शांतिपूर्ण बांग्लादेश के लिए श्रीकृष्ण के आदर्शों का आह्वान... ढाका में भव्य जन्माष्टमी उत्सव, झूमे तीनों सेनाओं के प्रमुख, यूनुस ने दी बधाई, VIDEO
बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ते हमलों को लेकर चौतरफा घिरे मुहम्मद यूनुस ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दीं वहीं सेना प्रमुख ने शांत बांग्लादेश के लिए भगवान कृष्ण के आदर्शों को अपनाने का आह्वान किया. एक तरफ जहां तीनों सेना के प्रमुख जन्माष्टमी उत्सव में शामिल हुए वहीं पूरे बांग्लादेश में शोभायात्राएं निकाली गई.
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एक साल में कितना कुछ बदल जाता है, इसका जीता-जागता उदाहरण है कभी भारत का दोस्त कहा जाने वाला बांग्लादेश. बीते साल अगस्त के महीने में भारी हिंसा और प्रदर्शन के बीच तत्कालीन पीएम शेख हसीना का तख्तापलट कर दिया गया और कट्टरपंथियों की कार्यवाहक सरकार बनी जिसका नेतृत्व मोहम्मद यूनुस ने किया. हालांकि इस सत्ता परिवर्तन के कारण पहले से ही मुहाल अल्पसंख्यक हिंदुओं की हालत और बदतर हो गई, उनका जीवन नर्क बना दिया गया. जमात-ए-इस्लामी वालों ने न सिर्फ हिंदू लोगों को मारा, महिलाओं का बालात्कार किया, बल्कि उनका घर से बाहर निकलना भी मुश्किल कर दिया. वहीं मंदिरों पर भी भीषण हमले हुए, जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हुई.
जब भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई, और दुनिया भर से इस पर प्रतिक्रियाएं आईं, तो अब बांग्लादेश की सरकार और सेना अपनी छवि सुधारने में जुट गई है. जिस देश में हाल ही में इस्कॉन मंदिर के पुजारियों को जेल में डाला गया और श्रीकृष्ण के मंदिर में तोड़फोड़ की गई, वहीं अब जन्माष्टमी का उत्सव बड़े स्तर पर मनाया गया. इस समारोह में खुद बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने भाग लिया, मानो हाल की घटनाओं को ढकने की एक कोशिश हो.
भारत की मोदी सरकार पर बांग्लादेश पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा. हालांकि सरकार ने कोई भी प्रत्यक्ष एक्शन नहीं लिया, लेकिन कुछ ऐसे फैसले लिए जिससे ऐसा लग रहा है कि यूनुस सरकार घुटनों पर आ गई है. उस पर प्रेशर पड़ा है कि वो हिंदुओं पर हो रहे हमले को रोके और अपने बयानों में नरमी लाए वरना अभी तो चावल और ट्रांस शिपमेंट पर रोक लगी है, आगे और भी कार्रवाई हो सकती है. हां, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को पड़ी मार भी बताने के लिए काफी थी कि भारत पर पूर्वोतर से हमला करने का कभी न पूरा होने वाला ख्वाब छोड़ दे. हां, ये इस्लामाबाद के लिए भी संदेश था कि ढाका में अपनी सेना को उतारने का अंजाम बांग्लादेश के लिए क्या हो सकता है. अब लगता है कि उसके परिणाम दिखने लगे हैं.
बांग्लादेश में निकाली गई जन्माष्टमी शोभायात्रा
तमाम हार्ड पॉलिटिक्स के बीच एक हैरान कर देने वाली ख़बर सामने आई है. कहा जा रहा है कि वहां की सेना के नेतृत्व में बांग्लादेश में जन्माष्टमी का समारोह आयोजित किया गया और यात्राएं निकाली गईं, जिसमें उच्च अधिकारी भी शामिल हुए.
𝐉𝐚𝐧𝐦𝐚𝐬𝐡𝐭𝐚𝐦𝐢 𝐢𝐬 𝐛𝐞𝐢𝐧𝐠 𝐜𝐞𝐥𝐞𝐛𝐫𝐚𝐭𝐞𝐝 𝐢𝐧 𝐁𝐚𝐧𝐠𝐥𝐚𝐝𝐞𝐬𝐡.
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 16, 2025
Devotees, especially in Dhaka, took part in processions, prayers, and devotional events to honour Lord Krishna’s birth.#KrishnaJanmashtami | #KrishnaJanmashtami2025 | #JanmashtamiCelebration… pic.twitter.com/EaXaptXcUy
यूनुस ने दी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामना
वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामना दी. मुहम्मद यूनुस ने कहा, "भगवान श्रीकृष्ण ने समाज में न्याय, मानवीय करुणा और शांति का संदेश फैलाया; जहां कहीं भी उन्होंने अन्याय या अत्याचार देखा, वहां बुराई की पराजय के लिए खुद को प्रकट किया. उनका दर्शन और मूल्य न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों को, बल्कि सभी धर्मों के लोगों को भी प्रेरित करते रहेंगे."
