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राजस्थान के कोटा-बूंदी में नया एयरपोर्ट, कटक-भुवनेश्वर में 6 लेन का रिंग रोड, केंद्रीय कैबिनैट की बैठक में बड़े फैसलों पर मुहर

राजस्थान और ओडिशा को मिली है केंद्र सरकार से बड़ी सौगात. एक ओर कोटा-बूंदी में नया एयरपोर्ट बनने जा रहा है, तो दूसरी तरफ भुवनेश्वर-कटक को जोड़ेगा 6 लेन का रिंग रोड. कैबिनेट की बैठक में लिए गए इन फैसलों से आम जनता की जिंदगी और विकास दोनों की रफ्तार बदलने वाली है, पर क्या आप जानते हैं इन परियोजनाओं से किसे सबसे ज्यादा फायदा होगा?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देशवासियों के लिए दो बड़े फैसले लिए गए. एक ओर राजस्थान को कोटा-बूंदी में नया एयरपोर्ट मिलने जा रहा है, तो वहीं ओडिशा के कटक-भुवनेश्वर के बीच 6 लेन का रिंग रोड बनने की मंजूरी दी गई है. दोनों प्रोजेक्ट्स लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को आसान बनाने के साथ ही राज्यों की अर्थव्यवस्था को नई ताकत देंगे.

कोटा-बूंदी में बनेगा नया एयरपोर्ट

कोटा शिक्षा और उद्योग का बड़ा केंद्र है, लेकिन यहां एयर कनेक्टिविटी की कमी हमेशा से महसूस की जाती रही है. अब कैबिनेट ने कोटा-बूंदी में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को मंजूरी दी है. करीब ₹1,500 करोड़ की लागत से बनने वाले इस एयरपोर्ट से बड़े विमान आसानी से उड़ान भर पाएंगे और हर साल लाखों यात्री इससे लाभान्वित होंगे.

छात्रों और कारोबारियों को राहत

कोटा में देशभर से लाखों छात्र पढ़ाई के लिए आते हैं. अब नए एयरपोर्ट से उनका सफर काफी आसान हो जाएगा. साथ ही यहां के उद्योगपति और व्यापारी भी सीधे हवाई मार्ग से देश-दुनिया से जुड़ पाएंगे.

कटक-भुवनेश्वर को जोड़ेगा 6 लेन रिंग रोड

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर और ऐतिहासिक शहर कटक के बीच ट्रैफिक जाम बड़ी समस्या है. इसे कम करने के लिए केंद्र सरकार ने लगभग ₹8,300 करोड़ की लागत से 111 किलोमीटर लंबा 6 लेन कैपिटल रीजन रिंग रोड बनाने का फैसला किया है.

ट्रैफिक से मिलेगी निजात

रिंग रोड बनने के बाद भारी गाड़ियां शहरों के बीच से होकर नहीं गुजरेंगी, जिससे जाम और प्रदूषण दोनों कम होंगे. स्थानीय लोगों का सफर आसान होगा और उद्योगों को भी तेज़ रफ्तार मिलेगी.

20 लाख यात्रियों की क्षमता

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए बताया कि राजस्थान में ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे- कोटा-बूंदी हवाई अड्डे के टर्मिनल भवन 3200 मीटर लंबे रनवे के साथ 20,000 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला है. इसकी क्षमता हर साल 20 लाख यात्रियों की होगी, जो 1,000 पीक आवर यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा. सरकार इसे 2 साल के अंदर पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रही है.

विकास की दिशा में बड़ा कदम

चाहे राजस्थान के छात्र हों या ओडिशा के आम यात्री, दोनों राज्यों में लोगों को इस फैसले से सीधा फायदा होगा. यह प्रोजेक्ट सिर्फ ढांचा खड़ा करने की कवायद नहीं है, बल्कि आम इंसान की सुविधा और विकास की दिशा में बड़ा कदम है. वही भुवनेश्वर-कटक रिंग रोड न केवल व्यापारियों के लिए बल्कि आम परिवारों के दैनिक जीवन को भी राहत देगा—अब शहरों से बाहर जाना, पैथल नहीं, बल्कि तेज और सुविधाजनक हो जाएगा.

इन दोनों परियोजनाओं ने सिर्फ बुनियादी ढांचे को बढ़ाया नहीं है, बल्कि स्थानीय लोगों की उम्मीदों और उनकी ज़िंदगी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का संकल्प भी दिखाया है. चाहे वो कोटा के छात्र हों या ओडिशा का आम यात्री—अब उनका सफर और भी सहज और बनने लगा है.

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