ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने जिस हाइड्रोपावर प्लांट को किया था टारगेट, भारत के लिए वो कितना अहम? जानें
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाक के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था. एक्शन से बौखलाए पाक ने उरी में हाइड्रो पावर प्लांट को निशाना बनाने की कोशिश की. हालांकि वह इसमें नाकामयाब रहा, लेकिन पाक के निशाने पर ये प्रोजेक्ट क्यों था? जानिए
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पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान भारत के बड़े प्रोजेक्ट उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को निशाना बनाने की कोशिश की थी. हालांकि वह इसमें नाकामयाब रहा. सुरक्षाबलों की सक्रियता से पाकिस्तान के मंसूबों पर पानी फिर गया. आखिर क्या है उरी हाइड्रो प्रोजेक्ट और पाकिस्तान क्यों इसको निशाना बनाने की फिराक में था? जानते हैं.
लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LoC) से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित है उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट. ये प्रोजेक्ट जम्मू और कश्मीर के बारामूला जिले के उरी शहर में है. इसमें दो प्रोजेक्ट हैं, उरी-I हाइड्रो प्रोजेक्ट और उरी-II हाइड्रो प्रोजेक्ट. यह प्रोजेक्ट झेलन नदी पर बना है. खास बात ये है कि ये चालू हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट भारत और पाकिस्तान के बीच बॉर्डर के पास है.
क्या है उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट?
- उरी-I हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट साल 1997 में शुरू हुआ था.
- इसकी कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 480 मेगावाट है
- इसका मालिकाना हक केंद्र सरकार के पास है
- इस पावर प्लांट को नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHPC) चलाता है
- पावर प्लांट का यूनिट साइज 480 मेगावाट है
- उरी-I हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में 120 मेगावाट की 4 यूनिट हैं
उरी-II हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट क्यों अहम?
- उरी-II हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट साल 2014 में शुरू किया गया था.
- ये प्रोजेक्ट एक रन-ऑफ-द-रिवर स्कीम है
- इस प्रोजेक्ट की इंस्टॉल्ड कैपेसिटी 240 मेगावाट है
- झेलम नदी पर बने इस पावर प्लांट में 60 मेगावाट के 4 यूनिट हैं
उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट को झेलम नदी पर बनाने का मकसद हाइड्रोपावर क्षमता का पूरी तरह इस्तेमाल करना था. चूंकी झेलम नदी भारत और पाकिस्तान में बहती है साथ ही साथ यह सिंधु नदी की एक सहायक नदी भी है. ऐसे में पाकिस्तान मुख्य तौर पर इस क्षेत्र को निशाना बनाना चाहता था.
क्या काम करता है उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट?
उरी हाइड्रो प्रोजेक्ट्स देश में बिजली उत्पादन का काम करते हैं. जम्मू कश्मीर में बिजली प्रोडक्शन को बढ़ाने और बिजली आपूर्ति को पूरी करने के लिए प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई थी. पाकिस्तान की मंशा इस प्रोजेक्ट को तबाह कर एक साथ कई वार करने की थी. जैसे बिजली व्यवस्था ठप करना, कई अन्य सुविधाओं की आपूर्ति बंद करना, जम्मू कश्मीर में ब्लैक आउट करने जैसी परेशानियां खड़ी करना. उरी हाइड्रो प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचता तो यहां स्कूल, अस्पताल, उद्योग क्षेत्र को भी नुकसान पहुंचता.
झेलम से जुड़ा पाकिस्तान का गला!
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झेलम नदी कश्मीर घाटी का मुख्य जलमार्ग है. झेलम की सबसे बड़ी सहायक नदी किशनगंगा जिसे नीलम नदी भी कहते हैं. किशनगंगा मुजफ्फराबाद के पास मिलती है और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में जाती है. झेलम कंघन घाटी के कोहाला ब्रिज पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और पाकिस्तान को भी जोड़ती है. ऐसे में इस प्रोजेक्ट से पाकिस्तान का सीधा गला जुड़ा हुआ है.
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