Advertisement

नितिन गडकरी के फ़ैसले के विरोध में उतरी उनकी ही सांसद कंगना रनौत, जानिए क्या है पूरा मामला ?

हिमाचल के खराहल घाटी में बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर सांसद कंगना रनौत ने अपनी नाराज़गी जताई है। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास ख़ुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 6 महीने पहले किया था और 273 करोड़ के इस रोपवे प्रोजेक्ट के लिए अनुमति भी मिल चुकी है, हालाँकि इस प्रोजेक्ट का स्थानीय निवासी भी विरोध कर रहे है। इसी बीच अब उन्हें मंडी सीट से बीजेपी सांसद का भी उन्हें समर्थन मिल गया है।

29 Sep, 2024
( Updated: 29 Sep, 2024
09:49 PM )
नितिन गडकरी के फ़ैसले के विरोध में उतरी उनकी ही सांसद कंगना रनौत, जानिए क्या है पूरा मामला ?
अभिनेत्री से सांसद बनी कंगना रनौत हमेशा अपने बयानों से सुर्ख़ियो में बनी रहती है, अब कंगना रनौत ने केंद्र सरकार के ही एक प्रोजेक्ट का विरोध कर चर्चा में आ गई है। हिमाचल के खराहल घाटी में बिजली महादेव रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर अपनी नाराज़गी जताई है। इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास ख़ुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 6 महीने पहले किया था और  273 करोड़ के इस रोपवे प्रोजेक्ट के लिए अनुमति भी मिल चुकी है, हालाँकि इस प्रोजेक्ट का स्थानीय निवासी भी विरोध कर रहे है। इसी बीच अब उन्हें मंडी सीट से बीजेपी सांसद का भी उन्हें समर्थन मिल गया है। 


दरअसल, कुल्लू स्थित खराहल घाटी के चंसारी गांव में बिजली महादेव में बनने वाले रोपवे का लोग काफ़ी लंबे समय से विरोध कर रहे है, ऐसे में जब मंदिर में दर्शन के लिए सांसद कंगना रनौत पहुंची तो लोगों ने इसके बारे में उन्हें बताया, तब स्थानीय लोगों को कंगना ने आश्वासन देते हुए कहा कि देवता का आदेश ही सर्वोपरि है, इसलिए बिजली महादेव के लिए रोपवे के मामले में वह लोगों के साथ हैं। उन्होंने कहा की  इसके बनने से स्थानीय लोगों का रोज़गार भी प्रभावित होगा वही पर्यावरण को भी नुक़सान पहुँचेगा इसके लिए बड़ी संख्या में पेड़ों को काटना होगा। यह प्रोजेक्ट केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के विभाग का है तो उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि वह उनसे मुलाक़ात कर इस बारे में बात रखेंगी कि जब हमारे देवता नहीं चाहते तो ये प्रोजेक्ट बंद होना चाहिए। 


क्या है रोपवे प्रोजेक्ट ? 

बिजली महादेव में दर्शन करने वाले वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या होती है। इसलिए श्रद्धालुओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार ने यहाँ रोपवे बनाने का फ़ैसला किया था। 273 करोड़ के इस रोपवे प्रोजेक्ट का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। दावा किया जा रहा था कि  इस प्रोजेक्ट को डेढ़ साल में पूरा करना है। और इससे क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और एक दिन में 36000 श्रद्धालु मंदिर में दर्शन कर लिए पहुंच सकेंगे। फ़िलहाल सड़क मार्ग से बिजली महादेव मंदिर पहुँचने में 2 से 3 तीन घंटे का वक़्त लगता है जबकि अगर रोपवे बनने के बाद श्राधालु सिर्फ़ 7 मिनट में मंदिर में दर्शन के लिए पहुँचेंगे। 

ग़ौरतलब है कि शिलान्यास के बाद से ही क्षेत्र के लोग इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध करते हुए कई बार सड़कों पर प्रदर्शन कर चुके है, ऐसे में अब उनकी मुलाक़ात जब कंगना से हुई तो उन्होंने अपनी समस्याओं से अवगत करवाया जिसपर उन्हें सासंद कंगना से आश्वासन दिया है तो वो इस कार्य पर रोक के लिए केंद्रीय मंत्री से मुलाक़ात करेंगे। अब ये देखना होगा कि कंगना जिस तरह से अपनी ही सरकार के प्रोजेक्ट के विरोध में उतरी है तो क्या केंद्रीय नेतृत्व उनकी बात मानेगा या पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। 

यह भी पढ़ें

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें