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महाराष्ट्र राज्य शहीद स्मृति दिवस, मुख्यमंत्री फडणवीस, एकनाथ शिंदे और नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार सुबह मुंबई के 'शहीद स्मारक' पर पहुंचे. उनके साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर, राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और विधायक अभिमन्यु पवार भी थे. सभी ने बारी-बारी से शहीद स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की.

महाराष्ट्र में राज्य शहीद स्मृति दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर संयुक्त महाराष्ट्र के आंदोलन में प्राणों की आहूति देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की.

शहीद स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि अर्पित की

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शुक्रवार सुबह मुंबई के 'शहीद स्मारक' पर पहुंचे. उनके साथ उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राज्य विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर, राज्य मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा और विधायक अभिमन्यु पवार भी थे. सभी ने बारी-बारी से शहीद स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की.

CM फडणवीस ने सोशल मीडिया पर किया भावुक पोस्ट 

मुख्यमंत्री फडणवीस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "एक संयुक्त महाराष्ट्र बनाने के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले सभी शहीदों को कोटि-कोटि नमन."

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी महाराष्ट्र राज्य शहीद स्मृति दिवस के अवसर पर संयुक्त महाराष्ट्र बनाने के संघर्ष के शहीदों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की.

 उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी शहीदों को दी श्रद्धांजलि

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने 'एक्स' पोस्ट में लिखा, "महाराष्ट्र के लोगों ने मराठी पहचान को अपनी प्राथमिकता मानते हुए मुंबई समेत एक संयुक्त महाराष्ट्र बनाने के संघर्ष में अपना सब कुछ झोंक दिया. इस संघर्ष में 107 बहादुर शहीदों ने अपनी जान कुर्बान कर दी, ताकि उनके हक की महाराष्ट्र जमीन का सपना सच हो सके. इसी मराठी पहचान के लिए उनके समर्पण, त्याग और बलिदान से भविष्य के शानदार महाराष्ट्र की नींव रखी गई."

एनसीपी-एसपी के प्रमुख शरद पवार ने लिखा, "जब स्टेट रीऑर्गेनाइजेशन कमीशन ने महाराष्ट्र को मुंबई न देने के लिए कहा, तो बहुत नाराजगी हुई. किसान, मजदूर और मिडिल क्लास के धरतीपुत्रों ने एक साथ मिलकर 'हमें मुंबई के साथ महाराष्ट्र चाहिए' की मांग के लिए जमकर लड़ाई लड़ी. कई बार उन्होंने सीने पर गोलियां खाईं, लेकिन मैदान नहीं छोड़ा. नतीजतन, इतने बड़े संघर्ष के बाद, मुंबई के साथ एक संयुक्त महाराष्ट्र बना. 'महाराष्ट्र राज्य शहीद स्मृति दिवस' पर इस जबरदस्त संघर्ष में अपनी जान कुर्बान करने वाले सभी शहीदों को श्रद्धांजलि."

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