Advertisement

जंगलों में भूखे रहकर पूरा किया मिशन, लगा चुका है नक्सलियों के खात्मे का शतक, अमित शाह का C-60 कमांडो पर होगा गर्व

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश से 2026 तक नक्सलियों के खात्मे का लक्ष्य रखा है. गृह मंत्री महाराष्ट्र के दौरे पर जाने वाले हैं लेकिन उससे पहले ही महाराष्ट्र पुलिस के कमांडो वासुदेव माडवी ने नक्सलियों को मारने का शतक जड़ दिया है.

31 Aug, 2025
( Updated: 05 Dec, 2025
09:06 PM )
जंगलों में भूखे रहकर पूरा किया मिशन, लगा चुका है नक्सलियों के खात्मे का शतक, अमित शाह का C-60 कमांडो पर होगा गर्व

अबूझमाड़ के घने जंगलों में जब नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलता है वह कितना मुश्किल होता है ये सिर्फ सुरक्षाबल ही जानते होंगे. लेकिन ऐसे घने जंगलों में जब सुरक्षा बल ऑपरेशन चलाते हैं तो उन्हें यह अंदाजा नहीं होता कि गोली किधर से आएगी? जिस जमीन पर वह चल रहे हैं, उसके नीचे लैंडमाइन तो नहीं है. 

26 साल में 101 नक्सलियों को मार गिराया

गढ़चिरौली पुलिस के C-60 कमांडर वासुदेव मडावी ने ऐसे हालात से लड़कर पिछले 26 साल में 101 नक्सलियों को मार गिराया है. हालांकि अभी भी उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट का खिताब नहीं मिला है. मडावी के बारे में कहा जाता है कि वह मिट्टी सूंघकर हालात का अंदाजा लगा लेते हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भी सी-60 कमांडो वासुदेव मडावी की उपलब्धि पर गर्व होगा. शाह ने 2026 तक लाल आतंक को खत्म करने का लक्ष्य रखा है.

48 साल के वासुदेव मडावी अपने 26 साल के करियर में कई ऑपरेशन में शामिल रहे. घने जंगलों में भूखे रहकर मिशन पूरा किया. उनकी बहादुरी और स्ट्रैटजी के कायल पूरा पुलिस विभाग हो गया. डिपार्टमेंट ने 1998 में कॉन्टेबल के तौर पर भर्ती हुए साहसी कॉन्स्टेबल को लगातार प्रमोशन दिया. वह अभी सब-इंस्पेक्टर पद पर तैनात हैं. उन्हें बहादुरी के लिए कई मेडल मिले हैं. गढ़चिरौली के एसपी नीलोत्पल ने बताया कि वासुदेव मडावी ने गढ़चिरौली के जंगलों में माओवादियों के खिलाफ लड़ाई में बड़ा अहम रोल निभाया है. वह ऑपरेशन के दौरान स्ट्रैटजी बनाने और उसे लागू करने में माहिर हैं. जरूरत पड़ने पर अपनी स्ट्रैटजी बदलते हैं, जो गेमचेंजर मूव बन जाता है. 

बहादुरी के लिए मिल चुके हैं दो गैलेंट्री मेडल

एसपी नीलोत्पल ने बताया कि मडावी ने कोपारशी में मुठभेड़ स्थल से चार शव बरामद किए, जिसके बाद उनका आंकड़ा 101 हो गया. मडावी हमेशा आगे बढ़कर नेतृत्व करते हैं. वह ऑपरेशन से पहले मिट्टी से बात करते हैं और बंदूक की लड़ाई शुरू करने से पहले जंगल के मूड को समझते हैं. वासुदेव मडावी कई एंटी नक्सल ऑपरेशन का हिस्सा रहे, जिसमें बोरिया कासनसुर एनकाउंटर शामिल है. इस ऑपरेशन में 40 माओवादी मारे गए थे. वह मर्दिनटोला, गोविंदगांव, कोपारशी-कोटूर और कटरांगट्टा के ऑपरेशन में भी शामिल हैं. उन्होंने पांच माओवादियों को गिरफ्तार भी किया.

यह भी पढ़ें

मडावी को उनकी बहादुरी के लिए दो गैलेंट्री मेडल मिले हैं. 10 नवंबर 1976 को जन्मे मडावी 22 साल की उम्र में गढ़चिरौली पुलिस में शामिल हुए थे. वे जल्द ही स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन गए. 48 साल की उम्र में भी वह आगे बढ़कर ऑपरेशन का नेतृत्व करते हैं. C-60 कमांडो दस्ते का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता के कारण उनके साथी भी सम्मान करते हैं.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
अधिक
Podcast video
'मुसलमान प्रधानमंत्री बनाने का प्लान, Yogi मारते-मारते भूत बना देंगे इनका’ ! Amit Jani
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें