लव जिहाद गैंग पर मोहन सरकार की बड़ी कार्रवाई, भोपाल में आरोपी साद और साहिल के घरों पर गरजा बुलडोजर
भोपाल में 'लव जिहाद' और यौन शोषण मामले के आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू हुई. भारी पुलिस बल की मौजूदगी में साहिल और साद के मकानों को निशाना बनाया गया. फरहान, साहिल, साद सहित आरोपियों पर निजी इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्राओं के यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेल और जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप हैं. एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने बताया कि तीन में से दो आरोपियों पर कार्रवाई लगभग पूरी हो चुकी है.
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मध्य प्रदेश की राजधानय भोपाल में बहुचर्चित 'लव जिहाद' और यौन शोषण मामले के मुख्यमंत्री मोहन यादव के सख्त आदेश पर आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई शुरू हो गई है. भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच साहिल और साद (जिन्हें अक्सर शम्सुद्दीन उर्फ साद कहा जाता है) के घरों को निशाना बनाया गया.
आरोपियों पर गंभीर आरोप
फरहान, साहिल, साद और अन्य आरोपियों पर एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में हिंदू छात्रों के कथित यौन उत्पीड़न, ब्लैकमेल और जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप है. पीड़ितों का दावा है कि कुछ आरोपियों ने हिंदू बनकर अश्लील वीडियो रिकॉर्ड किए और उनका इस्तेमाल जबरन वसूली के लिए किया. एसडीएम रवीश श्रीवास्तव ने कहा कि हमें तीन लोगों के बारे में शिकायतें मिली थीं. हमारी टीम उनमें से दो के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. काम लगभग पूरा हो चुका है.
क्लब-90 पर भी हुई कार्रवाई
क्लब-90, एक रेस्तरां जो कथित तौर पर गलत गतिविधियों में शामिल था, पर कार्रवाई की गई. इसके अवैध रूप से बने हिस्सों को बुलडोजर से ध्वस्त किया गया. इसके साथ-साथ नगर निगम ने इसकी लीज भी रद्द कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि कुछ जगहों पर बुलडोजर कार्रवाई चल रही है, लेकिन फरहान के घर को अभी निशाना नहीं बनाया जा रहा है. इस बीच, पहले गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) सबूत जुटाने और फरार आरोपियों की तलाश में जुटा हुआ है.
एनएचआरसी में शिकायत
भोपाल में इस मामले ने तीखी बहस और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं. यह मामला युवा महिलाओं के शोषण, धार्मिक पहचान और जबरदस्ती जैसे सवाल उठाता है. प्रशासन ने सख्त कदम उठाकर शैक्षणिक संस्थानों में कथित आपराधिक गतिविधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाने की कोशिश की है. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) को दी गई शिकायत में शहर के एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्राओं के शोषण की चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. शिकायत के अनुसार, कई छात्राओं को झूठे वादों के साथ प्रेम संबंधों में फंसाया गया. आरोपियों ने शुरूआत में अपनी धार्मिक पहचान छिपाकर लंबे समय तक भावनात्मक छल करके उनका भरोसा जीता. भरोसा बनने के बाद, कथित तौर पर उनका यौन शोषण किया गया.
ब्लैकमेल और धर्मांतरण का दबाव
इसके बाद, आरोपियों ने पीड़िताओं के अश्लील वीडियो बनाए और उन्हें ब्लैकमेल कर चुप रहने की धमकी दी. पीड़िताओं का आरोप है कि उन पर न केवल चुप रहने का दबाव डाला गया, बल्कि इस्लाम में धर्मांतरण और जबरन शादी समारोह के लिए भी मजबूर किया गया.
बता दें कि यह पूरा मामला मध्य प्रदेश की राजनीति, समाज और शिक्षा जगत को गहराई से झकझोरने वाला है. आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई और प्रशासन की सख्ती ने यह साफ संदेश दिया है कि ऐसे अपराधों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. हालांकि, अब सबकी निगाहें अदालत की कार्यवाही और एसआईटी की जांच पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि पीड़िताओं को कब और कैसे न्याय मिलेगा. समाज में विश्वास बहाली और छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन के आगे की कार्रवाई बेहद अहम मानी जा रही है.
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