अचूक होगी भारतीय सेना की मारक क्षमता, 'फ्लाइंग तोप' से हुई लैस, भारत पहुंची अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप
भारतीय थल सेना की मारक क्षमता अचूक होने जा रही है. दुनिया के सबसे उन्नत अटैक हेलीकॉप्टर में शुमार और 'फ्लाइंग तोप' कहे जाने वाले अपाचे हेलिकॉप्टर की पहली खेप भारत पहुंच गई है. कहा जा रहा है कि इसे सेना के एविएशन विंग का हिस्सा बनाया जाएगा और सीमावर्ती इलाकों में इसका व्यापक इस्तेमाल होगा. जब से भारत ने इसको लेकर अमेरिका से सौदा किया और डिलिवरी शुरू हुई है, आतंकिस्तान यानी पाकिस्तान की टेंशन बढ़ गई है.
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सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय सेना के जवानों और कैंप्स की ताकत बढ़ने जा रही है, निगरानी प्रणाली जबरदस्त होने जा रही है. जी हां, राजस्थान के जैसलमेर में कुछ ऐसा होने जा रहा है जिससे पाकिस्तान की नींद उड़़ा दी है. दरअसल अमेरिका से खरीदे गए अटैक अपाचे हेलिकॉप्टर सेना शामिल होने जा रहे हैं. मंगलवार को गाजियाबाद स्थित वायुसेना के हिंडन एयरबेस पर भारतीय थल सेना के लिए अपाचे हेलिकॉप्टर्स की पहली खेप पहुंची. यहां तीन अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर की पहली खेप हिंडन एयरबेस पर सफलतापूर्वक उतारी गई है. ये अटैक हेलिकॉप्टर सेना के एविएशन विंग का हिस्सा होंगे.
भारतीय सेना के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय थल सेना के लिए यह दिन एक ऐतिहासिक उपलब्धि लेकर आया है. भारतीय सेना को ऐसे कुल छह हेलिकॉप्टर मिलने हैं. माना जाना है कि अमेरिका से शेष तीन हेलिकॉप्टर्स की डिलीवरी इस वर्ष के अंत तक हो जाएगी. अपाचे हेलिकॉप्टर को 'फ्लाइंग तोप' भी कहा जाता है. ये दुनिया के सबसे उन्नत अटैक हेलिकॉप्टर में शुमार हैं.
#Apache for Indian Army
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) July 22, 2025
Milestone moment for Indian Army as the first batch of Apache helicopters for Army Aviation arrive today in India.
These state-of-the-art platforms will bolster the operational capabilities of the #IndianArmy significantly.#YearofTechAbsorption… pic.twitter.com/phtlQ4SWc8
अपाचे हेलिकॉप्टर में क्या कुछ ख़ास है?
अपाचे हेलिकॉप्टर में 30 एमएम चेन गन, रॉकेट पॉड्स, लेजर और रडार-निर्देशित हेलफायर मिसाइलें हैं. ये घातक हेलिकॉप्टर एक साथ कई लक्ष्यों को भेद सकते हैं. यह पहाड़ी व जटिल इलाकों में उड़ान भरने में सक्षम है. साथ ही इसमें सीमा पार जबरदस्त हमला करने की क्षमता है. ये अटैक हेलिकॉप्टर पहाड़ी युद्ध क्षेत्रों में बने दुश्मन के बंकर और आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने में भी सक्षम हैं. यही कारण है कि भारतीय थल सेना को अटैक अपाचे हेलिकॉप्टर मिलने से सेना की शक्ति में तो जबरदस्त इजाफा हुआ है, इसके साथ ही सेना के रिस्पांस टाइम में भी तेजी आएगी.
सेना के एविएशन कोर को मिलने वाले अपाचे हेलिकॉप्टर की यह पहली खेप है, जोकि मंगलवार को भारत पहुंची है. सेना का मानना है कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस ये हेलिकॉप्टर भारतीय सेना की संचालन क्षमता को उल्लेखनीय रूप से बढ़ाएंगे. सेना का कहना है कि इन अपाचे हेलिकॉप्टरों की तैनाती से थल सेना को आधुनिक युद्धक अभियानों में तेज, सटीक और शक्तिशाली हवाई समर्थन मिलेगा. भारतीय सेना ने इसे एक मील का पत्थर करार दिया है. भारतीय थल सेना की मारक क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में उठाया गया यह एक अहम कदम है.
