बयान दिए गए, लेकिन युद्धविराम, शांति समझौता या रूस-अमेरिका संबंधों में कोई स्पष्ट मोड़ नहीं आया.
पुतिन के लिए फाइटर जेट की सलामी, बिछाए गए रेड कार्पेट
जब अलास्का में दोनों नेता रेड कार्पेट पर साथ खड़े थे, उसी वक्त अमेरिकी वायुसेना के लड़ाकू विमान और बमवर्षक विमान ऊपर से उड़ रहे थे. इसे अमेरिका द्वारा एक कड़ा सैन्य संकेत माना गया. यह दर्शाता है कि कूटनीति की मुस्कानें भले सामने हों, लेकिन बैकग्राउंड में शक्ति प्रदर्शन अभी भी जारी है.
#WATCH | Alaska, USA | US President Donald Trump and Russian President Vladimir Putin share the same car to reach the venue for their talks.
Source: Reuters pic.twitter.com/X9YkJvqb6g— ANI (@ANI) August 15, 2025यह भी पढ़ें
पुतिन-ट्रंप वार्ता ने जहां एक ओर उम्मीदें जगाईं, वहीं दूसरी ओर उसके परिणाम ने निराशा भी दी. यूक्रेन युद्ध पर कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया और भारत जैसे देशों के लिए संदेश यह रहा कि आने वाले समय में उन्हें अंतरराष्ट्रीय दबावों और रणनीतिक चालों से सावधान रहना होगा. इस पूरी कूटनीतिक चालबाज़ी में भारत न केवल जिक्र में रहा, बल्कि ट्रंप की आंख में चुभता रहा.
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