'हराम है...गुनाह है...', मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने जुलूस-ए-मोहम्मदी में डीजे और डांस को लेकर दे दिया फतवा, बता दिया हराम
ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाएगा और इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने कहा कि यह पवित्र दिन शरीयत की हदों में रहकर मनाया जाना चाहिए. उन्होंने नौजवानों से अपील की कि वे डीजे, नाच-गाने और हुल्लड़बाजी जैसी हराम गतिविधियों से दूर रहें और इसे अमन, भाईचारे और पाकीजगी के साथ मनाएं.
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ईद मिलादुन्नबी के मौके पर जुलूस-ए-मोहम्मदी निकाला जाएगा और इसकी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. इसी बीच ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा है कि यह दिन पवित्र है और इसे शरीयत की हदों में रहकर ही मनाया जाना चाहिए. अगर कोई ऐसी हरकत करता है जो इस्लाम के खिलाफ होगा तो उसके खिलाफ फ़तवा भी जारी हो सकता है.
भड़काऊ बयानों से रहें दूर नौजवान
मौलाना रजवी ने नौजवानों से अपील की कि वे डीजे, नाच-गाने और हुल्लड़बाजी जैसी हराम गतिविधियों से दूर रहें. उन्होंने कहा कि जुलूस-ए-मोहम्मदी पैगंबर मुहम्मद साहब के जन्मदिन की खुशी का इजहार है और इसे अमन, भाईचारे और पाकीजगी के साथ मनाया जाना चाहिए. मौलाना रजवी ने जुलूस के आयोजकों को निर्देश दिए कि किसी भी तरह का भड़काऊ नारा या बयान न दिया जाए. नमाजें समय पर अदा की जाएं और खाने-पानी का वितरण शांति और अनुशासन के साथ किया जाए. उनका कहना था कि इस दिन का मुख्य उद्देश्य पैगंबर का पैगाम-ए-अमन पूरी दुनिया तक पहुंचाना है, इसलिए हर मुसलमान को जिम्मेदारी और अनुशासन दिखाना चाहिए.
डीजे और डांस हराम: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी
कुरान-हदीस का हवाला देते हुए मौलाना ने कहा कि हाल के वर्षों में कुछ नौजवान जुलूसों और उर्स पर डीजे बजाकर नात शरीफ की आवाज में नाचते हैं, हाथों में रुमाल लहराते हैं और हुल्लड़बाजी करते हैं. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सभी काम शरीयत में नाजायज और हराम हैं. गाना-बजाना और डांस को शैतानी अमल बताते हुए मौलाना ने कहा कि यह जुलूस की पवित्रता को नुकसान पहुंचाते हैं और पैगंबर की तालीम के खिलाफ हैं.
जिम्मेदारियों का ख्याल रखें
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मौलाना रजवी ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति डीजे लेकर जुलूस में शामिल होने की कोशिश करे तो उसे बाहर कर दिया जाए. उन्होंने आयोजकों से कहा कि जुलूस के दौरान अमन और शांति बनाए रखना उनका पहला फर्ज है. जुलूस-ए-मोहम्मदी एक बहुत पाक और साफ-सुथरा दिन है और हर मुसलमान को चाहिए कि वह नाजायज और हराम कामों से दूर रहते हुए पैगंबर का पैगाम-ए-अमन पूरी दुनिया तक पहुंचाए. मौलाना रजवी ने जोर देकर कहा कि हमें कयामत के दिन खुदा और रसूल को मुंह दिखाना है, इसलिए किसी भी तरह का ऐसा काम न करें जिससे पैगंबर नाराज हों. इस बार जुलूस-ए-मोहम्मदी को पूरी शांति, अनुशासन और पवित्रता के साथ मनाने की अपील की गई है.
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