इंडिगो पर बड़ी कार्रवाई शुरू… संसदीय समिति और सरकार की जांच तेज, फ्लाइट कैंसिलेशन ने तोड़ा आज का रिकॉर्ड
हाल के दिनों में बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द और डिले होने से हजारों यात्री परेशान हैं. कई सांसद भी प्रभावित हुए, जिसके बाद परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डयन से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने इंडिगो, DGCA, अन्य एयरलाइंस और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों को तलब करने का निर्णय लिया है.
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देश की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन इंडिगो इन दिनों अपने सबसे बड़े संकट से गुजर रही है. लगातार उड़ानों के रद्द होने और ऑपरेशनल गड़बड़ियों के कारण हजारों यात्री परेशान हैं. हालात इतने बिगड़ गए हैं कि अब मामला राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर बेहद गंभीर हो गया है. परिवहन, पर्यटन और नागरिक उड्डयन से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने इंडिगो, डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), अन्य एयरलाइंस और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों को तलब करने का निर्णय लिया है. समिति जल्द ही इस पूरे घटनाक्रम की विस्तृत जांच करने वाली है.
यात्रियों की परेशानी बना बड़ा मुद्दा
दरअसल, पिछले कुछ दिनों से इंडिगो (Indigo) की रद्द और डिले फ्लाइट्स ने यात्रियों को भारी मुश्किल में डाल दिया है. कई यात्रियों ने अपनी शिकायतें सीधे सांसदों तक पहुंचाईं. हैरानी की बात यह है कि खुद कई सांसद भी इन कैंसिलेशन्स की वजह से फंस गए. यही वजह है कि समिति ने इस मामले को अत्यधिक गंभीरता से लिया है. सूत्रों के अनुसार, समिति के अध्यक्ष और जेडीयू सांसद संजय कुमार झा की अगुवाई में होने वाली बैठक में एयरलाइन से लेकर नियामक संस्थाओं तक सभी से सीधे जवाब मांगे जाएंगे. समिति यह भी जांच करेगी कि बार-बार ऐसी स्थिति सामने क्यों आती है और इसे दोबारा रोकने के लिए क्या ठोस कदम उठाए जा सकते हैं.
किराए बढ़ाने पर भी उठेगा बड़ा सवाल
जब इंडिगो की उड़ानें बड़े पैमाने पर रद्द हो रही थीं, उसी समय एयरलाइन और अन्य कंपनियों ने टिकटों के किराए अचानक बढ़ा दिए. इस कारण आम यात्रियों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ा. समिति इस बात का भी जवाब मांगेगी कि संकट के बीच किराए में बढ़ोतरी क्यों की गई और यह निर्णय किस आधार पर लिया गया. वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर CPM सांसद जॉन ब्रिटास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) या न्यायिक आयोग गठित करने की मांग भी की है. इससे यह साफ हो गया है कि मामला अब केवल ऑपरेशनल फेल्योर का नहीं, बल्कि एक बड़े प्रशासनिक सवाल का रूप ले चुका है.
इंडिगो CEO को शो-कॉज नोटिस
उड्डयन नियामक DGCA ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है. इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स और अकाउंटेबल मैनेजर इसिड्रो पोर्केरस को 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है. DGCA का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर ऑपरेशनल फेल्योर यह बताता है कि एयरलाइन ने प्लानिंग, ओवरसाइट और रिसोर्स मैनेजमेंट में गंभीर चूक की है. नोटिस में साफतौर लिखा गया है कि फ्लाइट डिसरप्शन का मुख्य कारण संशोधित FDTL यानी Flight Duty Time Limitations के नियमों को लागू करने के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं करना था. DGCA ने इसे Aircraft Rules, 1937 और CAR गाइडलाइंस का प्रथम दृष्टया उल्लंघन बताया है. इसके अलावा यात्रियों को देनी वाली अनिवार्य जानकारी, भोजन, होटल व्यवस्था और अन्य सुविधाएं देने में भारी लापरवाही पाई गई है. कई यात्रियों को घंटों बिना किसी सहायता के एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा.
