'स्वाभिमानी राष्ट्र है भारत, हर फैसला लेने में सक्षम...', रूस ने की हिंदुस्तान की खुलकर तारीफ, ट्रंप को सीधा संदेश!
रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक स्वाभिमानी देश है, अपने फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम है. उनका इशारा ट्रंप की धमकियों के बावजूद रूस के साथ तेल और व्यापार को जारी रखने के पीएम मोदी के फैसले की ओर था.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों और प्रेशर के बीच भारत और रूस के बीच रिश्ते और मजबूत होते जा रहे हैं. ऐतिहासिक रूप से मधुर रहे संबंध और बेहतर हुए हैं. इसी का नतीजा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन खुले तौर पर पीएम मोदी और हिंदुस्तान की तारीफ करने से नहीं चूकते हैं. अब एक बार फिर रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की नीतियों, स्टैंड लेने की क्षमता और स्वाभिमान की खुले तौर पर प्रशंसा की है.
सर्गेई लावरोव ने इस दौरान भारत के रूस से तेल खरीदने और दोनों देशों के रिश्तों पर कहा कि हम "भारत के राष्ट्रीय हितों का पूरा सम्मान करते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन राष्ट्रीय हितों को बढ़ावा देने के लिए जो विदेश नीति अपना रहे हैं, हम उसका पूरा सम्मान करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों और सरकार के बीच हाई लेवल पर नियमित संपर्क बना रहता है.
'भारत स्वाभिमानी राष्ट्र'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ की आलोचना करते हुए कहा कि हर देश को अपने व्यापारिक संबंध रखने का अधिकार है. रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस के साथ तेल व्यापार जारी रखने का फैसला सराहनीय है और वो इसका पुरजोर समर्थन करते हैं.
'भारत अपने फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम'
इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि भारत इस तरह के मामलों पर स्वयं और स्वतंत्र तरीके से निर्णय लेने में पूरी तरह सक्षम है. लावरोव ने अपने समकक्ष और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की सराहना करते हुए कहा कि नई दिल्ली के आत्म-सम्मान से समझौता न करने की नीति की जितनी तारीफ की जाए वो कम है. इसका उदाहरण देते हुए लावरोव ने कहा कि जयशंकर के साथ अपनी नियमित बातचीत में वो कभी भी तेल और व्यापार का मुद्दा नहीं उठाते हैं, क्योंकि भारत इन फैसलों को खुद लेने में पूरी तरह सक्षम है.
रणनीतिक नहीं विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी: लावरोव
लावरोव ने भारत के साथ अपने रिश्तों की महत्ता बताते हुए कहा कि एक समय भारत के उनके दोस्तों ने हमारी रणनीतिक साझेदारी को पूरक (Comprehensive Partnership) करने का प्रस्ताव रखा था. अब हम इसे विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी कहते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भारत और अमेरिका या भारत और किसी अन्य देश के बीच जो स्थितियां उत्पन्न होती हैं, मैं उन्हें भारत और रूस के रिश्तों का मानदंड नहीं मानता.
लावरोव ने किया विदेश मंत्री जयशंकर के यूएस को दिए जवाब का समर्थन
लावरोव ने जयशंकर के एक बयान का ज़िक्र किया, जिसमें उन्होंने साफ़ कहा था कि अगर अमेरिका तेल बेचना चाहता है तो भारत अपनी शर्तों पर बातचीत करेगा, लेकिन रूस या किसी और देश से भारत क्या खरीदता है, यह पूरी तरह भारत का अपना मामला है और इसका भारत-अमेरिका एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं है. लावरोव ने इस प्रतिक्रिया को बेहद योग्य बताते हुए कहा कि यह दिखाता है कि भारत, तुर्की की तरह, आत्मसम्मान रखता है.
दिसंबर में भारत यात्रा की यात्रा पर आएंगे पुतिन
रूसी विदेश मंत्री लावरोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन होने वाली भारत यात्रा के बारे में पुष्टि की है. पुतिन इस साल दिसंबर में भारत की यात्रा की योजना बना रहे हैं. लावरोव ने भारत-रूस संबंधों की मजबूती पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों का द्विपक्षीय एजेंडा बहुत व्यापक है.
अमेरिकी टैरिफ के बीच रूस का समर्थन
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लावरोव का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है, जब भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को लेकर चर्चा जारी है. ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% शुल्क लगा दिया है. इस शुल्क में से 25% अतिरिक्त प्रतिबंध रूस के साथ भारत के तेल व्यापार के कारण लगाए गए हैं. हालांकि भारत लगातार यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा नीतियां बाज़ार में उपलब्ध सबसे बेहतर पेशकशों और मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों से तय होती हैं, न कि किसी दबाव या राजनीतिक एजेंडे से.
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