‘मेरे अंजाम से सीख लेनी चाहिए…’ अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद आजम खान का छलका दर्द
Akhilesh Yadav Azam Khan Meetting: माना जा रहा है अखिलेश यादव और आजम खान की ये मुलाकात पारिवारिक से ज्यादा राजनीतिक थी. दोनों की मुलाकात को काफी गुप्त रखा गया.
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और अखिलेश यादव की अचानक मुलाकात ने यूपी में सियासी सरगर्मी बढ़ा दी है. इस दौरान आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम भी मौजूद रहे. इस मुलाकात की तस्वीरें अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर की.
माना जा रहा है अखिलेश यादव और आजम खान की ये मुलाकात पारिवारिक से ज्यादा राजनीतिक थी. अखिलेश यादव ने तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘न जाने कितनी यादें संग ले आए, जब वो आज हमारे घर पर आए. ये जो मेलमिलाप है यही हमारी साझा विरासत है.’ वहीं, आजम खान ने मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘मैं यहां अपने और अपने परिवार के साथ हुई घटना के बारे में बात करने आया था.’
न जाने कितनी यादें संग ले आए
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 7, 2025
जब वो आज हमारे घर पर आए!
ये जो मेलमिलाप है यही हमारी साझा विरासत है। pic.twitter.com/hPr56uCLFB
गुप्त रखा गया आजम खान का लखनऊ दौरा!
आजम खान और अखिलेश यादव की ये मुलाकात तय थी लेकिन दोनों ने इसकी कोई चर्चा नहीं होने दी. आजम के लखनऊ दौरे को भी काफी गुप्त रखा गया. जानकारी के मुताबित, आजम खान लखनऊ के एक होटल में रुके थे. आजम खान से सपा के कुछ अन्य नेताओं ने भी मुलाकात की. आजम खान ने मुलाकात के बाद बताया दोनों के बीच राजनीतिक बातें हुईं. उन्होंने कहा, जब राजनीति में काम करने वाले दो नेता मिलते हैं तो राजनीतिक बात होती है.
‘रिश्तों में आई जंग को खुद खत्म करता हूं’
आजम खान ने मुलायम परिवार संग रिश्तों को 50 साल पुराना बताया. उन्होंने कहा, मेरा उस घर (अखिलेश यादव) से 50 सालों का रिश्ता है. इस रिश्ते को कमजोर होने के लिए वर्षों चाहिए और टूटने में सदियां लगेंगी. इतना वक्त तो मेरे पास है नहीं. हमारा तो नस्ल दर नस्ल वास्ता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि, रिश्तों में कहीं जंग आने लगती है तो मैं खुद ही साफ कर लेता हूं. किसी की जरूरत नहीं. इससे ज्यादा तकलीफें क्या आएंगी. सब कुछ सह लिया तो उन्हें (अखिलेश यादव) क्यों छोड़ दूं. हालात जरूर बदलेंगे. इस दौरान आजम ने बिना नाम लिए बिना खुलकर किसी पर निशाना साधते हुए बहुत कुछ कह दिया था. उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में कहा कि वहां चुनाव का दौर है, मैं वहां जाना चाहता हूं, लेकिन असुरक्षित नहीं, जंगलराज में नहीं जाना चाहता. गौरतलब हैै कि आजम खान को बिहार चुनाव में स्टार प्रचारक बनाया गया था. हालांकि स्वास्थ्य कारणों की दुहाई देतेे हुए आजम बिहार नहीं गए.
‘बिहार में होगा बदलाव’
आजम खान ने बिहार में महागठबंधन की जीत का दावा करते हुए NDA सरकार पर बड़ा निशाना साधा. उन्होंने कहा, बिहार में राजनीतिक व्यवस्था में सुधार होने की जरूरत है. बिहार में बादशाह से लेकर वजीरों तक कह रहे हैं कि वहां जंगलराज है. बिहार की संज्ञा जंगल की दी जा रही है. एक प्रदेश को जंगल कह देना, आज के दौर में शायद सभ्य बात नहीं है. उस जंगलराज में अगर मैं अकेला जाऊंगा तो आपने देखा है कि वहां पर हत्या किस तरह हुई है. मुझे जबरदस्ती रेल की पटरी पर अपना सिर नहीं रखना है. इस बार लोग बिहार में ऐतिहासिक बदलाव की बात कर रहे हैं.
‘मेरे अंजाम से सीख लेनी चाहिए’
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उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि सभी लोगों को मुझसे सबक लेना चाहिए और मेरे अंजाम से सीख लेना चाहिए. आजम खान ने भावुक अंदाज में कहा कि मेरे साथ हुए ऐतिहासिक अन्यायों के बावजूद इस धरती पर अभी भी कुछ लोग जिंदा हैं और रहेंगे जिनकी सहनशक्ति पत्थर या पहाड़ से भी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर खुशी होती है कि जो लोग पहले उन्हें गलत समझते थे, आज धीरे-धीरे सच्चाई को पहचानने लगे हैं. आजम खान ने आगे कहा, अदालतों से इंसाफ मिले, यही हमारी उम्मीद है. जितनी एजेंसियां हैं, सबने मेरे घर में छापा मारा था. मेरा मानना है कि राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की जरूरत है.
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