पाकिस्तान के एक और अधिकारी पर भारत सरकार का बड़ा एक्शन... 24 घंटे में देश छोड़ने का आदेश, 8 दिनों में दूसरा अधिकारी अवांछित करार
भारत सरकार ने पाकिस्तान उच्चयोग में कार्यरत एक और अधिकारी को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित करते हुए देश छोड़ने का आदेश दिया है. इसके साथ ही पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी चार्ज डी'अफेयर्स को इस आशय का एक डिमार्शे जारी करते हुए कहा गया है कि वो इस बात को स्पष्ट करें कि भारत में रहने वाला कोई भी अधिकारी अपने अधिकार का दुरुपयोग न करे.

भारत सरकार का पाकिस्तान पर लगातार एक्शन जारी है. सरकार ने पाकिस्तान उच्चयोग में कार्यरत एक और अधिकारी को 'पर्सोना नॉन ग्राटा' घोषित करते हुए देश छोड़ने का आदेश दिया है. इस अधिकारी पर भारत में रहते हुए अपने आधिकारिक दर्जे के प्रतिकूल गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. सरकार की तरफ इसे 24 घंटे के भीतर देश छोड़ने के लिए कहा गया है. बताते चलें सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण बने हुए है.
पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी चार्ज डी'अफेयर्स को इस आशय का एक डिमार्शे जारी किया गया. इसमें उन्हें यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि भारत में कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक या अधिकारी किसी भी तरह से अपने विशेषाधिकारों और स्थिति का दुरुपयोग न करें. यह निष्कासन यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा और कई अन्य लोगों की पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तारी के बाद हुआ है. यह गिरफ्तारी भारतीय सशस्त्र बलों के ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय शहरों और सैन्य प्रतिष्ठानों पर पाकिस्तान के हमलों के प्रयास के जवाब में देश में जासूसी नेटवर्क पर कार्रवाई के दौरान की गई थी.
पर्सोना नॉन ग्राटा क्या होता है?
बताते चलें कि पर्सोना नॉन ग्रेटा" का अर्थ है "अवांछित व्यक्ति" .यह शब्द आमतौर पर राजनयिक मामलों में प्रयोग होता है, जब कोई देश किसी राजनयिक अधिकारी को अपने देश में अवांछित घोषित करता है. इसे कूटनीतिक स्तर पर बेहद स्तर पर बेहद सख़्त और गंभीर कार्रवाई मानी जाती है.
सरकार ने पहले भी दिया था ऐसा ही आदेश
इससे पहले 13 मई को भी एक पाकिस्तानी राजनयिक को देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर 'पर्सोना नॉन ग्रेटा' (अवांछित व्यक्ति) घोषित कर देश छोड़ने के लिए कहा गया था. विदेश मंत्रालय ने बताया था कि यह अधिकारी नई दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत था और उसकी गतिविधियां उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुरूप नहीं थीं. सरकार ने उसे 24 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया था. इसके अलावा, पंजाब पुलिस को भी जासूसी गतिविधियों से जुड़े एक महत्वपूर्ण नेटवर्क को उजागर करने में बड़ी सफलता मिली थी. पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी साझा करते हुए बताया था कि एक महत्वपूर्ण सफलता में मलेरकोटला पुलिस ने नई दिल्ली स्थित उच्चायोग में तैनात एक पाकिस्तानी अधिकारी से जुड़ी जासूसी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया.
गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की कार्रवाई से पहले पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े फैसले लिए थे. इसमें राजधानी नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चयोग में अधिकारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी गई थी. इसके साथ ही भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों को भी निष्कासित करते हुए एक हफ्ते में देश छोड़ने का आदेश जारी किया था.