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सुरक्षाबलों को मिली बड़ी कामयाबी, मारा गया 1 करोड़ का इनामी नक्सली कमांडर माडवी हिडमा

माड़वी हिड़मा पर छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित कर रखा था. बस्तर में वह वर्तमान समय में नक्सलियों का सबसे बड़ा कमांडर था और सेंट्रल टीम का नेतृत्व कर रहा था. कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में हुए बड़े अभियान के दौरान वह बच निकला था, लेकिन इस बार वह सुरक्षा घेरे से बाहर नहीं निकल पाया.

छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर सामने आई है. बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों की रीढ़ माने जाने वाले खूंखार नक्सली कमांडर माड़वी हिडमा को सुरक्षाबलों ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है. जानकारी के अनुसार, हिड़मा को उसकी पत्नी सहित मार गिराया गया है.

आंध्र-छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर भीषण मुठभेड़

मंगलवार सुबह से ही छत्तीसगढ़-आंध्रप्रदेश की सीमा पर डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व ग्रुप) जवानों और नक्सलियों के बीच भारी मुठभेड़ जारी थी. इस ऑपरेशन पर आंध्र प्रदेश के डीजीपी हरीश कुमार गुप्ता ने कहा, 'अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मारेदुमिल्ली में पुलिस और माओवादियों के बीच मुठभेड़ हुई. यह मुठभेड़ सुबह 6 से 7 बजे के बीच हुई. इस मुठभेड़ में माड़वी हिडमा समेत छह माओवादी मारे गए. इस समय व्यापक तलाशी अभियान जारी है.'

1 करोड़ का इनामी और नक्सलियों का टॉप कमांडर

माड़वी हिडमा पर छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम घोषित कर रखा था. बस्तर में वह वर्तमान समय में नक्सलियों का सबसे बड़ा कमांडर था और सेंट्रल टीम का नेतृत्व कर रहा था. कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में हुए बड़े अभियान के दौरान वह बच निकला था, लेकिन इस बार वह सुरक्षा घेरे से बाहर नहीं निकल पाया.

बसव राजू के बाद संगठन की कमान

टॉप नक्सली कमांडर बसव राजू के मारे जाने के बाद माओवादी संगठन में कई अहम बदलाव हुए थे. इसके बाद माड़वी हिडमा को संगठन का नया महासचिव बनाया गया और उसे केंद्रीय समिति की सदस्यता भी मिली. इसी कारण से वह सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुका था.

अपराधों का लंबा इतिहास

सुकमा जिले के पूवर्ती गांव का रहने वाला हिडमा सिर्फ 16 साल की उम्र में नक्सल संगठन में शामिल हो गया था. उस पर कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड होने का आरोप था, जिनमें प्रमुख हैं: 2010 दंतेवाड़ा हमला, जिसमें 76 जवान शहीद हुए. झीरम घाटी कांड, जिसमें कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता मारे गए. 40 से अधिक बड़े नक्सली हमलों की साजिश और नेतृत्व.

उसका असली नाम आज तक सामने नहीं आया क्योंकि “माड़वी हिडमा” नाम उसे संगठन ने ही दिया था.

नक्सलवाद को बड़ा झटका

जानकारी के मुताबिक हिडमा का ढेर होना नक्सलवाद के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका है. वह नक्सलियों का मुख्य रणनीतिकार, प्लानर और नेतृत्वकर्ता माना जाता था. कहा जा रहा है कि यदि यह मुठभेड़ में मारा गया है, तो बस्तर में बचे- खुचे नक्सली नेटवर्क का गिरना तय है.

2010 से 2023 तक अधिकांश बड़े नक्सली हमलों में हिडमा का नाम प्रमुख रहा. ऐसे में उसका खत्म होना छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के अंत की दिशा में निर्णायक कदम माना जा रहा है.

आपको बता दें कि गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का पूरी तरह से सफाया कर दिया जाएगा. उनका कहना है कि नक्सली घटनाओं और इसमें होने वाली मौतों मे रिकॉर्ड गिरावट आई है.  

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