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'मैं हर कीमत चुकाने को तैयार...किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा भारत', ट्रंप के 'टैरिफ बम' पर PM मोदी का दो टूक जवाब

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को स्पष्ट किया कि भारत किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा. उन्होंने कहा कि किसानों की भलाई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, चाहे इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से कोई कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े. यह बयान अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद आया है.

07 Aug, 2025
( Updated: 06 Dec, 2025
08:00 AM )
'मैं हर कीमत चुकाने को तैयार...किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा भारत', ट्रंप के 'टैरिफ बम' पर PM मोदी का दो टूक जवाब
Image: File Photo

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका के टैरिफ फैसले पर तीखा और स्पष्ट संदेश दिया. उन्होंने कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा. यह बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. प्रधानमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा कि चाहे उन्हें व्यक्तिगत रूप से कितनी भी बड़ी कीमत क्यों न चुकानी पड़े, देश के किसानों के लिए वे हर संघर्ष के लिए तैयार हैं.

पीएम मोदी का यह बयान उन्होंने एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान दिया. इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि भारत की प्राथमिकता में सबसे ऊपर किसान हैं. उन्होंने साफ कर दिया कि देश की ऊर्जा, कृषि और व्यापार नीतियां केवल विदेशी दबावों से नहीं, बल्कि देश की ज़रूरतों और जनहित के आधार पर बनेंगी.

भारत की सधी हुई प्रतिक्रिया

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया था. बाद में उन्होंने इसमें और 25 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए कुल 50 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान कर दिया. अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदकर पश्चिमी प्रतिबंधों को दरकिनार कर रहा है. इसीलिए ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर भारी शुल्क लगाने का निर्णय लिया. ट्रंप के इस फैसले के तुरंत बाद भारत सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी. इस कदम को “अनुचित, अन्यायपूर्ण और अविवेकपूर्ण” बताया. भारत ने कहा कि यह निर्णय व्यापारिक संतुलन के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है और अमेरिका की यह नीति विकासशील देशों के साथ भेदभाव करने जैसी है. विदेश मंत्रालय ने भी यह साफ कर दिया कि भारत की रूस से ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित में की जा रही है. मंत्रालय ने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति उसके 1.4 अरब नागरिकों की ज़रूरतों पर आधारित है. कच्चे तेल का आयात बाजार की स्थितियों और देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जाता है.

किसानों को प्राथमिकता

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान सिर्फ एक राजनीतिक संदेश नहीं, बल्कि आने वाले समय में भारत की रणनीति का संकेत भी है. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का झुकाव विदेशी दबावों के सामने नहीं होगा, चाहे वह अमेरिका जैसा शक्तिशाली देश ही क्यों न हो. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के किसान, मछुआरे और पशुपालक देश की आत्मा हैं. उनके हक की रक्षा करना सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है. प्रधानमंत्री ने अपनी बातों में यह भी जोड़ा कि अगर देश को आत्मनिर्भर बनाना है, तो खेती, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों को मज़बूत करना होगा. ये वो क्षेत्र हैं जो केवल रोजगार ही नहीं देते, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता की रीढ़ भी हैं.

क्या रूस से तेल खरीदना गलत है?

अमेरिका और पश्चिमी देश रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं. लेकिन भारत ने लगातार कहा है कि वह रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा, क्योंकि यह उसकी आर्थिक और ऊर्जा ज़रूरतों के लिए जरूरी है. विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के लिए यह सौदे बाज़ार दरों पर होते हैं और इनसे देश को सस्ता कच्चा तेल मिलता है. अगर भारत यह विकल्प छोड़ देता है, तो उसे कहीं ज़्यादा महंगे दामों पर ऊर्जा आयात करनी पड़ेगी. इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा. भारत का यह भी मानना है कि वह किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध का हिस्सा नहीं है. इसलिए रूस से व्यापार करना अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत गलत नहीं है.

किसानों के साथ खड़ा है भारत

प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत की विदेश नीति को लेकर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे थे. लेकिन प्रधानमंत्री के ताजा बयान से एक बात बिल्कुल साफ हो गई कि भारत अपने हितों से समझौता नहीं करेगा, चाहे इसके लिए किसी भी स्तर पर राजनीतिक, कूटनीतिक या आर्थिक कीमत क्यों न चुकानी पड़े. मोदी सरकार ने पहले भी किसानों के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है. चाहे वो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का मुद्दा हो, या फिर कृषि सुधारों का मामला. अब विदेश व्यापार और टैरिफ जैसे बड़े मुद्दों पर भी सरकार ने किसानों को प्राथमिकता दी है.

देश की असली शक्ति किसान 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य किसानों और पशुपालकों के हितों की रक्षा करना है. उन्होंने यह भी माना कि इसके लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से कीमत भी चुकानी पड़े तो वह तैयार हैं. पीएम मोदी ने साफ किया कि किसानों की आय बढ़ाने, खेती की लागत को कम करने और आमदनी के नए रास्ते खोलने के लिए सरकार लगातार प्रयासरत है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने कृषि क्षेत्र को देश की तरक्की की रीढ़ माना है और किसान ही भारत की असली शक्ति हैं.

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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो संदेश दिया है, वह केवल ट्रंप के टैरिफ बम का जवाब नहीं है. यह एक बड़ा संकेत है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपने आत्मसम्मान और आर्थिक स्वायत्तता को पहले रखेगा. भारत किसानों, मछुआरों और पशुपालकों की मेहनत पर टिके हुए राष्ट्र के रूप में उन्हें सबसे ऊपर रखेगा. इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ हो गया है कि भारत अब केवल किसी दबाव में आकर फैसले नहीं करेगा. देश की नीति अब जनता के हित में बनेगी, न कि किसी विदेशी शक्ति की शर्तों पर.

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