एडवांस कॉम्बेट हेलिकॉप्टर है अपाचे
गौरतलब है कि अपाचे हेलिकॉप्टर की गिनती एडवांस कॉम्बेट हेलिकॉप्टरों में होती है. सेना अपने इन अटैक हेलिकॉप्टर्स को पाकिस्तानी सीमा के करीब जोधपुर में तैनात कर सकती है. अपाचे हेलिकॉप्टर के रूप में भारतीय सेना को एक और घातक हथियार मिला है. इस हथियार के लिए सेना लंबे समय से इंतजार कर रही थी. सेना को अपाचे हेलिकॉप्टर की यह डिलीवरी यह बीते वर्ष जून में मिलनी थी. मंगलवार सुबह करीब 15 महीने के इंतजार के बाद ये अपाचे हेलिकॉप्टर भारत आ गए. इन हेलिकॉप्टर्स में लॉन्गबो रडार है जो कि एक उन्नत रडार प्रणाली है. यह एक साथ 128 लक्ष्यों को ट्रैक कर सकती है और उनमें से 16 को सेकंड में निशाना बना सकती है.
टैंक व बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने वाली मिसाइलों से लैस हैं अपाचे हेलिकॉप्टर
वहीं हेलफायर मिसाइलें हवा से सतह पर मार करने करती हैं. ये मिसाइलें टैंक व बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने के लिए विकसित की गई हैं. इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट हैं. इसकी स्वचालित तोप उच्च दर की फायरिंग करती है, जो इसे नजदीकी लड़ाई में कारगर बनाती है. रक्षा मंत्रालय ने छह अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए अमेरिका के साथ एक समझौता किया था. इनमें से तीन हेलिकॉप्टरों की खेप मंगलवार को भारत पहुंच गई. अब शेष तीन हेलिकॉप्टर भी इसी कैलेंडर वर्ष के भीतर भारत को मिल सकते हैं.
ट्रंप के टैरिफ वार के कारण डिलिवरी में हुई देरी
हालांकि इन हेलिकॉप्टरों की डिलिवरी में वैश्विक सप्लाई चेन की रुकावटों और बदलती भू-राजनीतिक परिस्थितियों के चलते देरी हुई थी, लेकिन अब सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं. इससे पहले, भारतीय वायुसेना के पास दो अपाचे स्क्वाड्रन पहले से सक्रिय हैं, एक पठानकोट में और दूसरा जोरहाट में.
60 करोड़ डॉलर का सौदा, डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान हुआ था समझौता
2015 में भारत ने अमेरिका से 22 अपाचे हेलिकॉप्टर खरीदने का करार किया था, जिनकी आपूर्ति 2020 तक पूरी हो गई. इसके बाद, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के दौरान एक नया सौदा हुआ, जिसमें भारत ने छह और अपाचे खरीदने के लिए 60 करोड़ डॉलर की डील साइन की थी.
भारत के ’मेक इन इंडिया' को मिल रही ताकत
इन हेलिकॉप्टरों का निर्माण भारत में टाटा बोइंग एयरोस्पेस लिमिटेड के संयंत्र में हो रहा है, जो टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और अमेरिकी कंपनी बोइंग का संयुक्त उद्यम है. इससे भारतीय रक्षा उत्पादन क्षमता को भी मजबूती मिल रही है. जानकारी के मुताबिक इसी संयंत्र से 2023 में एक अपाचे हेलिकॉप्टर भारतीय सेना को सौंपा गया था — यह भारत में बना पहला अपाचे था. इससे न केवल आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिला, बल्कि घरेलू रक्षा उत्पादन की क्षमता भी बढ़ी.
इन तीन अपाचे हेलिकॉप्टरों की तैनाती केवल संख्या में इजाफा नहीं, बल्कि भारत की सीमाओं की सुरक्षा और दुश्मनों को करारा जवाब देने की रणनीतिक तैयारी का प्रतीक है. यह कदम न सिर्फ सैन्य दृष्टि से अहम है, बल्कि भारत की वैश्विक सामरिक स्थिति को भी मजबूत करता है.
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अपाचे, जिसे रात के अंधेरे में भी ढूंढना मुश्किल
अपाचे हेलिकॉप्टरों की सबसे बड़ी ताकत है इनका नाइट विजन नेविगेशन सिस्टम. इस तकनीक के जरिए ये हेलिकॉप्टर घने अंधेरे में भी दुश्मन के ठिकानों की पहचान कर सकते हैं और उन पर सटीक हमला कर सकते हैं. इन्हें सिर्फ युद्ध के लिए ही नहीं, बल्कि सुरक्षा और शांति मिशनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
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