Janmashtami being celebrated in Bangladesh:
— DD News (@DDNewslive) August 16, 2025
In Bangladesh, the Hindu community is celebrating Janmashtami on Saturday, marking the birth of Lord Krishna, with due religious fervour. Krishana devotees in many areas of Dhaka and other parts of the country took out processions to… pic.twitter.com/a5OSNKuwVF
जन्माष्टमी शोभा यात्रा में शामिल हुए तीनों सेना के प्रमुख
खबरों के मुताबिक देश की तीनों सेनाओं के अध्यक्ष भी कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के अवसर पर ढाका में 'जन्माष्टमी शोभायात्रा' में भाग लिया. पलाशी में जन्माष्टमी के जुलूस की शुरुआत ढोल-नगाड़ों और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ हुई. जुलूस से पहले समुदाय के नेताओं ने बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान, नौसेना प्रमुख एडमिरल एम. नजमुल हसन और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान का गर्मजोशी से स्वागत किया.
समारोह में बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा, "मैं आभारी हूं कि आपने हमें इस उत्सव का हिस्सा बनने दिया. बांग्लादेश पर सभी धर्मों और समुदायों का बराबर हक है. हमारी सेना देश में शांति, सुरक्षा और सौहार्द बनाए रखने के लिए सदैव नागरिकों के साथ खड़ी रहेगी."
बांग्लादेश में कहा जा रहा है कि सेना के नेतृत्व में जन्माष्टमी का उत्सव मनाया गया. सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान, नौसेना प्रमुख एडमिरल एम नजमुल हसन और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान ने उत्सव में भाग भी लिया. क्या वजह हो सकती है इस बदलाव की? pic.twitter.com/mYJjpfiZQ7
— Guddu Khetan (@guddu_khetan) August 17, 2025
बांग्लादेशी सेना के प्रमुख ने किया भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों को मानने का आह्वान
जानकारी के अनुसार सेना प्रमुख जनरल वेकर-उज-जमान, नौसेना प्रमुख एडमिरल नजमुल हसन और एयर चीफ मार्शल हसन महमूद खान ढाका के पलाशी मोड़ से जन्माष्टमी शोभा यात्रा में उपस्थित रहे. कहा जा रहा है कि सेना प्रमुख ने शांतिपूर्ण बांग्लादेश के लिए भगवान कृष्ण के आदर्शों का आह्वान किया और कहा कि सद्भाव और एकता का एक सशक्त संदेश है. यह संदेश ऐसे समय में आया है जब बांग्लादेश की सरकार अल्पसंख्यकों पर हमले की वजह से आलोचना का सामना कर रही है.
एक पूर्व राजनयिक के मुताबिक अगस्त 2024 में मुहम्मद यूनुस का शासन आने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ा है. देश में हिंदुओं की हत्या अब आम होती जा रही है. यहां पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है. रिपोर्ट भी दर्ज नहीं होते और पीड़ितों के पक्ष में तत्काल कोई कार्रवाई नहीं होती. जमात और नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के नेता कथित तौर पर हिंदू लड़कियों के साथ बलात्कार की धमकी दे रहे हैं. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय चुप है. कई हिंदू परिवार डर के मारे देश छोड़कर भाग गए हैं.
बांग्लादेश में जन्माष्टमी समारोह.
— Guddu Khetan (@guddu_khetan) August 17, 2025
सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने किया शांतिपूर्ण बांग्लादेश के लिए भगवान कृष्ण के आदर्शों का आह्वान, सद्भाव और एकता का एक सशक्त संदेश है.
क्या ये जमात ए इस्लामी के कट्टरपंथियों, ISI, मुनीर के लिए बड़ा झटका है. pic.twitter.com/F3ZziAyDqz
चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी बांग्लादेश इस्कॉन के पूर्व नेता हैं और 2024 से ही राजद्रोह के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं. कई बार उनकी जमानत रद्द की जा चुकी है.
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इस बीच, बांग्लादेश में इस्कॉन ने तीन दिवसीय कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव शुरू हो चुका है. उत्सव के विभिन्न चरणों में भाग लेने के लिए भक्त ढाका के स्वामीबाग स्थित इस्कॉन के केंद्रीय मंदिर में उमड़ पड़े. बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद और महानगर सर्बोजनिन पूजा समिति ने ढाकेश्वरी राष्ट्रीय मंदिर में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया है.
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