4 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी की जांच तेज
नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इंडिगो के स्पष्टीकरण को असंतोषजनक पाया है. इसी कारण तेजी से रिपोर्ट तैयार करने के लिए 4 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. इस कमेटी को पूरे मामले की जड़ तक पहुंचने और दोषियों की पहचान करने का जिम्मा दिया गया है. वित्तीय और दंडात्मक कार्रवाई होने की भी संभावना है. नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने DGCA प्रमुख फैज़ अहमद किदवई और उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा के साथ इंडिगो CEO की बैठक ली. बैठक में इंडिगो को स्पष्ट आदेश दिया गया कि FDTL नियमों का पालन किसी भी हाल में सुनिश्चित किया जाए.
इंडिगो ने अपनी सफाई में क्या कहा?
लगातार बढ़ रहे विवाद के बीच इंडिगो ने अपना आधिकारिक बयान जारी किया. एयरलाइन का कहना है कि उसने अपने नेटवर्क को ‘रीबूट’ करने के लिए बड़ी संख्या में फ्लाइट्स रद्द कीं ताकि ऑपरेशनल स्थिरता वापस लाई जा सके. कंपनी ने दावा किया कि उसने एक दिन में 700 से ज्यादा उड़ानों का संचालन किया और 113 डेस्टिनेशन कवर किए. एयरलाइन का लक्ष्य है कि जल्द ही वह फिर से प्रतिदिन 1500 से ज्यादा उड़ानों को सामान्य रूप से संचालित कर सके. इंडिगो ने यात्रियों से माफी मांगते हुए भरोसा दिलाया है कि वह भरोसा वापस हासिल करेगी और सेवाएं पूरी तरह बहाल करने के लिए पूरा प्रयास जारी है.
यात्रियों की मदद के लिए आगे आया रेलवे
फ्लाइट कैंसिलेशन का असर केवल एयरपोर्ट्स तक सीमित नहीं रहा. रेलवे को भी स्थिति संभालने के लिए आगे आना पड़ा. रेलवे ने घोषणा की है कि वह अगले 3 दिनों में 89 स्पेशल ट्रेनें चलाएगा जिनके 100 से ज्यादा ट्रिप्स होंगे. रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर दिलीप कुमार ने बताया कि दिल्ली, मुंबई, पटना, बेंगलुरु, चेन्नई और हावड़ा जैसे प्रमुख शहरों के लिए ये विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी. एयरपोर्ट्स पर भी यात्रियों को इन ट्रेनों की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं.
दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि जांच पूरी होते ही इंडिगो और उसके अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई संभव है. मौजूदा प्राथमिकता उड़ानों का संचालन सामान्य करना है. सरकार ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि वह रद्द और डिले फ्लाइट्स के टिकटों का रिफंड तुरंत पूरा करे और यात्रियों का खोया या अलग हुआ सामान 48 घंटे के भीतर पहुंचाए. किराए पर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. बिजनेस क्लास को छोड़कर बाकी सभी टिकटों के किराए 7,500 से 18,000 रुपये के भीतर रखने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है. इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस 5 दिसंबर को केवल 3.7 प्रतिशत रहा. यह किसी भी बड़ी एयरलाइन के लिए बेहद चिंताजनक आंकड़ा माना जाता है.
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बताते चलें कि इंडिगो के सामने यह समय संचालन क्षमता, यात्रियों के भरोसे और नियामकीय पालन तीनों मोर्चों पर परीक्षा जैसा है. सरकार और संसद की नजर अब सीधे एयरलाइन पर है. DGCA और मंत्रालय की सख्ती यह संकेत देती है कि आने वाले दिनों में कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं. यात्रियों की उम्मीद बस इतनी है कि उड़ानें समय पर चलें, सेवा में सुधार हो और ऐसी स्थिति भविष्य में फिर न आए.
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