Advertisement

UP में वोटर लिस्ट में बड़ा बदलाव! SIR में 2.27 करोड़ नाम हटने की संभावना, राज्य निर्वाचन आयोग ने बताई वजह

उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दौरान करीब 2 करोड़ 27 लाख मतदाताओं के नाम हटने की संभावना जताई गई है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा के अनुसार प्रक्रिया का 97% काम पूरा हो चुका है और 17% मतदाता ट्रेस नहीं हो सके.

08 Dec, 2025
( Updated: 08 Dec, 2025
04:46 PM )
UP में वोटर लिस्ट में बड़ा बदलाव! SIR में 2.27 करोड़ नाम हटने की संभावना, राज्य निर्वाचन आयोग ने बताई वजह
UP SIR

UP SIR: उत्तर प्रदेश में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को लेकर जारी राजनीतिक हलचल के बीच प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा (Navdeep Rinwa) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में संभावित रूप से करीब 2 करोड़ 27 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जा सकते हैं. रिणवा ने एबीपी से बातचीत में इस बात की जानकारी दी है कि राज्य में एसआईआर का काम लगभग 97 प्रतिशत पूरा हो चुका है. जांच के दौरान करीब 17 प्रतिशत मतदाता ऐसे मिले हैं जिन्हें ट्रेस नहीं किया जा सका, इसी वजह से बड़ी संख्या में नाम हटने की संभावना बन रही है.

पांच श्रेणियों में जुटाई जा रही जानकारी 

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि अनकलेक्टेबल वोटरों की पहचान के लिए कुल पांच श्रेणियों में डाटा एकत्र किया गया था. जांच के दौरान लगभग 17 प्रतिशत ऐसे नाम सामने आए, जो या तो अब इस दुनिया में नहीं हैं या फिर लंबे समय से अपने पते पर मौजूद नहीं पाए गए. उन्होंने कहा कि इन सभी मामलों की सूची तैयार कर ली गई है और इसे बीएलए के साथ मिलकर आगे जांचा-परखा जाएगा ताकि अंतिम निर्णय सही आधार पर लिया जा सके. रामपुर में नूरजहां नाम की बुजुर्ग महिला और विदेश में रह रहे उसके बेटों पर दर्ज हुई एफआईआर को लेकर रिणवा ने स्पष्ट किया कि एसआईआर में वही व्यक्ति फॉर्म भरेगा जो उस पते पर वास्तव में रहता है. इसके लिए बाहर रहने वालों के लिए अलग फॉर्म भी उपलब्ध कराए गए हैं, जिन्हें भरकर जानकारी अपडेट की जा सकती है.

BLO की आत्महत्या के सवाल पर भी दिया जवाब 

बीएलओ पर बढ़ते कार्यभार और एक कर्मचारी की आत्महत्या को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य में एक मामला सामने आया है, लेकिन इसे सार्वभौमिक दबाव बताना उचित नहीं है, क्योंकि देशभर में लाखों लोग विभिन्न जिम्मेदारियों के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आयोग लगातार यह सुनिश्चित कर रहा है कि एसआईआर प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित तरीके से पूरी हो. अधिकारियों का कहना है कि यह पुनरीक्षण अभियान मतदाता सूची को अधिक सटीक बनाने में बड़ा कदम साबित होगा और आने वाले चुनावों में साफ-सुथरी सूची तैयार करने में मदद करेगा.

अखिलेश यादव ने उठाया मुद्दा 

वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एसआईआर प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में बड़े स्तर पर मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं. अखिलेश का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए दो से तीन करोड़ वोट कटने की आशंका है, जो बेहद चिंताजनक है. अखिलेश यादव ने कहा कि चुनाव आयोग की जिम्मेदारी अधिक से अधिक लोगों को मतदाता सूची में जोड़ने की होती है, लेकिन उत्तर प्रदेश में उल्टा हो रहा है और लोग अपने कागजात ढूँढ़ने में परेशान घूम रहे हैं. उनका कहना है कि यदि आधुनिक तकनीक का अधिक उपयोग किया जाता तो जनता को इतनी दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार की यह प्रक्रिया मतदाताओं में भ्रम और असंतोष पैदा कर रही है, इसलिए एसआईआर को निष्पक्ष और खुली प्रक्रिया के रूप में संचालित किया जाना चाहिए। पार्टी नेताओं का कहना है कि जरूरत है कि हर सही मतदाता का नाम सुरक्षित रहे और किसी भी तरह की जल्दबाजी में सही नाम न हट जाए.

यह भी पढ़ें

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में चल रही एसआईआर प्रक्रिया अब राजनीतिक बहस के केंद्र में आ गई है. जहां प्रशासन इसे मतदाता सूची को शुद्ध और सही बनाने की जरूरी कवायद बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे बड़े पैमाने पर वोट कटने का मामला मानकर सवाल उठा रहा है. अब पूरा ध्यान इस बात पर है कि अंतिम सूची में केवल वास्तविक और योग्य मतदाताओं के नाम शामिल हों, ताकि आने वाले चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी माहौल में संपन्न हो सकें.

Tags

Advertisement

टिप्पणियाँ 0

LIVE
Advertisement
Podcast video
‘ना Modi रूकेंगे,ना Yogi झुकेंगे, बंगाल से भागेंगीं ममता, 2026 पर सबसे बड़ी भविष्यवाणी Mayank Sharma
Advertisement
Advertisement
शॉर्ट्स
वेब स्टोरीज़
होम वीडियो खोजें